गतिरोध के बावजूद अमेरिकी प्रतिनिधि सभा को आखिरकार एक स्पीकर मिला
- मैक्कार्थी को पूर्व राष्ट्रपति ने भी समर्थन दिया था
डिजिटल डेस्क, वाशिंगटन। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा को आखिरकार शनिवार को 1 बजे के बाद स्पीकर मिल गया। रिपब्लिकन केविन मैक्कार्थी ने प्रतिनिधि सभा में ऐतिहासिक रूप से गतिरोध वाले चुनाव के 15वें दौर में जीत हासिल की, जिससे वह इसके 55वें अध्यक्ष बन गए, जिससे वे उपराष्ट्रपति के बाद राष्ट्रपति पद के लिए दूसरे स्थान पर आ गए। मैककार्थी ने बाद में संवाददाताओं से कहा, मुझे खुशी है कि गतिरोध खत्म हो गया है।
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष का चुनाव चैंबर के नव-निर्वाचित 435 सदस्यों द्वारा किया जाता है। 1923 के बाद से किसी भी स्पीकर का चुनाव पहले वोट से आगे नहीं बढ़ा था और कोई भी इतने लंबे समय तक संघर्ष नहीं किया था।
रिपब्लिकन सांसदों के एक निर्धारित समूह द्वारा विरोध किए जाने पर मैक्कार्थी पांच-दिवसीय चुनाव से गुजरे, जिनकी एक चरण में संख्या 20 थी। उनमें से मुट्ठीभर लोग अंत तक डटे रहे और मतदान किया। उन्हें 218 की आवश्यकता के विरुद्ध 216 मतों के साथ बोर्ड खाली करने की अनुमति दी गई। उनके डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी हकीम जेफरीज को 212 वोट मिले। रात के 1 बज चुके थे।
मैक्कार्थी ने सदन में एक भाषण में कहा, सदन के अध्यक्ष के रूप में मेरी अंतिम जिम्मेदारी मेरी पार्टी के लिए नहीं है, बल्कि अपने देश के लिए है। मैक्कार्थी (57) कैलिफोर्निया से प्रतिनिधि सभा के सदस्य हैं। वह नैन्सी पेलोसी की तरह सफल रहे और डेमोक्रेट पर भारी पड़े हैं।
उन्हें जीत के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी है। उन्होंने एक के बाद एक रिपब्लिकन होल्डआउट का समर्थन हासिल करने के लिए रियायतें दीं, जिसमें एक नया नियम भी शामिल है जो रिपब्लिकन सम्मेलन के किसी भी एक सदस्य को वोट देने के लिए बुलाने की अनुमति देगा। पेलोसी ने इसे सिकुड़ती स्पीकरशिप कहा है।
पांच दिवसीय चुनाव ने एक कटु विभाजित रिपब्लिकन सम्मेलन को उजागर किया, जो सदन को एक संकीर्ण बहुमत के साथ रखता है। 8 नवंबर, 2022 के मध्यावधि चुनाव में रिपब्लिकन ने 222 से 212 के कमजोर-से-अपेक्षित अंतर से सदन जीता। डेमोक्रेट्स ने सीनेट पर नियंत्रण बनाए रखा।
होल्डआउट सभी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कट्टर समर्थक थे, लेकिन उन्होंने मैक्कार्थी के लिए रैली करने के आह्वान का अंत तक विरोध किया था। मैक्कार्थी को पूर्व राष्ट्रपति ने भी समर्थन दिया था।
(आईएएनएस)
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Created On :   8 Jan 2023 2:00 AM IST