पश्चिम बंगाल: बीएलओ के काम से परेशान होकर पराशिक्षक रिंकू तरफदार ने की आत्महत्या, परिवार ने की निष्पक्ष जांच की मांग

बीएलओ के काम से परेशान होकर पराशिक्षक रिंकू तरफदार ने की आत्महत्या, परिवार ने की निष्पक्ष जांच की मांग
परिजनों ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा, 'एक साधारण गृहणी और पराशिक्षक पर इतनी बड़ी ज़िम्मेदारी लादना कहां तक उचित है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चुनाव आयोग के निर्देश पर 12 राज्यों में हो रही एसआईआर से परेशान होकर पश्चिम बंगाल में एक और बीएलओ रिंकू तरफदार ने आत्महत्या कर ली। बीएलओ नदिया जिले के कृष्णानगर के शास्तीतला इलाके की बताई जा रही है। वह चापरा थाना क्षेत्र के बंगालझी इलाके में बूथ नंबर 202 के बीएलओ के रूप में कार्यरत थी। स्थानीय पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

परिजनों ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा, 'एक साधारण गृहणी और पराशिक्षक पर इतनी बड़ी ज़िम्मेदारी लादना कहां तक उचित है? उच्च अधिकारी क्यों समझ नहीं पाते कि कौन व्यक्ति कितना काम संभाल सकता है?' परिवार ने पूरी घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की है। परिजनों के मुताबिक, रिंकू तरफदार ने आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें उसने कथित तौर पर चुनाव आयोग और प्रशासनिक दबाव को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है। परिवार का दावा है कि रिंकू पेशे से पराशिक्षक (Para-Teacher) थी, इसके बावजूद उसे किसी तरह की राहत नहीं दी गई और बीएलओ के भारी-भरकम काम लाद दिया था।

आत्महत्या स्थल से मिले सुसाइड नोट में लिखा है कि उसने अपना 90 फीसदी काम पूरा कर लिया था, लेकिन ऑनलाइन प्रक्रिया को पूरा न कर पाने की वजह से वह भारी टेंशन में थी। परिजनों का आरोप है कि रिंकू ऑनलाइन काम में वीक थी। रिंकू ने अपने सुसाइड नोट में लिखा, 'मैं यह दबाव नहीं झेल पा रही हूं, मैं स्ट्रोक नहीं चाहती। परिजनों का कहना है कि वह रात 11 बजे तक सामान्य थी, लेकिन सुबह वह काम कर रही थी और एसआईआर के काम के प्रेशर की वजह से टूट गई।

Created On :   22 Nov 2025 1:03 PM IST

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