राजनयिक विवाद: भारतीय स्टूडेंट का कनाडा से हुआ मोहभंग
- राजनयिक संबंधों में खटास
- खालिस्तान विवाद के बाद मनमुटाव
- परमिट में तेजी से गिरावट
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंधों में खटास चल रही है। खालिस्तान विवाद के मामले को लेकर भारत की सख्ती का नतीजा यह भी हुआ कि कनाडा में पढ़ाई के लिए पहले की तुलना में काफी कम छात्रों ने आवेदन किए। निज्जर हत्या मामले में कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बयान के बाद दोनों देशों के बीच बयानबाजी हुई। भारत ने उनकी तीखी आलोचना की।
आपको बता दें कनाडा और भारत के संबंध में शिक्षा की अहम भूमिका रहती है। कनाडा में भारी तादाद में भारतीय छात्र पढ़ने जाते है। दोनों देशों के बिगड़ते रिश्तों के बाद भारतीय छात्रों का कनाडा जाने से मोहभंग हो गया। रिपोर्ट के मुताबिक कनाडा के आप्रवासन मंत्री मार्क मिलर ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कनाडा में भारत से आने वाले छात्रों की संख्या आगामी भविष्य में बढ़ने की संभावना रहेगी। मंत्री मिलर का मानना है कि शिक्षा जगत पर इस तनाव का बुरा असर पड़ने की आशंका है।
कनाडा सरकार के एक उच्च अधिकारी ने बताया है कि पिछले साल के अंत में परमिट में तेजी से गिरावट देखी गई। इसके पीछे की वजह उन्होंने बताई कि भारत ने अपने यहां से कनाडाई राजनयिकों को बाहर निकाल दिया था। जो कि परमिट जारी करते थे। आपको बता दें कि बीते साल अक्टूबर में कनाडा के 41 राजनयिकों को भारत से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। तनाव के कारण भारत से कनाडा आने वाले स्टूडेंट के आवेदन कम हुए हैं। प्रोसेस करने में जुटे अधिकारियों की संख्या भी लगभग आधी हो चुकी है।
इस इस बात से समझ सकते है कि कनाडा जाने वाले भारतीय छात्रों को मिलने वाले परमिट में लगातार गिरावट देखी जा रही है, रिपोर्ट्स के मुताबिक लगभग 86 फीसदी कम भारतीय छात्रों को परमिट मिले हैं।
Created On :   17 Jan 2024 4:48 PM IST