लेबनान संकट के बीच सऊदी ने नागरिकों को देश छोड़ने का दिया आदेश

डिजिटल डेस्क,अबू धाबी। काफी वक्त से मध्य पूर्व के देश आपस में ही लड़ रहे हैं। अब लगता है एक बार फिर मध्य पूर्व के दो शक्तिशाली देशों में शुमार लेबनान और सऊदी अरब के बीच तनाव उभर सकता हैं। सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (UEA) ने अपने नागरिकों से फौरन लेबनान छोड़ने और वहां का दौरा न करने के आदश जारी कर दिए हैं। ये सब तब हुआ है जब अचनाक ही लेबनान के प्रधानमंत्री साद अल-हरीरी ने सऊदी अरब से रहस्यमय तरीके से इस्तीफा दे दिया है। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों देशों के बीच जबरदस्त तनाव उभर सकता है। सरकारी समाचार एजेंसी "सऊदी प्रेस एजेंसी" (SPA) ने विदेश मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से बताया कि लेबनान गणराज्य में बिगड़े हालात को देखते हुए सऊदी अरब ने अपने नागरिकों से जल्द से जल्द लेबनान छोड़ने को कहा है।
सऊदी अरब ने अपने नागरिकों को सलाह दी है कि वे किसी दूसरे देश से भी लेबनान न जाएं। इसके अलावा संयुक्त अरब अमीरात ने अपने नागरिकों से कहा कि वो लेबनान का दौरा करने से भी बचें।
लेबनान को है पीएम की गिरफ्तारी का शक
लेबनान को लगता है कि पीएम साद अल-हरीरी को सऊदी अरब में गिरफ्तार कर लिया गया है और उसने गुरुवार को मांग की थी कि सऊदी अरब तत्काल उसके पीएम को वापस करे। बता दें कि लेबनान के प्रधानमंत्री हरीरी अभी सऊदी अरब में हैं और उन्होंने अपनी जान को खतरे का हवाला देते हुए वहीं से इस्तीफा दे दिया है।
लेबनान के पीएम साद अल-हरीरी ने शनिवार को अचानक सऊदी अरब से अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे के बाद उन्होंने टेलीविजन संबोधन के जरिए इस फैसले की जानकारी दी। इतना ही नहीं उन्होंने संबोधन के दौरान अपनी जान को खतरा भी बताया था। इस संबोधन के बाद से पीएम साद को कहीं भी नहीं देखा गया हैं। यहां तक की उनके लेबनान पहुंचने तक पर भी संशय बना हुआ है।
क्यों दोनों देशों के बीच आई खटास?
पीएम साद ने अपने इस्तीफे से लेबनान के लोगों को हैरान कर दिया हैं। इस फैसले के बारे में बताते हुए पीएम साद ने ये भी कहा कि उनके देश को हिज्बुल्ला के आतंकियों ने बंधक बना लिया है। हालांकि हरीरी सरकार में हिज्बुल्ला की भागीदारी भी थी, लेकिन सऊदी अरब और हिज्बुल्ला संगठन के बीच छत्तीस का आंकड़ा है। वो हिज्बुल्ला को ईरान का आतंकी संगठन मानता है। सऊदी अरब का मानना है कि लेबनान सरकार में हिज्बुल्ला संगठन की भागीदारी सऊदी के खिलाफ युद्ध है। सऊदी अरब, ईरान और हिज्बुल्ला का लंबे समय से विरोध करता आ रहा है।
पिछले साल नवंबर में ही साद हरीरी को लेबनान का पीएम बनाया गया था। इसके पहले वो साल 2009 से 2011 तक लेबनान के पीएम रह चुके हैं। इससे पहले साल 2005 में साद अल-हरीरी के पिता और देश के पूर्व पीएम रफीक अल-हरीरी की हत्या भी कर दी गई थी।
राष्ट्रपति ने नहीं स्वीकार किया पीएम का इस्तीफा
लेबनान के राष्ट्रपति माइकल ओन ने कहा कि जब तक साद हरीरी के रहस्य का खुलासा नहीं हो जाता है, तब तक वो उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं करेंगे। लेबनान के राष्ट्रपति ने साद अल-हरीरी के इस्तीफे के कारण का पता लगाने और रहस्य का पर्दाफाश करने के लिए राजनयिक सहायता मांगी है। पीएम के करीबी एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि सऊदी अरब ने प्रधानमंत्री को इस्तीफा देने का आदेश दिया था और वहां उन्हें नजरबंद कर लिया गया है। हालांकि सऊदी अरब ने हरीरी को नजरबंद किए जाने के आरोपों को खारिज किया है। हरीरी की पार्टी फ्यूचर मूवमेंट ने अपने बयान में उन्हें पीएम और राष्ट्रीय नेता बताते हुए कहा है कि लेबनान में व्यवस्था बनाए रखने के लिए उनकी वतनवापसी जरूरी है।
Created On :   10 Nov 2017 1:06 PM IST