6 गल्फ देशों के साथ सिक्यॉरिटी और पॉलिटिकल अलायंस बनाएंगे ट्रम्प

- अक्टूबर में हो सकता है पहला सम्मेलन
- अमेरिका के निशाने पर इरान
- अमेरिका बना रहा है नया गठबंधन
डिजिटल डेस्क,वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपती डोनाल्ड ट्रंप और उनका प्रशासन ईरान को घेरने में कोई कोर कसर नही छोड़ना चाहता है। पहले तो तमाम तरह के प्रतिबंध लगाकर अमेरिका ने ईरान को वैश्विक व्यापार जगत से अलग-थलग कर दिया है और अब ट्रंप प्रशासन ईरान पर निशाना साधने दूसरे हतकंडों पर भी काम कर रहा है। ट्रंप प्रशासन 6 गल्फ देशों, मिस्र और जॉर्डन के साथ मिलकर एक नया सिक्यॉरिटी और पॉलिटिकल अलायंस बनाने का प्रयास कर रहा है। अमेरिकी और अरब प्रशासन के मुताबिक यह कदम इस इलाके में ईरान के प्रभाव को घटाने के लिए उठाया जा रहा है।
कई क्षेत्रों में आ सकते है साथ
अमेरिका इन देशों के साथ मिसाइल डिफेंस, मिलिटरी ट्रेनिंग, आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता के साथ ही क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था और कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करने जैसे कई मसलों पर सहयोग के लिए पहल कर रहा है। अमेरिका के साथ आए इन सुन्नी मुस्लिम देंशों के नए गठबंधन को "अरब नाटो" का नाम दिया जा रहा है। अमेरिका और ईरान के संबंध पहले से ही खराब चल रहे है, वहीं ट्रंप शासन के ईरान विरोधी रवैये के चलते इन दोनों मुल्कों के बीच कड़वाहट और बढ़ने की आशंका है।
अक्टूबर में होना है इन देशों का सम्मेलन
अमेरिका के साथ आए इन देशों के समूह को मिडल ईस्ट स्ट्रैटिजिक अलायंस (MESA) के नाम से भी जाना जा रहा है। इस नए समूह के लिए 12-13 अक्टूबर में होने वाले सम्मेलन में चर्चा हो सकती है। वाइट हाउस ने पुष्टि की है कि अमेरिका अपने रीजनल पार्टनर्स के साथ अलायंस को लेकर पिछले लंबे समय से काम कर रहा है। वाइट हाउस नेशनल सिक्यॉरिटी काउंसिल के प्रवक्ता ने बताया कि ईरान की आक्रामकता, आतंकवाद, उग्रवाद के खिलाफ MESA एक दीवार की तरह काम करेगा। उन्होंने कहा कि MESA के प्रयासों से मिडल ईस्ट में स्थायित्व आएगा।
पहले भी हो चुकी है ऐसे गठबंधन बनाने की कोशिश
ट्रंप शासन के पहले भी अमेरिकी प्रशासन ऐसे समूह बनाने की दिशा मे काम कर चुका है। गल्फ और अरब सहयोगियों के साथ औपचारिक गठबंधन बनाने की इससे पहले की गई कोशिशें सफल नहीं हो पाई थी। वॉशिंगटन, रियाद और अबु धाबी ने ईरान पर पूरे इलाके को अस्थिर करने, प्रॉक्सी समूहों के माध्यम से कुछ अरब देशों में अशांति को बढ़ावा देने और इजराइल को धमकाने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं।
Created On :   28 July 2018 7:15 PM IST