रॉकेट ने वातावरण में कर डाला 900 किमी बड़ा छेद

spacex falcon 9 rocket caused huge 900 km hole 
रॉकेट ने वातावरण में कर डाला 900 किमी बड़ा छेद
रॉकेट ने वातावरण में कर डाला 900 किमी बड़ा छेद
हाईलाइट
  • इसके साथ ताइवान का 450 किलोग्राम वजनी एक उपग्रह फॉर्मोसैट-5 भी था।
  • फॉल्‍कन-9 को 24 अगस्‍त
  • 2017 में अमेरिका के कैलिफोर्निया से प्रक्षेपित किया गया था।
  • वैज्ञानिकों का मानना है कि कम पेलोड होने के कारण फॉल्‍कन-9 झुकाव के बजाय सीधे ही पृथ्‍वी की कक्षा से बाहर निकल गया था।
  • इसके कारण आयन मंडल को ज्‍यादा नुकसान हुआ था और अंतरिक्ष में इसका असर 17.70 लाख वर्ग किलोमीटर तक महसूस किया गया था।
  • स्‍पेस एक्‍स के एक

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. स्‍पेस एक्‍स के एक रॉकेट से आयनमंडल में 900 किलोमीटर बड़ा छेद हो गया है. वैज्ञानिकों के मुताबिक पृथ्‍वी के वातावरण को इससे काफी नुकसान पहुंचा है। फॉल्‍कन-9 को 24 अगस्‍त, 2017 में अमेरिका के कैलिफोर्निया से प्रक्षेपित किया गया था। इसके साथ ताइवान का 450 किलोग्राम वजनी एक उपग्रह फॉर्मोसैट-5 भी था। इसके कारण जीपीएस में गड़बड़ी भी आ गई थी। वैज्ञानिकों का मानना है कि कम पेलोड होने के कारण फॉल्‍कन-9 झुकाव के बजाय सीधे ही पृथ्‍वी की कक्षा से बाहर निकल गया था। इसके कारण आयन मंडल को ज्‍यादा नुकसान हुआ था और अंतरिक्ष में इसका असर 17.70 लाख वर्ग किलोमीटर तक महसूस किया गया था।

सामान्‍य तौर पर रॉकेट कर्व के साथ उड़ान भरते हैं। इससे गुरुत्‍वाकर्षण बल के कारण होने वाले खिंचाव को कम करने में मदद मिलती है, लिहाजा रॉकेट को पृथ्‍वी की कक्षा से बिना किसी नुकसान के बाहर निकलने में मदद मिलती है। साथ ही पृथ्‍वी के ऊपरी परत (जैसे क्षोभमंडल, आयन मंडल, ओजोन मंडल आदि) को हानि नहीं पहुंचती है।

विशेषज्ञों के मुताबिक आयन मंडल में 900 किलोमीटर बड़ा छेद दो से तीन घंटे में प्राकृतिक तरीके से भर गया था। लेकिन, इस घटना से संचार व्‍यवस्‍था में फौरी तौर पर बाधा उत्‍पन्‍न हुई होगी। इसका एक और कारण बताया गया है. शोधकर्ताओं ने आशंका जताई है कि मंडल में मौजूद कणों के साथ रॉकेट के डैनों में मौजूद पदार्थों की अभिक्रिया हो गई थी। इसके कारण स्थिति ज्‍यादा विस्‍फोटक हो गई थी। रॉकेट के लांच होने के 13 मिनट बाद ही आयनमंडल में छेद हो गया था। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि भविष्‍य में बड़े रॉकेट से आयनमंडल को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है।  रॉकेट प्रक्षेपण आजकल बेहद आम बात हो गई है। ज्‍यादा वजनदार और बड़े रॅकेट को छोड़ा जाने लगा है। इससे पृथ्‍वी की मध्‍य और ऊपरी कक्षा को लगातार नुकसान हो रहा है।

बता दें कि पृथ्‍वी पर संचार व्‍यवस्‍था को सुचारू रखने में आयनमंडल की भूमिका बेहद अहम होती है। इसे बाहरी कक्षा माना जाता है। आयनमंडल में आयन और इलेक्‍ट्रॉन पाए जाते हैं जो रेडियो तरंगों को पृथ्‍वी पर भेजने में मददगार होते हैं। यही वजह है कि संचार उपग्रहों को इसकी कक्षा में स्‍थापित किया जाता है। जीपीएस और नेविगेशनल सेटेलाइट को भी इसी कक्षा में स्‍थापित किया जाता है।

Created On :   27 March 2018 6:27 PM IST

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