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दैनिक भास्कर हिंदी: पाकिस्तान में मानवाधिकारों की स्थिति हुई और भी बुरी - एशिया फोरम

डिजिटल डेस्क, ब्रुसेल्स। साउथ एशिया डेमोक्रैटिक फोरम (SADF) ने यूरोपियन यूनियन (EU) की उस रिपोर्ट की आलोचना की है जिसमे कहा गया था कि पाकिस्तान में मानवाधिकारों की स्थिति सुधर रही है। SADF के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा कि इस्लामाबाद की 'मारो और फेंको' पॉलिसी पहले से भी बदतर स्तर पर पहुंच गई है। बलूचिस्तान में मानवाधिकारों के हनन के सैकड़ों मामलों को देखने के बावजूद यूरोपियन यूनियन ने इस तरफ आंखे मूंद ली है, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।
मानवाधिकार की स्थिति पहले से बुरी
SADF के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर पाउलो कसाका ने कहा कि वह इस बात से सहमत नहीं हो सकते कि पाकिस्तान में मानवाधिकारों की स्थिति में सुधार आ रहा है। उन्होंने कहा कि उनके पास इस बात के सबूत हैं जिससे साबित हो सके कि स्थिति वास्तव में पहले से भी बुरी हो गई है। उन्होंने कहा, पाकिस्तान में मानवाधिकार कार्यकर्ताओ के अपहरण अभी भी जारी है। अपहरण के बाद उन्हें मार दिया जाता है। जब इनके शव मिलते है तो उन पर टॉर्चर के निशान होते है।
ऐमनेस्टी इंटरनैशनल रिपोर्ट का दिया हवाला
कसाका ने 2017-18 की ऐमनेस्टी इंटरनैशनल की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, 'शवों को क्षत विक्षत करना इस बात का प्रतीक है कि पाकिस्तान का कानून कमजोर लोगों को निशाना बनाता है, जिनमें अल्पसंख्यक, गरीब, मानसिक रोगी और बच्चे शामिल हैं।' कसाका ने अपने लेख में फेसबुक पर एक कथित ईशनिंदा वाले पोस्ट का जिक्र किया। उन्होंने कहा, 'बीते साल जून में फेसबुक पर एक कथित ईशनिंदा वाले पोस्ट को लेकर तैमूर रजा को पंजाब प्रांत में आंतकरोधी अदालत ने मौत की सजा सुनाई। सितंबर में एक ईसाई नदीम जेन्म को कोर्ट ने वॉट्सऐप पर ईशनिंदा वाली कविता साझा करने के आरोप में मौत की सजा सुनाई।'
आसिया केस का भी किया जिक्र
इसके अलावा नवंबर 2010 में एक जिला कोर्ट ने ईसाई महिला आसिया बीबी उर्फ आसिया नौरीन को ईशनिंदा के आरोप में ही मौत की सजा सुनाई थी। इस मामले का भी जिक्र कसाका ने किया। इस महिला दया याचिका को भी हाईकोर्ट ने 2014 में ठुकरा दिया था। हालांकि 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने कुछ समय के लिए आसिया की मौत की सजा पर रोक लगा दी। फिलहाल आसिया जेल में है। कसाका बताते है कि आसिया का अपराध सिर्फ इतना था कि उसने एक ऐसे कप मे पानी पिया था जो सिर्फ मुस्लिमों के लिए था।
क्या है PAK का ईशनिंदा कानून?
- इस कानून की जड़ें 19वीं सदी के ब्रिटिश साम्राज्य के नियमों पर आधारित हैं।
- 1980 के दशक में जियाउल हक के राष्ट्रपति बनने के बाद इसे एक बार फिर बढ़ा चढ़ा कर पेश किया गया।
- इस कानून के तहत कोई भी इस्लाम या पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ बोलेगा, तो उसे मौत की सजा दी जाएगी।
- अगर मौत की सजा नहीं दी जाती है तो इस व्यक्ति को या तो आजीवन कारावास झेलना पड़ेगा और साथ ही जुर्माना देना पड़ेगा।
- पाकिस्तान की जनसंख्या में से 4 प्रतिशत ईसाई नागरिकों का कहना है कि इस कानून से उन्हें नुकसान होता है।
- उनका कहना है कि कई बार इस कानून से संबंधित शिकायतें निजी दुश्मनी में बदला लेने के लिए की जाती है।
भोपाल: स्कोप कॉलेज में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग ने अपने छात्र -छात्राओं के भविष्य को संवारने के लिये भारत के आटोमोबाइल क्षेत्र में अग्रणी कम्पनी हीरो मोटोकार्प के साथ एक करार किया जिसमें ऑटोमोबाइल क्षेत्र में स्किल डेवलपमेंट के लिये एक विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना संस्था के प्रांगण में की गई है। ये अपने आप में एक अद्वतीय पहल है तथा सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। इसमें सभी नवीनतम कम्प्यूटराइज्ड मशीन के द्वारा टू-व्हीलर ऑटोमोबाइल कार्यशाला प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस वर्कशाप में उद्घाटन के अवसर पर कम्पनी के जनरल मैनेजर सर्विसेज श्री राकेश नागपाल, श्री मनीष मिश्रा जोनल सर्विस हेड - सेंट्रल जोन, श्री देवकुमार दास गुप्ता - डी जी एम सर्विस, एरिया मैनेजर श्री राम सभी उपस्थिति थे। साथ ही संस्था के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. अजय भूषण, डॉ. देवेंद्र सिंह, डॉ. मोनिका सिंह, अभिषेक गुप्ता आदि उपस्थित थे। संस्था के सभी शिक्षकगण तथा छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना से की गई , डॉ. मोनिका सिंह ने अतिथियों का संक्षिप्त परिचय दिया। डॉ. अजय भूषण ने सभी का स्वागत किया और बताया कि आने वाला समय कौशल विकास आधारित शिक्षा का है। कर्यक्रम में आईसेक्ट ग्रुप के कौशल विकास के नेशनल हेड अभिषेक गुप्ता ने ग्रुप के बारे मे विस्तार से बताया कि किस तरह हमेशा से आईसेक्ट ग्रुप ने कौशल विकास को हमेशा प्राथमिकता से लिया है। कार्यक्रम में एएसडीसी के सीईओ श्री अरिंदम लहिरी ऑनलाइन आकर सभी को बधाई दी तथा छात्र - छात्राओं को उनके उज्जवल भविष्य के लिये शुभाषीस भी दी।
कार्यक्रम में डॉ. देवेंद्र सिंह ने बताया कि कौशल विकास आधारित शिक्षा सनातन काल से भारतवर्ष में चली आ रही है मध्यकालीन समय में कौशल विकास पर ध्यान नही दिया गया परंतु आज के तेजी से बदलते हुए परिवेश में विश्व भर में इसकी आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसी आवश्यकता को देखते हुये स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में कुछ ही समय में विभिन्न क्षेत्रों के सात सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई है जो की विभिन्न क्षेत्रों मे छात्र- छात्राओं के कौशाल विकास मे महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।
भोपाल: सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों की बुलेट यात्रा का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में हुआ आगमन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। इंडिया गेट से जगदलपुर के लिए 1848 किमी की लंबी बुलेट यात्रा पर निकलीं सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने विश्वविद्यालय परिसर में आगमन पर भव्य स्वागत किया। लगभग 300 स्वयंसेवकों तथा स्टाफ सदस्यों ने गुलाब की पंखुड़ियों से पुष्प वर्षा करते हुए स्वागत किया। वहीं उनके स्वागत में एन एस एस की करतल ध्वनि से पूरा विश्वविद्यालय परिसर गुंजायमान हो उठा। इस ऐतिहासिक बाइक रैली में शामिल सभी सैन्यकर्मियों का स्वागत विश्वविद्यालय के डीन ऑफ एकेडमिक डॉ संजीव गुप्ता, डिप्टी रजिस्ट्रार श्री ऋत्विक चौबे, कार्यक्रम अधिकारी श्री गब्बर सिंह व डॉ रेखा गुप्ता तथा एएनओ श्री मनोज ने विश्वविद्यालय की तरफ से उपहार व स्मृतिचिन्ह भेंट कर किया। कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए डिप्टी कमांडेंट श्री रवीन्द्र धारीवाल व यात्रा प्रभारी श्री उमाकांत ने विश्वविद्यालय परिवार का आभार किया। इस अवसर पर लगभग 200 छात्र छात्राएं, स्वयंसेवक व एनसीसी कैडेट्स समस्त स्टाफ के साथ स्वागत में रहे मौजूद।