अमेरिका की भारत को चेतावनी, वेनेजुएला से तेल खरीदना बंद नहीं किया तो भुगतना होगा अंजाम
- अमेरिका के NSA जॉन बोल्टन ने भारत को वेनेजुएला से तेल खरीदने से मना किया है।
- अमेरिका ने भारत समेत कई देशों को वेनेजुएला से तेल खरीदने को लेकर चेतावनी दी है।
- अमेरिका ने वेनेजुएला की तेल कंपनी PDVSA पर प्रतिबंध लगा दिया था।
डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। अमेरिका ने भारत समेत कई देशों को वेनेजुएला से तेल खरीदने को लेकर चेतावनी दी है। अमेरिका के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर जॉन बोल्टन ने कहा है कि जो देश वेनेजुएला और उसके राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की चोरी को सपोर्ट कर रहे हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
बोल्टन का यह बयान वेनेजुएला के तेल मंत्री और PDVSA के चेयरमैन मैनुअल क्विवेदो के बयान के बाद आया है। मैनुअल ने ग्रेटर नोएडा में आयोजित पेट्रोटेक सम्मेलन में कहा था कि उनका देश भारत को ज्यादा से ज्यादा तेल बेचना चाहता है। मैनुअल ने कहा था कि भारत के साथ हमारे संबंध अच्छे हैं। हम भारत के साथ ट्रेड बनाए रखना चाहते हैं।
Nations and firms that support Maduro’s theft of Venezuelan resources will not be forgotten. The United States will continue to use all of its powers to preserve the Venezuelan people’s assets and we encourage all nations to work together to do the same. https://t.co/4MmHyjFY8K
— John Bolton (@AmbJohnBolton) February 12, 2019
मैनुअल की बातों का जवाब देते हुए बोल्टन ने कहा, जो देश मादुरो और उनके फर्म को सपोर्ट कर रहे हैं, उनके साथ अच्छा नहीं होगा। यूएस अपने पावर का इस्तेमाल कर वेनेजुएला के लोगों की संपत्ती और संसाधनों को बचाएगा। इसके साथ ही हम दूसरे देशों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करेंगे और साथ काम करेंगे।
बता दें कि अगर भारत वेनेजुएला से तेल इम्पोर्ट करना बंद करता है, तो इससे दोनों देशों को नुकसान सहना पड़ सकता है। वेनेजुएला भारत का चौथा बड़ा तेल एक्सपोर्टर देश है। अमेरिका द्वारा बैन लगाने के बाद भारत ईरान से केवल 40 प्रतिशत तेल एक्सपोर्ट करता है। ऐसे में वेनेजुएला पर भी बैन लगने से भारत की दिक्कतें बढ़ सकती हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि हम वेनेजुएला की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। हम चाहते हैं कि जल्दी ही इस मामले पर कोई हल निकले। हम चाहते हैं कि वहां कोई हिंसा न हो।
वेनेजुएला में इन दिनों राष्ट्रपति मादुरो के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इसके बाद अमेरिका ने वेनेजुएला की तेल कंपनी PDVSA पर प्रतिबंध लगा दिया था। पूर्व राष्ट्रपति ह्यूगो चावेज ने अपने निधन से पहले निकोलस मादुरो को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था। मादुरो वहां की अर्थव्यवस्था को संभाल नहीं सके और उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। इसी बीच पिछले हफ्ते विपक्ष के नेता ग्वाइदो ने खुद को अंतरिम राष्ट्रपति घोषित कर दिया। हालांकि मादुरो ने इसे मानने से साफ इनकार कर दिया और कहा कि वह इस पद पर बने रहेंगे।
अमेरिका भी इस विवाद में कुदते हुए वेनेजुएला पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी। इसके बाद मादुरो ने अमेरिका से रिश्ते खत्म करन का ऐलान कर दिया। यहां तक कि मादुरो सरकार ने अमेरिकी राजनयिकों को 72 घंटों के अंदर वेनेजुएला छोड़ने का आदेश दे डाला। इसके बाद यूएस ने भी प्रतिंबध लगाने का ऐलान कर दिया। ऐसा कहा जा रहा है कि अमेरिकी प्रशासन ने यह प्रतिबंध सोशलिस्ट डिक्टेटर और राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को नुकसान पहुंचाने के लिए लगाया है। इस विरोध प्रदर्शन में कई लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं।
वेनेजुएला एक दिन में करीब 1.57 मिलियन बैरल तेल प्रोड्यूस करता है। यूएस के बैन से वेनेजुएला को करीब 20 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है। वेनेजुएला में दुनिया का सबसे बड़ा तेल रिजर्व है। वेनेजुएला करीब 300 बिलियन बैरल तेल रिजर्व करता है, जो कि साउदी अरब के 266 बिलियन बैरल से भी ज्यादा है।
Created On :   13 Feb 2019 4:39 PM GMT