US Tariff: अमेरिका के टैरिफ वारों से अपने आपको कैसे बचाएगा भारत? भारतीय अधिकारी ने बताए कुछ खास विकल्प

अमेरिका के टैरिफ वारों से अपने आपको कैसे बचाएगा भारत? भारतीय अधिकारी ने बताए कुछ खास विकल्प
  • अमेरिका कर रहा है भारत पर टैरिफ वार
  • भारत में लगातार हो रही है उच्च स्तरीय बैठक
  • भारतीय अधिकारी ने दी खास जानकारी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के बीच लगातार तनाव देखने को मिल रहा है। भारत अमेरिका के साथ अपने 48.2 बिलियन डॉलर के बिजनेस पर लगे टैरिफ के नुकसान से बचने की रणनीति पर जोरों से काम कर रहे हैं। एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन और स्पेशल इकोनॉमिक जोन संशोधन जैसे प्रस्तावों पर विचार हो रहा है। साथ ही लेबर इंटेंसिव सेक्टर्स पर सबसे ज्यादा असर पड़ सकता है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि टेक्सटाइल, झींगा, लैदर और रत्न-आभूषण जैसे एरियाज में ट्रंप के फैसले से ज्यादा असर हो सकता है।

एक्सपोर्टर्स का क्या है कहना?

एक्सपोर्टर्स का कहना है कि, तिरुप्पुर, नोएडा और सूरत के टेक्सटाइल और परिधान प्रोड्यूसर्स ने प्रोडक्शन को रोक दिया है। उनका कहना है कि, वे वियतनाम और बांग्लादेश के कम लागत वाले प्रोड्यूसर्स से भी पीछे हो रहे हैं। ऐसे ही सीफूड मार्केट खासतौर पर झींगों पर भी टैरिफ का असर देखने को मिल रहा है। नए टैरिफ के चलते सीफूड की स्पलाई चेन पर भी असर पड़ रहा है और तो और किसानों को भी जमकर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बता दें, अमेरिका का 40 प्रतिशत सीफूड भारत से ही जाता है।

एक्सपर्ट्स ने जताई चिंता

मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, एक्सपर्ट्स ने चिंता जताते हुए बताया है कि, वित्त वर्ष 2026 में अमेरिका को भारत के निर्यात में भारी कमी देखने को मिल रही है। वित्त वर्ष 2025 में भारत ने अमेरिका को 86.5 बिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट किया है, जो कि आने वाले साल में कम हो सकता है। 86.5 बिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट अगले साल 49.9 बिलियन तक गिर सकता है।

भारत के पास क्या हैं विकल्प?

ट्रंप के टैरिफ से भारत को काफी नुकसान हो रहा है। इस नुकसान से बचने के लिए भारत लगातार बैठकें कर रहा है। एक भारतीय अधिकारी का कहना है कि, सरकार एकस्पोर्ट प्रमोशन मिशन और स्पेशल इकोनॉमिक जोन संशोधन जैसे प्रस्तावों पर लगातार विचार कर रही है। ऐसे समय में भारत के लिए यूरोपियन यूनियन, यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन, यूनाइटेड किंगडम, खाड़ी देशों के अलावा ईस्ट एशिया पर भी फोकस बढ़ाना होगा। हम पहले ही इन बाजारों में मौजूद हैं लेकिन अब इसको बढ़ाने पर गहरा विचार हो रहा है। ऐसे वक्त भारत रूस के साथ अपने अच्छे रिश्तों से लाभ उठा सकता है। रूस ने कहा भी है कि भारतीय सामानों के लिए उसका बाजार खुला हुआ है। भारत को इस पर ही आगे बढ़ना चाहिए, जिससे ऑप्शंस खुलें।

Created On :   27 Aug 2025 3:13 PM IST

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