वक्फ कानून पर सुनवाई जारी: 'इस्लाम, इस्लाम ही रहेगा, चाहे कोई...', SC में जस्टिस मसीह ने किसे लेकर की ये टिप्पणी?

- सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून पर सुनवाई जारी
- जस्टिस मसीह ने की अहम टिप्पणी
- जानें सुनवाई के दौरान किसे टोका
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को वक्फ संशोधन कानून 2025 के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट में जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह ने खास टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि कोर्ट कहीं भी रहे इस्लाम तो इस्लाम रहेगा। इसके अलावा जज ने केंद्र की उस दलील पर यह बात कही, जिसमें कहा गया कि ट्राइबल एरिया में रहने वाला अनुसूचित जनजाति का मुस्लिम समुदाय इस्लाम का उस तरह पालन नहीं करता है, जैसे देश के बाकी हिस्सों में किया जाता है।
वक्फ कानून पर सुनवाई जारी
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्य न्यायाधीश भूषण रामाकृष्ण गवई और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की बेंच लगातार तीन दिन से वक्फ कानून मामले की सुनवाई कर रही है। सुनवाई के तीसरे दिन केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि नए कानून के तहत अनुसूचित जनजाति वर्ग के मुस्लिम समुदाय के लोगों की जमीनों को संरक्षण देना सही है। उन्होंने कहा कि ट्राइबल एरिया में रहने वाले अनुसूचित वर्ग के लोगों को संवैधानिक संरक्षण प्राप्त है, जो वैध कारणों से उन्हें मिला है।
एसजी तुषार मेहता ने कहा, 'वक्फ का मतलब होता है खुदा के लिए स्थाई समर्पण। मान लीजिए मैंने अपनी जमीन बेची और पाया गया कि अनुसूचित जनजाति के शख्स के साथ धोखा हुआ है तो इस मामले में जमीन वापस की जा सकती है, लेकिन वक्फ अपरिवर्तनीय है। उन्होंने बताया कि जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) का कहना है कि इन ट्राइबल एरिया में रहने वाले मुस्लिम देश के बाकी हिस्सों में रह रहे मुसलमानों की तरह इस्लाम का पालन नहीं करते हैं, उनकी अपनी सांस्कृतिक पहचान है।'
जस्टिस एजी मसीह बोले - इस्लाम इस्लाम ही रहेगा
एसजी तुषार मेहता की इस दलील पर जस्टिस एजी मसीह ने कहा, 'इस्लाम तो इस्लाम ही रहेगा। कोई कहीं भी रहे धर्म एक ही है। अलग-अलग हिस्सों में रहने वालों की सांस्कृतिक प्रथाओं में अंतर हो सकता है।' एसजी मेहता ने कहा, 'मैं बस पूछ रहा हूं कि क्या कानून पर रोक लगाने का यह कोई आधार हो सकता है?'
मंगलवार से नए सीजेआई बी आर गवई की बेंच ने वक्फ संशोधन कानून को चुनौती देने के लिए दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की। इससे पहले पूर्व मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना इस मामले को देख रहे थे, लेकिन रिटायरमेंट से पहले उन्होंने मामला जस्टिस बी आर गवई की बेंच को ट्रांसफर कर दिया था।
Created On :   22 May 2025 4:03 PM IST