क्रेमलिन ने कहा - पुतिन भारत दौरे पर सैन्य सहयोग पर करेंगे चर्चा

- द्विपक्षीय वार्ता के दौरान S-400 एयर डिफेंस मिसाइल डिफेंस सिस्टम के करार पर दस्तखत हो सकते हैं।
- क्रेमलिन ने सोमवार को कहा कि पुतिन इस दौरे पर भारत के साथ सैन्य सहयोग पर चर्चा करेंगे।
- दो दिवसीय दौरे पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन 4 अक्टूबर भारत आ रहे हैं।
डिजिटल डेस्क, मोस्को। दो दिवसीय दौरे पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन भारत आ रहे हैं। वह 4 अक्टूबर को भारत पहुंचेंगे। क्रेमलिन ने सोमवार को कहा कि पुतिन इस दौरे पर भारत के साथ सैन्य सहयोग पर चर्चा करेंगे। हालांकि उन्होंने ये नहीं बताया कि S-400 एयर डिफेंस मिसाइल की संभावित सेल एजेंडा में है या नहीं। भारत दौरे पर पुतिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे। मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद यह पुतिन का तीसरा भारतीय दौरा है।
इससे पहले 21 मई को दोनों नेता अनौपचारिक मुलाकात के दौरान सोच्चि में मिले थे। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के बीच द्विपक्षीय वार्ता के दौरान S-400 एयर डिफेंस मिसाइल डिफेंस सिस्टम के करार पर दस्तखत हो सकते हैं। हालांकि रूस से सैन्य उपकरण खरीदने पर अमेरिका प्रतिबंधों की धमकी देता रहा है। हालही में अमेरिका ने चीन पर भी प्रतिबंध लगा दिए। अमेरिका ने यह भी कहा कि भारत अगर रूस के साथ एस-400 मिसाइल डील करता है तो उस पर भी कड़े प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।
भारत और अमेरिकी संबंधों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा इस सवाल पर रक्षा मंत्रालय ने कहा, वॉशिंगटन को भारत पहले ही अपना पक्ष बता चुका है। माना जा रहा है कि 5 अक्टूबर को दोनों सरकारों के बीच होने वाली बैठक पर हस्ताक्षर होंगे। बता दें कि S-400 मिसाइल सिस्टम की खरीद को रक्षा से जुड़ी कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) ने अभी हाल में हरी झंडी दी है। भारत और रूस के बीच इस अहम रक्षा सौदे का ऐलान साल 2016 में गोवा में आयोजित BRICS समिट के इतर पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच बातचीत के बाद हुआ था।
दोनों देश के बीच बातचीत का प्रमुख एजेंडा व्यापार साझेदारी में विशेषाधिकार के अहम पहलुओं पर चर्चा है। इसके अलावा दोनों देशों के बीच क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान प्रदान होगा। दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को और बढ़ावा देना और ईरान से कच्चे तेल के आयात पर लगे अमेरिकी प्रतिबंधों सहित विभिन्न क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर चर्चा पुतिन की यात्रा के केंद्र में होगी। सूत्रों ने कहा कि मोदी और पुतिन ईरान से कच्चे तेल के आयात पर लगे अमेरिकी प्रतिबंधों के असर को लेकर भी चर्चा करेंगे। इसके अलावा दोनों नेताओं के रूसी रक्षा कंपनियों पर लगे अमेरिकी प्रतिबंधों को देखते हुए द्विपक्षीय रक्षा सहयोग का जायजा लेने की संभावना है।
Created On :   1 Oct 2018 10:20 PM IST