PNB Fraud: नीरव मोदी से वसूली करना हुआ मुश्किल, US कोर्ट से नीरव को राहत

डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। पंजाज नेशनल बैंक के 12,600 करोड़ के घोटाले के आरोपी नीरव मोदी से वसूली करना अब पीएनबी के लिए और भी मुश्किल हो गया है। दरअसल नीरव मोदी ने अपनी कंपनी को दीवालिया घोषित करने की अर्जी यूएस कोर्ट में लगाई थी। कंपनी ने ये अर्जी अमेरिका में बैंकरप्सी नियम के चैप्टर 11 के तहत दी है। जिस पर जज सॉन एच लेन ने सुनवाई की। शुक्रवार को अमेरिकी दिवालिया अदालत ने कहा कि इस संबंध में याचिका मंजूर होने के साथ ही कर्ज वसूलियों पर खुद ब खुद रोक लग जाती है। इसमें कहा गया है, जब तक ये रोक लागू है, लोन देने वाले अपने कर्जदार से वसूली के लिए न उन पर कोई केस कर सकते हैं और न ही उनकी संपत्तियां ही जब्त कर सकते हैं। इसकी अवहेलना करने वालों को वास्तविक और दंडात्मक नुकसान और वकील की फीस भी चुकानी पड़ सकती है।
यहां ये जान लेना जरूरी है कि नीरव मोदी की कंपनियों द्वारा दाखिल दिवालिया अर्जी के दस्तावेजों में केवल एचएसबीसी और इजरायल डिस्काउंट बैंक (आईडीबी) बैंक का ऋणदाता के रूप में उल्लेख है, जिनका कुल 2 करोड़ डॉलर दो कंपनियों पर बकाया है। आईडीबी से ऋण लेने के लिए मोदी ने निजी गारंटी प्रदान की थी, साथ ही दो अन्य कंपनियों ने भी गारंटी प्रदान की थी। जबकी पंजाब नेशनल बैंक का इस अर्जी में जिक्र नहीं किया गया है। नीरव मोदी की तीन कंपनियों - फायरस्टार डायमंड इंक (एफडीआई), फैंटेसी इंक (एफआई), और ए जेफे इंक (एजेआई) ने अमेरिका के दक्षिणी न्यूयार्क दिवालिया अदालत में दिवालिया होने की याचिका दाखिल की है। नीरव मोदी की कंपनी ने सोमवार को न्यू यॉर्क की साउदन बैंकरप्सी कोर्ट में ये अर्जी दाखिल की थी।
नकदी और आपूर्ति में परेशानी
फायर स्टार डायमंड ने न्यूयॉर्क की अदालत में अर्जी देते हुए बताया है कि उसकी कुल संपत्ति (असेट और लाएबिलिटी) 320 करोड़ रुपये से 650 करोड़ रुपये के दायरे में है। नकदी और आपूर्ति में परेशानियों के चलते कंपनी इस स्थिति में पहुंची है। अदालत में दाखिल दस्तावेजों में कंपनी ने 10 करोड़ डॉलर की संपत्तियों व कर्ज का जिक्र किया है। कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक अमेरिका, यूरोप, पश्चिम एशिया व भारत सहित कई देशों में उसका नेटवर्क फैला है।
बैंकरप्सी चैप्टर 11 के तहत अर्जी
नीरव मोदी की कंपनी ने खुद को दीवालिया घोषित करने के लिए बैंकरप्सी नियम के चैप्टर 11 के तहत अर्जी दी है। बैंकरप्सी नियम का यह चैप्टर आमतौर पर किसी कंपनी अथवा पार्टनरशिप के रिऑर्गेनाइजेशन के लिए दिवालियापन का प्रावधान करता है। चैप्टर 11 के तहत आमतौर पर वह कर्जदार अपील करता है जो अपने बिजनेस को जिंदा रखने की कोशिश में अपने कर्जदार का पैसा किश्त में चुकाने की मंशा जाहिर करता है।
12,600 करोड़ का घोटाला
देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक कहे जाने वाले पंजाब नेशनल बैंक में पिछले दिनों 11,400 करोड़ रुपए के घोटाले होने का खुलासा हुआ था। ये घोटाला बैंक की मुंबई की ब्रेडी हाउस ब्रांच में हुआ। इस घोटाले की शुरुआत 2011 में हुई थी और पिछले 7 सालों में हजारों करोड़ रुपए फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LOUs) के जरिए विदेशी अकाउंट्स में ट्रांसफर कर दिए गए। इस खुलासे के बाद PNB ने हीरा कारोबारी नीरव मोदी के एक और फ्रॉड का खुलासा किया। ये फ्रॉड करीब 1300 करोड़ रुपए का है। पीएनबी की ओर से सोमवार देर रात स्टॉक एक्सचेंज को नीरव मोदी और उनके बिजनस पार्टनर मेहुल चौकसी की ओर से 1,322 करोड़ रुपये के एक और फ्रॉड के बारे में जानकारी दी गई।
Created On :   2 March 2018 3:08 PM IST