चीन के कर्ज तले दबा है श्रीलंका, भारत और जापान से लगा रखी है उम्मीद

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चीन के कर्ज तले दबा है श्रीलंका, भारत और जापान से लगा रखी है उम्मीद
चीन के कर्ज तले दबा है श्रीलंका, भारत और जापान से लगा रखी है उम्मीद
हाईलाइट
  • अब यह कर्ज बढ़ते-बढ़ते 5 अरब डॉलर का हो गया है
  • जबकि हंबनटोटा समझौते से श्रीलंका को 1.1 अरब डॉलर का राजस्व मिला था।
  • श्रीलंका ने साल 2009 में गृहयुद्ध से उबरने के बाद चीन से अरबों डॉलर का कर्ज लिया था।
  • सबसे बड़ी टेंशन इस बात की है कि अब अगर यह कर्ज बढ़ता है
  • तो देश के आर्थिक विकास में बाधा बन सकता है।

डिजिटल डेस्क, कोलंबो। भारत का पड़ोसी देश श्रीलंका चीन के कर्ज तले बुरी तरह से दब गया है। यही कारण है कि उसने अपना हंबनटोटा बंदरगाह पेइचिंग को 99 साल के लिए लीज पर दे दिया था। चीन के कर्ज तले दबने के कारण श्रीलंका सरकार को आलोचनाएं झेलनी पड़ रही हैं। बता दें कि श्रीलंका ने साल 2009 में गृहयुद्ध से उबरने के बाद चीन से अरबों डॉलर का कर्ज लिया था। अब यह कर्ज बढ़ते-बढ़ते 5 अरब डॉलर का हो गया है, जबकि हंबनटोटा समझौते से श्रीलंका को 1.1 अरब डॉलर का राजस्व मिला था।

श्रीलंका के पीएम रानिल विक्रमसिंघे ने अपने एक इंटरव्यू में कहा है कि उन्हें भारत और जापान से विदेशी निवेश की दरकार है। अपनी बात रखते हुए विक्रमसिंघे ने कहा कि हम अपने देश में बड़ी संख्या में विदेशी निवेशकों को आमंत्रित करने के लिए सोच रहे हैं। शुरुआत में ये निवेशक चीन, जापान और भारत से आएंगे और बाद में अन्य निवेशक मिलेंगे। हमें उम्मीद है कि वे निवेशक यूरोप से होंगे।

वहीं एक बिजनेस कॉन्फ्रेंस से इतर विक्रमसिंघे ने कहा था कि हंबनटोटा में बोझ हम पर है, क्योंकि चीनी व्यापारियों और श्रीलंका बंदरगाह प्राधिकरण ने इसका अधिकार ले लिया है। बता दें कि पिछले साल भी श्रीलंकन पीएम ने चीन के साथ हुए हंबनटोटा समझौते का भी बचाव किया था।

गौरतलब है कि पीएम विक्रमसिंघे ने साल 2015 में सत्ता संभाली थी। इस दौरान सत्ता संभालते ही उन पर देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का बहुत बड़ा दबाव था, जो अब तक कम होने का नाम नहीं ले रहा है। बात करें इससे पहले की सरकार की तो, उसने भी साल 2009 में गृहयुद्ध से उबरने के बाद चीन से अरबों डॉलर का कर्ज लिया था। सबसे बड़ी टेंशन इस बात की है कि अब अगर यह कर्ज बढ़ता है, तो देश के आर्थिक विकास में बाधा का बन सकता है।

Created On :   27 March 2018 12:24 PM GMT

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