वैश्विक संकट के बीच यूएनजीए का 75 वां वर्षगांठ सत्र शुरू

UNGAs 75th anniversary session begins amid global crisis
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संयुक्त राष्ट्र, 16 सितम्बर (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र महासभा के नए सत्र के उद्घाटन ने 75 साल पहले शुरू हुए वैश्विक संगठन की गूंज को प्रतिध्वनित किया जब दुनिया एक संकट से उबर रही थी।

तब 51 देश इसके सदस्य थे। भारत उनमें से एक था। उस समय विनाशकारी द्वितीय विश्व युद्ध बस खत्म ही हुआ था और सब इससे उबरने की कोशिश कर रहे थे। इस साल कोविड-19 जैसी महामारी है जिसकी चपेट में संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देश हैं।

मंगलवार को विधानसभा का 75वां सत्र शुरू होने से ठीक पहले, महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा, कोविड -19 महामारी ने हमारे जीवन और हमारे समुदायों को प्रभावित किया है। हम सभी अनिश्चितता के उच्च स्तर से निपट रहे हैं। फिलहाल हम अभी भी समस्या के बीच में हैं।

सत्र को संयुक्त राष्ट्र के एक भव्य कार्यक्रम के रूप में मनाने की योजना थी और इसमें राष्ट्रपतियों, प्रधानमंत्रियों को भाग लेना था, ताकि एक बेहतर दुनिया के संकल्प का नवीनीकरण हो सके। लेकिन कोविड महामारी ने सब पर पानी फेर दिया।

इसके बजाय, विश्व के नेता अगले सप्ताह न्यूयॉर्क में होने वाली असेंबली की उच्च स्तरीय बैठक के दौरान पहले से रिकॉर्ड किए गए वीडियो के जरिए बोल रहे होंगे।

75 वें सत्र की शुरुआत के मौके पर गुटेरेस ने कहा, यह वर्ष हमारे संगठन के जीवन में महत्वपूर्ण होगा।

वहीं, 75वें सत्र की अगुवाई करने वाले वोल्कन बोजकिर ने संयुक्त राष्ट्र के लिए अन्य खतरे एकपक्षीयता (यूनिलैटरलिज्म) की ओर ध्यान खींचा।

उन्होंने कहा, कोई भी देश इस महामारी से अकेले नहीं लड़ सकता है। सोशल डिस्टेंसिंग से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मदद नहीं मिलेगी। एकपक्षीयता केवल महामारी को मजबूत करेगा।

नए महासभा प्रमुख ने कहा कि संकट के इस समय में, यह हमारी जिम्मेदारी है कि बहुपक्षीय सहयोग और अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं में लोगों के विश्वास को मजबूत करें।

अपने मिशन को रेखांकित करते हुए, बोजकिर ने कहा, मैं इस हॉल को मानवता की संसद के रूप में देखता हूं। और मैं इस मंच का उपयोग दुनिया के सबसे कमजोर लोगों की आवाज को बढ़ाने के लिए करना चाहता हूं।

महासभा के 75 वें सत्र के दौरान भारत के लिए अग्रिम पंक्ति की सीट होगी, जो अगले साल सितंबर तक चलेगी।

बैठने की व्यवस्था लॉटरी के आधार पर प्रत्येक सत्र के लिए वणार्नुक्रम में की जाती है, जिसे आइसलैंड ने पहली सीट के साथ जीता। भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी.एस. तिरुमूर्ति ने दूसरी सीट ली।

बोजकिर ने बताया कि तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन सहित कुछ नेता 22 सितंबर से शुरू होने वाले सत्र की उच्चस्तरीय बैठक में भाग लेना चाहते थे, लेकिन 14 दिन के जरूरी क्वारंटीन के कारण नहीं कर सके।

न्यूयॉर्क राज्य द्वारा लागू किया गया क्वांरटीन नियम केवल विदेशों से बैठक में आने वाले नेताओं पर लागू होता है।

ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगले मंगलवार को बैठक में आ सकते हैं, लेकिन बोजकिर ने कहा कि उन्होंने कोई आधिकारिक अधिसूचना नहीं देखी है।

वीएवी-एसकेपी

Created On :   16 Sep 2020 7:31 AM GMT

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