दुनिया के आखिरी सफेद गैंडे 'सूडान' की मौत, सिक्योरिटी में तैनात रहते थे गनमैन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दुनिया का इकलौता सफेद नर गैंडा "सूडान" आखिरकार दुनिया को अलविदा कह ही गया। सूडान ने केन्या के ओआई पेजेटा अभ्यारण्य में आखिरी सांस ली। अभ्यारण्य ने एक बयान जारी कर बताया है कि 45 वर्षीय सूडान की हालत तबीयत खराब होने की वजह से सोमवार को उसे मौत की दवा दे दी गई। बयान में ये भी कहा गया है कि उम्र बढ़ने के कारण उसकी मांसपेशियां और हड्डियां भी कमजोर हो गई थी, जिसके बाद अभ्यारण्य ने उसे दया मृत्यु देना ही ठीक समझा। बता दें कि अब सफेद गैंडे के नाम पर सिर्फ दो मादा गैंडे ही बचे हैं।
पूरे शरीर में घाव थे सूडान के
ओआई पेजेटा अभ्यारण ने अपने एक बयान में कहा है कि सोमवार को 45 वर्ष के गैंडा सूडान को दया मृत्यु दे दी गई। यह फैसला वन्य जीव अधिकारियों से सलाह मशविरा के बाद लिया गया। दरअसल सूडान उम्र के अंतिम पड़ाव पर वह कई प्रकार की स्वास्थ्य जटिलताओं से पीडि़त था। वह मांस पेशियों, हड्डियों और त्वचा में गहरे घाव से पीडि़त था। उसके दाहिने पैर में गहरे जख्म हो गए थे। बयान में कहा गया है कि सूडान की हालत इतनी खराब हो गई थी कि उसने फरवरी के आखिरी दो हफ्ते और मार्च के शुरुआत लेटे-लेटे ही बिता दी।
It’s been raining heavily on Ol Pejeta for the past couple of days and the weather certainly seems to have lifted Sudan’s spirits. He has been able to wallow in the mud - with the careful assistance of his caregivers – something that he seems to savour. pic.twitter.com/B0bhaIL7GN
— Ol Pejeta (@OlPejeta) March 6, 2018
24 घंटों में और बिगड़ी हालत
बताया जा रहा है कि इकलौते सफेद नर गैंडे सूडान की हालत पिछले 24 घंटे में और ज्यादा बिगड़ गई थी। वो ठीक से खड़ा भी नहीं हो पा रहा था। जिसके बाद पशु चिकित्सकों की टीम और ओआई पेजेटा अभ्यारण्य की टीम ने उसे दया मृत्यु देने का फैसला लिया और उसे मौत की दवा पिलाई गई। केन्या से पहले सूडान चेक रिपब्लिक के एक चिड़ियाघर में दो मादा गैंडों के साथ रहता था। अब सफेद गैंडों के नाम पर सिर्फ यही दो मादा गैंडे बचीं हुईं हैं, जिनमें एक नजिन है, जो 27 साल की है और दूसरे काम फेतु है, जो अभी 17 साल की है।
कौन था सूडान?
सूडान दुनिया का आखिरी सफेद नर गैंडा था, जो केन्या के ओआई पेजेटा अभ्यारण्य में रह रहा था। गैंडों की सींग की बढ़ती मांग के बाद दुनिया से गैंडों की प्रजाति धीरे-धीरे खत्म होती जा रही है। लिहाजा सूडान को केन्या के ओआई पेजेटा अभ्यारण्य में खूब ख्याल के साथ रखा जाता था। बताया जाता है कि सूडान को सिक्योरिटी भी दी जाती थी और उसके साथ हमेशा गनमैन भी तैनात रहते थे। सूडान के अलावा बची हुई दो मादा गैंडों को भी खूब सिक्योरिटी के साथ रखा जाता है।
Created On :   20 March 2018 3:45 PM IST