थाईलैंड: पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनावात्रा को शाही मानहानि मामले में बड़ी राहत, कोर्ट ने किया बरी

पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनावात्रा को शाही मानहानि मामले में बड़ी राहत, कोर्ट ने किया बरी
  • थाईलैंड में लेसे मैजेस्टे कानून के तहत हुआ था मुकदमा
  • साल 2008 में लगा था भ्रष्टाचार का आरोप
  • शिनावात्रा पर थाईलैंड की राजशाही को बदनाम करने का लगा था आरोप

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। थाईलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनावात्रा को शाही मानहानि केस में बड़ी राहत मिली है। शुक्रवार को एक कोर्ट ने उन्हें मानहानि केस में बरी कर दिया। उनके एडवोकेट ने कोर्ट के फैसले की पुष्टि की। हालांकि अभी तक बैंकॉक क्रिमिनल कोर्ट की तरफ से कोई बयान जारी नहीं किया है। दो बार थाईलैंड के प्रधानमंत्री रह चुके थाकसिन एक अरबपति नेता हैं, जो अक्सर विवादों में घिरे रहते हैं। थाकसिन ने साल 2001 से 2006 तक थाईलैंड के प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला था। थाईलैंड में राजतंत्र को बदनाम करने के लिए बनाए गए कानून के तहत किसी भी शख्स को तीन से 15 साल तक की जेल की सजा हो सकती है। इस कानून को लेसे मैजेस्टे के नाम से जाना जाता है। इसी कानून के उल्लंघन के आरोप में थाकसिन पर केस दर्ज हुआ था।

आपको बता दें पिछले साल पूर्व प्रधानमंत्री शिनावात्रा पर थाईलैंड की राजशाही को बदनाम करने के आरोप में मामला दर्ज हुआ था, जो देश की राजनीति को अस्थिर करने वाले कई अदालती मामलों में से एक है। 2016 में थाकसिन पर मूल रूप सेलेसे मैजेस्टे कानून का उल्लंघन करने का आरोप भी लगा था। उन पर ये आरोप एक साल पहले दक्षिण कोरिया के सियोल में मीडिया से बात करते हुए की गई टिप्पणी पर हुआ था। हालांकि थाकसिन ने आरोपों से इनकार किया था और खुद का बचाव करते हुए एक बयान जारी किया था।

आपकी जानकारी के लिए बता दें थकसिन शिनावात्रा को थाईलैंड का सबसे सफल चुना हुआ नेता माना जाता है, जिसकी वजह से 18 साल पहले थाईलैंड की राजनीति से बेदखल होने के बाद भी शिनावात्रा को एक प्रभावशाली राजनीतिक हस्ती माना जाता है। 2006 के सैन्य तख्तापलट के जरिए सत्ता से बाहर किए जाने के बाद शिनावात्रा पर कई प्रतिबंध लगाए गए। उन्हें पीएम पद से भी हटा दिया गया था , और वो थाईलैंड छोड़कर भाग गए थे और करीब 15 साल के आत्म-निर्वासन बाद, पिछले साल अगस्त में वे वापस आए, जिसके बाद उन्हें उनके आरोपों के लिए सजा सुनाई गई। उन्होंने अपनी सजा का पूरा समय पुलिस अस्पताल में बिताया, उनके विरोधियों ने उन पर विशेषाधिकार होने का आरोप लगाया है। थाकसिन ने इस पूरे केस को राजनीति से प्रेरित बताया था।

Created On :   22 Aug 2025 2:37 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story