भारत-चीन विवाद: सीमा पर आंखे गड़ाए बैठे दुश्मन को देंगे मुंहतोड़ जवाब, चीन से चल रहे सीमा विवाद के बीच आर्मी चीफ का बड़ा बयान

सीमा पर आंखे गड़ाए बैठे दुश्मन को देंगे मुंहतोड़ जवाब, चीन से चल रहे सीमा विवाद के बीच आर्मी चीफ का बड़ा बयान
  • गलवान हिंसा के बाद दोनों देशों के बीच तनातनी जारी
  • सेना दिवस पर आर्मी चीफ का बड़ा बयान
  • सैन्य तैयारियों और आतंकी घटनाओं पर कही बड़ी बात

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच सीमा पर तनातनी बढ़ती जा रही है। पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के सैनिक भारी हथियारों के साथ तैनात हैं। इस बीच भारतीय सेना प्रमुख मनोज पांडे ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि भारत सेना देश की सीमाओं पर किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार है। सेना प्रमुख ने इस दौरान हाल ही में जम्मू-कश्मीर में हुई आतंकी घटनाओं पर भी बात की। उन्होंने कहा, 'जम्मू-कश्मीर के राजौरी-पुंछ सेक्टर में आतंकी गतिविधियों में हाल के दिनों में बढ़ोतरी हुई है। सेना उत्तरी सीमाओं पर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार और सक्षम है। हमने उन इलाकों में अपनी क्षमताएं बढ़ाने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं।

4 साल से हल नहीं हुआ विवाद

भारत और चीन के बीच मई 2020 में सीमा विवाद गहराया गया था, जो कि अब भी जारी है। इसको हल करने के लिए दोनों देशों के बीच सैन्य स्तर पर कई दौर की बातचीत हुई लेकिन हर बार परिणाम नकारात्मक ही रहा। दोनों देशों के सेनाएं करीब चार बार गलवान घाटी, पैंगोंग त्सो, गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स से वापस हो चुकी हैं। इस बाद भी भारतीय और चीनी सेनाओं के सैनिक लद्दाख में हथियारों से लैस तैनात हैं।

सरहद पार आतंकी ढांचा बरकरार

आर्मी चीफ लखनऊ में आयोजित 76वें सेना दिवस समारोह में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने परेड को संबोधित करते हुए कहा, 'नियंत्रण रेखा पर संघर्षविराम है मगर घुसपैठ की कोशिशों से यह स्पष्ट है कि सरहद पार आतंकी ढांचा अब भी बरकरार है। घुसपैठ की कोशिशों को हमारी सेना ने पूरी सतर्कता से विफल कर दिया है।' इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, सुरक्षाकर्मियों के लगातार प्रयासों से जम्मू-कश्मीर के अंदरूनी इलाकों में होने वाली हिंसा में काफी कमी आई है। हम देश से आतंकी नेटवर्क को उखाड़ने और खत्म करने के लिए काम कर रहे हैं।

बढ़ाई अपनी क्षमता

सेना अध्यक्ष ने कहा, 'उत्तरी सीमाओं पर अपनी क्षमता विकसित करने के लिए हमने कई ठोस कदम उठाए हैं। हाल में आपातकालीन खरीद के प्रावधानों के माध्यम से हमने कई आधुनिक उपकरणों की आपूर्ति की है, जिसमें विशिष्ट तकनीक वाले हथियार शामिल हैं। हमारी प्राथमिकता प्रयासों और अन्य एजेंसियों के सहयोग से सीमा पर बुनियादी ढांचे को और मजबूत करना होगा।' समारोह की शुरुआत में मनोज पांडे ने राष्ट्र की रक्षा में अपने जीवन का सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने कहा, 'उनके बलिदान और शौर्य की गाथा हमें सदैव प्रेरित करती रहेंगी।'

Created On :   15 Jan 2024 4:20 PM GMT

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