इजराइल हमास युद्ध: जंग के बीच इजराइल पहुंचे भारत के 60 वर्कर, 1 लाख 37 हजार रु. प्रतिमाह की सैलेरी पर करेंगे ये काम

जंग के बीच इजराइल पहुंचे भारत के 60 वर्कर, 1 लाख 37 हजार रु. प्रतिमाह की सैलेरी पर करेंगे ये काम
  • इजराइल और हमास के बीच जारी है युद्ध
  • भारत से इजराइल के लिए निकला 60 वर्कर का पहला जत्था
  • भारतीय नागरिकों को लाखों में मिलेगी सैलरी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इजराइल और हमास का भीषण युद्ध बरकरार है। इस बीच भारत से कामगारों का एक बैच मंगलवार को इजराइल के लिए निकल चुका है। इस बारे में भारत में इजराइल के राजनयिक नाओर गिलोन बताते है कि इस बैच में 60 से अधिक भारतीय नागरिक शामिल हैं। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर एक ट्वीट भी पोस्ट किया है। जिसमें नाओर गिलोन ने कहा कि इजराइल जाने से पहले भारतीय श्रमिकों के पहले जत्थे के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।

बता दें, साल 2023 में इजराइल ने भारत समेत अन्य देशों से हजारों श्रमिकों को भर्ती करवाने का ऐलान किया था। मगर, हमास से चल रही जंग को देखते हुए इजराइल ने हजारों फिलिस्तीनी कामगारों पर पाबंदी लगा दी थी। जिसके चलते अब इजराइल में श्रमिकों की संख्या घट गई है। वहीं, पिछले साल दिसंबर में इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर वार्ता की थी। उन्होंने पीएम मोदी से भारतीय श्रमिकों को इजराइल भेजने का अनुरोध किया था।

नाओर गिलोन ने किया ट्वीट

इजराइली राजदूत ने ट्वीट कर लिखा, "G2G समझौता के अंतर्गत इजराइल के लिए जा रहे 60 से अधिक भारतीय कंस्ट्रक्शन वर्कर्स के लिए फेयरवेल कार्यक्रम का आयोजन किया था। यह NSDC INDIA और कई लोगों के अथक प्रयास का नतीजा है। मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि यह वर्कर्स भारत और इजराइल के नागरिकों के बीच जुड़ाव को और सशक्त करेंगे।"

साल 2018 में इजराइल और भारत के बीच गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट (G2G) का समझौता हुआ था। इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच द्वीपक्षीय संबंधों को मजबूत करना था।

वित्त मंत्रालय ने पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल की शुरुआत की थी। इस मॉडल के अंतर्गत एक सार्वजनिक लिमिटेड कंपनी का गठन किया गया था। इसका उद्देश्य भारतीय श्रमिकों को कौशल विकास और व्यावसायिक प्रशिक्षण मुहैया करना होता है। विदेश मंत्रालय की देख-रेख में अन्य देशों में भारतीय काम करते हैं।

हरियाणा और यूपी के वर्कर्स का लिया गया टेस्ट

कुछ महीने पहले NSDC INDIA और इजराइल की कंपनियों की ओर से हरियाणा और उत्तरप्रदेश के सैकड़ो श्रमिकों की परिक्षा ली गई थी। ये लोग चिनाई, बढ़ई, टाइलिंग और बार-बेंडिंग का काम करते हैं। फिर नवंबर साल 2023 में कंस्ट्रक्शन और होम बेस्ड वर्क क्षेत्र में भारत और इजारइल के बीच समझौता हुआ था। इसके तहत भारतीय श्रमिकों को अस्थाई रोजगार की सुविधा मुहैया करना के लिए भारत ने समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

NSDC के ऑनलाइन पोर्टल पर फ्रेमवर्क वर्कर और बार वेंडर्स को तीन-तीन हजार नौकरियां मौजूद हैं। वहीं, टाइलिंग और प्लेटिंग वर्कर्स को दो हजार नौकरियां दी गई है। इस विज्ञापन के मुताबिक हर महीने भारतीय श्रमिकों को एक लाख 37 हजार से अधिक की सैलरी मिलगी। इसके अलावा श्रमिकों को टैक्स, आने-जाने का किराया, हेल्थ इंश्योरेंस और सोशल सिक्यूरेटी इंश्योरेंस का पेमेंट अलग से करना होगा।

Created On :   3 April 2024 8:53 AM GMT

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