दूसरी बार चीन के राष्ट्रपति बने शी जिनपिंग, वांग किशान को वाइस प्रेसिडेंट चुना गया

Xi Jinping is re-elected as Chinas president without term limit
दूसरी बार चीन के राष्ट्रपति बने शी जिनपिंग, वांग किशान को वाइस प्रेसिडेंट चुना गया
दूसरी बार चीन के राष्ट्रपति बने शी जिनपिंग, वांग किशान को वाइस प्रेसिडेंट चुना गया

डिजिटल डेस्क, बीजिंग। चीन की संसद नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (NPC) ने शनिवार को राष्ट्रपति के तौर पर शी जिनपिंग को दूसरी बार चुन लिया है। राष्ट्रपति बनने के साथ ही जिनपिंग सबसे पॉवरफुल मानी जाने वाली सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (CMC) के भी चीफ रहेंगे, जो चीनी मिलिट्री की टॉप कमांड है। वहीं वांग किशान को देश का उपराष्ट्रपति चुना गया है। जिनपिंग अभी 2023 तक के लिए राष्ट्रपति चुने गए हैं, लेकिन अगर वो चाहें तो तीसरी बार भी राष्ट्रपति बन सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि चीन की संसद ने 11 मार्च को ही राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के दो कार्यकाल की समयसीमा को खत्म करने की मंजूरी दी थी। पहले कोई भी व्यक्ति सिर्फ 10 साल तक ही चीन का राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति बने रह सकता था। 

जिनपिंग के खिलाफ एक भी वोट नहीं

शनिवार को नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (NPC) ने शी जिनपिंग को राष्ट्रपति और वांग किशान को उपराष्ट्रपति चुन लिया। सभी सांसदों ने जिनपिंग को सर्वसम्मति से राष्ट्रपति और उनके खिलाफ एक वोट भी नहीं पड़ा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शी जिनपिंग के पक्ष में सभी 2,970 वोट पड़े और वोटिंग के दौरान सभी सांसद मौजूद थे। इसके साथ ही जिनपिंग को सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (CMC) के चीफ के रूप में भी दोबारा चुना गया। वहीं वांग किशान को 2,969 वोटों मिले और उन्हें उपराष्ट्रपति चुना गया। बताया जा रहा है कि जिनपिंग के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद प्रधानमंत्री ली केकियांग को छोड़कर पूरी कैबिनेट समेत सभी टॉप पोस्ट पर नए अधिकारियों को अपॉइंट किया जाएगा। इसके साथ ही सेंट्रल बैंक के गवर्नर को भी बदला जाएगा। 

जीवन भर राष्ट्रपति रह सकते हैं चीन

64 साल के शी जिनपिंग चाहें तो जीवनभर चीन के राष्ट्रपति बने रह सकते हैं। दरअसल, 1976 में कम्युनिस्ट पार्टी के फाउंडर माओ त्से तुंग के निधन के बाद 1982 में राष्ट्रपति डेंग जियाओ पिंग ने एक कानून पास किया था। इस कानून के तहत अगला कोई भी राष्ट्रपति दो बार यानी 10 साल से ज्यादा तक पद पर नहीं रह सकता था। माना जाता है कि जियाओ पिंग ने ऐसा इसलिए किया गया था, क्योंकि माओ त्से तुंग के 1966-76 तक के कार्यकाल के दौरान चीन में सांस्कृतिक क्रांति हुई, जिसमें लाखों लोग मारे गए थे। इसके अलावा ये भी कहा जाता है कि ऐसा इसलिए किया गया ताकि देश में तानाशाही से बचा सके और सिंगल पॉलिटिकल पार्टी वाले देश में सामूहिक नेतृत्व को सुनिश्चित किया जा सके। इसी कानून को 11 मार्च 2018 को चीन की संसद ने बदल दिया और राष्ट्रपति के दो बार कार्यकाल की सीमा को भी हटा दिया। जिसके बाद अब शी जिनपिंग 2023 के बाद भी राष्ट्रपति बने रह सकते हैं। 
 

Created On :   17 March 2018 2:08 PM IST

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