अमेरिका-नॉर्थ कोरिया के बीच बातचीत के लिए साउथ कोरिया भेजेगा डेलिगेशन

South Korea sending envoys to North Korea as Trump suggests U.S. willing to talk
अमेरिका-नॉर्थ कोरिया के बीच बातचीत के लिए साउथ कोरिया भेजेगा डेलिगेशन
अमेरिका-नॉर्थ कोरिया के बीच बातचीत के लिए साउथ कोरिया भेजेगा डेलिगेशन

डिजिटल डेस्क, सियोल। लंबे समय से अमेरिका और नॉर्थ कोरिया के बीच तल्खी भरा माहोल चल रहा है। इस बीच शनिवार को अमेरिकी प्रेसिडेंट ने एक शर्त पर नॉर्थ कोरिया के साथ बातचीत को लेकर संकेत दिए। इसके बाद साउथ कोरिया के प्रेसिडेंट मून जेई-इन विशेष दूतों का एक दल सोमवार को नॉर्थ कोरिया भेज रहे हैं। इस दल को भेजने का मकसद नॉर्थ-साउथ कोरिया के बीच तनाव को कम करना और अमेरिका की नॉर्थ कोरिया के साथ बातचीत कराने का प्रयास करना है। वहीं नॉर्थ कोरिया ने कहा कि वह अमेरिका से बातचीत के लिए न तो भीख मांग रहा है और न ही किसी सैन्य कार्रवाई से डर रहा है। वह अमेरिका से बिना किसी शर्त के बातचीत को तैयार है।

ये होंगे दल के सदस्य
रविवार को मून के कार्यालय ने 10 सदस्यीय दल को नॉर्थ कोरिया भेजने की घोषणा की है। इस दल में राष्ट्रीय सुरक्षा प्रमुख चुंग उई-योंग और राष्ट्रीय खुफिया प्रमुख सुह हून समेत पांच शीर्ष अधिकारी शामिल होंगे। यह दल कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु हथियार रहित बनाने के लिए अमेरिका-उत्तर कोरिया बातचीत और दोनों कोरिया के संबंधों को बेहतर बनाने जैसे मसलों पर चर्चा करेगा। ये दल नॉर्थ कोरिया से लौटने के बाद इस मीटिंग की जानकारी अमेरिका जाकर अमेरिकी अधिकारियों को देगा।

रेडी टू टॉक
इससे पहले शनिवार को अमेरिका के प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने "रेडी टू टॉक" की बात कही थी। ग्रिडिरोन क्लब डिनर के वक्त डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह नॉर्थ कोरिया से बातचीत के लिए तैयार है। हालांकि, डोनाल्ड ट्रंप ने बातचीत से पहले शर्त रखते हुए कहा है कि अगर नॉर्थ कोरिया डी न्यूक (न्यूक्लियर प्रोग्राम को बंद करना) होता है, तभी बातचीत संभव है। 

ये कहा था प्रेसिडेंट मून ने
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले साउथ कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन ने कहा था कि प्योंगचांग में विंटर ओलंपिक के समापन समारोह के दौरान उनकी उत्तर कोरियाई जनरल किम योंग चोल के साथ मुलाकात हुई थी। राष्ट्रपति ने मुलाकात में कहा था कि दोनों देशों को जल्द ही अपने रिश्ते समान्य बनाकर बातचीत शुरू करनी चाहिए। राष्ट्रपति मून ने कहा कि इस दौरान उन्हें संकेत मिला कि उत्तर कोरिया अमेरिका से बातचीत के लिए तैयार है। साथ ही उत्तर कोरिया ने सहमति जताई कि अंतर-कोरियाई संबंध और उत्तर कोरिया-अमेरिकी संबंधों को एक साथ विकसित करना चाहिए।

अमेरिका ने लगाए थे प्रतिबंध
अमेरिका ने उत्तर कोरिया खिलाफ कई प्रतिबंध लागू किये थे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया को आगाह करते हुए कहा था कि उत्तर कोरिया पर पहले दौर के प्रतिबंधों के काम न करने पर, दूसरे दौर के प्रतिबंध लगाए जाएंगे जो कि दुनिया के लिए बेहद दुर्भाग्यपूर्ण होंगे। अमरिकी ट्रेजरी डिपार्टमेंट ने 28 जलपोत और 9 परिवहन से जुड़ी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया है। जिन 27 कंपनियों को बैन किया है वह नॉर्थ कोरिया, सिंगापुर और चीन में रजिस्टर हैं। यूएस ट्रेजरी डिपार्टमेंट की ओर से कहा गया कि इन प्रतिबंधों को उत्तर कोरिया की शिपिंग और ट्रेडिंग कंपनियों व जहाजों को बाधित करने के लिए लगाया गया है, ताकि प्योंगयांग अकेला पड़ जाए।

Created On :   4 March 2018 8:58 PM IST

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