उत्तराखंड: टनल के अंदर 24 घंटे से फंसी हैं 40 जिंदगियां, रेस्क्यू ऑपरेशन में आ रही मुश्किलें, लग सकता है समय

टनल के अंदर 24 घंटे से फंसी हैं 40 जिंदगियां, रेस्क्यू ऑपरेशन में आ रही मुश्किलें, लग सकता है समय
  • उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बड़ा हादसा
  • टनल के अंदर 40 जिंदगियां फंंसी

डिजिटल डेस्क, देहरादून। दिवाली के शुभ अवसर पर बीते दिन उत्तराखंड से दुखद खबर सामने आई थी। प्रदेश के उत्तरकाशी में बड़ा हादसा हुआ है। यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर स्थित सिलक्यारा टनल ढह गया था। जिसकी वजह से सुरंग के अदंर 30 से 40 मजदूर फंस गए थे। जिन्हें निकालने के लिए लगातार कोशिश की जा रही है।

हादसे को 24 घंटा हो चुका है लेकिन अभी तक एक भी मजदूर को रेस्क्यू नहीं किया गया है। भले ही किसी एक को भी रेस्क्यू नहीं किया गया हो लेकिन भीतर से राहतभरी खबर सामने आई है। अंदर फंसे लोगों से संपर्क साधा जा चुका है और सभी सुरक्षित बताएं जा रहे हैं। टनल के अंदर फंसे मजदूरों तक ऑक्सीजन और पानी भेजा गया है ताकि किसी तरह की कोई समस्या न हो।

टनल के अंदर ऑक्सीजन और खाना पहुंचाया जा रहा

टनल के अंदर फंसे मजदूर झारखंड, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, बिहार और पश्चिम बंगाल के हैं। यह हादसा टनल के एक छोर से 200 मीटर भीतर हुआ है। बताया जा रहा है कि मजदूर मलबे के ढेर से 60 मीटर के दूरी पर हैं। उत्तरकाशी के सर्किल ऑफिसर प्रशांत कुमार ने बताया कि, अंदर फंसे लोगों के पास पाइप के जरिए ऑक्सीजन, पानी और खाना भेजा गया है। कुमार ने आगे बताया कि, ऊपर से मलबा गिरने की वजह से कुछ मश्किलें आ रही हैं लेकिन इसका समाधान निकाल लिया गया है। उन्होंने कहा है कि मजदूरों को निकालने में अभी और अधिक समय लग सकता है।

लगभग 40 लोग हैं अंदर

सर्किल ऑफिसर प्रशांत कुमार ने कहा, मलबा लगभग 60 मीटर तक है। जैसे हम मलबा हटा रहे हैं, ऊपर से मलबा गिर रहा है। हमने लगभग 15-20 मीटर तक मलबा हटा लिया है। सभी लोग सुरक्षित हैं। ऑक्सीजन, राशन और पानी भी भेजा जा रहा है। अंदर लगभग 40 लोग हैं।

आज हम उन्हें बाहर निकाल लेंगे- एनडीआरएफ

वहीं उत्तरकाशी टनल हादसे पर एनडीआरएफ के असिस्टेंट कमांडेंट करमवीर सिंह भंडारी ने बताया, सुरंग के अंदर फंसे सभी 40 लोग सुरक्षित हैं, हमने उन्हें पानी और खाना मुहैया कराया है। हम उम्मीद करते हैं कि आज हम उन्हें बाहर निकाल लेंगे। पूरी कोशिश की जा रही है।

Created On :   13 Nov 2023 5:45 AM GMT

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