दिल्ली पुलिस की बड़ी कार्रवाई: बांग्लादेश से संचालित अंतर्राष्ट्रीय किडनी गिरोह का किया पर्दाफाश, दिल्ली की महिला डॉक्टर करती थी ऑपेरशन, जानिए काले धंधे का पूरा सच

बांग्लादेश से संचालित अंतर्राष्ट्रीय किडनी गिरोह का किया पर्दाफाश, दिल्ली की महिला डॉक्टर करती थी ऑपेरशन, जानिए काले धंधे का पूरा सच
  • 15-16 किडनी निकाल चुकी थी महिला डॉक्टर
  • बांग्लादेश से आते डोनर और रिसीवर
  • दिल्ली के बड़े प्राइवेट हॉस्पिटल की महिला डॉक्टर का हाथ

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने अंतर्राष्ट्रीय किडनी गिरोह का खुलासा किया है। पुलिस ने किडनी रैकेट का पर्दाफाश करते हुए बताया कि बांग्लादेश से मरीज भेजे जाते थे, जिनका दिल्ली में ऑपरेशन किया जाता था। ऑपरेशन कर दिल्ली में इनके बॉडी पार्ट्स निकाल लिए जाते थे।

ऑर्गन ट्रांसप्लांट रैकेट पर डीसीपी क्राइम ब्रांच अमित गोयल ने बताया, "7 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है। जिसमें 3 बांग्लादेश के नागरिक हैं। एक डॉक्टर और उसके 2 अस्पताल स्टाफ को भी गिरफ़्तार किया गया है

पुलिस के मुताबिक गिरोह में दिल्ली के एक बड़े प्राइवेट हॉस्पिटल की महिला डॉक्टर समेत सात लोग भी शामिल है। मिली जानकारी के अनुसार 50 साल की महिला डॉक्टर ने 15-16 ऑपरेशन किए थे। पुलिस ने महिला डॉक्टर समेत सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि रैकेट का संचालन बांग्लादेश से होता था,बांग्लादेश से मरीज भेजे जाते थे,जिनकी दिल्ली में कुछ महिला डॉक्टर किडनी निकालती थीं। महिला इस काम के बदले अपने सहयोगी के बैंक अकांउट में पैसा लेती थीं। इसके बाद आरोपी डॉक्टर उससे कैश निकलवाकर रख लेती थी।

बांग्लादेश से संचालित ये किडनी रैकेट

पुलिस के मुताबिक बांग्लादेश से संचालित इस किडनी रैकेट का जाल दिल्ली समेत देश के कई राज्यों तक फैला हुआ है। किडनी चोर गिरोह के राजस्थान से भी तार जुड़े है। इस मामले में संदेह है कि महिला डॉक्टर को पैसे के बदले में अवैध तरीके से बॉडी पार्ट्स जैसे हार्ट, किडनी, कोर्निया, और अन्य अंगों की ट्रांसप्लाट फैसिलिटी दी जा रही है। पुलिस सक्रियता से मामले की पूरी जांच करने में जुटी हुई है।

बांग्लादेश से डोनर और रिसीवर आते

किडनी रैकेट मामले में आरोपी संगठन बांग्लादेश से डोनर और रिसीवर को लाते थे। उन्होंने साल 2019 से यह रैकेट चलाया और 2021 से 2023 के बीच करीब 15 ट्रांसप्लांट किए थे। इस गिरोह ने हर ट्रांसप्लांट करने वाले डोनेटर को 4 से 5 लाख रुपये दिए थे। इसके अलावा किडनी लेने वाले से 25 से 30 लाख रुपये लेते थे।

गंभीर अपराध का पर्दाफाश

आपको बता दें गिरोह में शामिल सदस्य बांग्लादेश के जरूरतमंद लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर किडनी चोरी का धंधा चला रहे थे। गिरोह ने एक मेडिकल टूरिज्म कंपनी के माध्यम से लोगों को भटकाया और उन्हें दिल्ली में फर्जी कागजातों के साथ बुलाया जाता था। जहां किडनी को बेचकर करोड़ों कमाया जाता था। हालांकि उनकी वजह से कई मासूमों की मौत भी हुई।

Created On :   9 July 2024 2:26 PM IST

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