मुसलमानों को हिरासत में लेकर कम्युनिस्ट विचारधारा से जोड़ने की ट्रेनिंग दे रहा चीन

मुसलमानों को हिरासत में लेकर कम्युनिस्ट विचारधारा से जोड़ने की ट्रेनिंग दे रहा चीन
मुसलमानों को हिरासत में लेकर कम्युनिस्ट विचारधारा से जोड़ने की ट्रेनिंग दे रहा चीन
हाईलाइट
  • अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थाओं का कहना है चीन सराकर मुसलमानों को उनकी सांस्कृति से अलग कर रही है।
  • ट्रांसफॉर्मेशन कैंप में मुसलमानों को दी जा रही है विशेष ट्रेनिंग
  • मुसलमानों को इस्लाम से अलग कर कम्युनिस्ट विचार धारा से जोड़ रही है चीन की सरकार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीन की सरकार मुसलमानों को सच्चा देशभक्त और वफादार बनाने के लिए विशेष ट्रेनिंग दे रही है। सरकार ने इसके लिए ट्रांसफॉर्मेशन कैंप खोले हैं, जहां अल्पसंख्यकों को चीन की सरकार और कम्युनिस्ट पार्टी के लिए वफादार बनाया जाएगा। चौंकाने वाली बात ये है कि चीन में अल्पसंख्यक अपनी मर्जी से ट्रेनिंग लेने के लिए नहीं आ रहे हैं, बल्कि उन्हें जबरदस्ती पकड़कर कैंप तक लाया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थाओं को कहना है कि सरकार उइगर मुसलमानों की सांस्कृतिक पहचान को खत्म करने के लिए उन पर जबरन अत्याचार कर रही है। 

गौरतलब है कि पाकिस्तान अपनी सीमा के एकदम नजदीक ही मुसलमानों पर हो रहे इस अत्याचार पर एकदम खामोश है, जबकि भारत में मुसलमानों पर कथित आत्याचार को लेकर वो झूठा प्रचार हमेशा करता रहता है। अन्य मुस्लिम देश भी इस मुद्दे पर एकदम खामोश हैं, जबकि पश्चिमी मानवाधिकार संगठन अब इस अत्याचार पर आवाज उठाने लगे हैं। रविवार को चीन के इन कैंपों को लेकर एक विदेशी अखबार में प्रकाशित खबर के मुताबिक चीन में हजारों अल्पसंख्यकों को कम्युनिस्ट विचारधारा से जोड़ने के लिए इस तरह के ट्रेनिंग कैंप संचालित किए जा रहे है। चीन का मुख्य उदेश्श्य मुसलमानों को चीन के प्रति वफादार बनाना है। चीन में करीब 2.3 करोड़ मुस्लिम आबादी है, जिसमें लगभग एक करोड़ उइगर मुस्लिम शिनजियांग प्रांत में रहते हैं। जिसमें से चीनी सरकार ने करीब 10 लाख उइगर मुस्लिमों को अपने ही शहर में नजरबंद कर दिया है।

 

 

 

Created On :   10 Sept 2018 3:13 PM IST

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