आग में मिले अधजले नोट का मामला: जस्टिस यशवंत वर्मा की याचिका पर सुनवाई करने के लिए नई बेंच गठित करेगा सुको

- जले और अधजले नोटों का एक वीडियो बहुत तेजी से वायरल हुआ था
- 5 अप्रैल को जस्टिस यशवंत वर्मा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण की थी
- विशेष बेंच में सीजेआई बी. आर. गवई नहीं होंगे
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की याचिका पर सुनवाई करने के लिए देश की सर्वोच्च अदालत ने बुधवार को कहा कि वह एक पीठ गठित करेगा। सुको में न्यायमूर्ति वर्मा की ओर से आतंरिक जांच कमेटी की रिपोर्ट को चुनौती देने वाली याचिका लगी हुई है, जिसमें उनके खिलाफ उनके आवास पर अधजली नकदी मिलने के मामले में टिप्पणी की गई थी। आज इस मामले की सुनवाई सीजेआई बी आर गवई, न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति जयमाल्या बागची की पीठ ने की , बेंच के सामने जल्द से जल्द सुनवाई करने का मुद्दा भी उठाया गया।
न्यायमूर्ति वर्मा की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, मुकुल रोहतगी, राकेश द्विवेदी, सिद्धार्थ लूथरा, सिद्धार्थ अग्रवाल और वकील जॉर्ज पोटन पूथिकोटे, मनीषा सिंह समेत अन्य लोग पेश हुए। आपको बता दें कि 15 मार्च 2025 को जस्टिस यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर कैश मिला था। इसके बाद जस्टिस वर्मा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे। उन्होंने आरोपों से इनकार किया और उसे साजिश बताया था। जले और अधजले नोटों का एक वीडियो भी बहुत वायरल हुआ था। इस घटना ने न्यायिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया था। इसने सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम को भी तत्काल कदम उठाने पर मजबूर कर दिया। 5 अप्रैल को जस्टिस यशवंत वर्मा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण की थी।
उन्होंने बेंच के समक्ष कहा, हमने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के जज की ओर से पिटीशन पेश की है। इसमें कुछ सांविधानिक मुद्दे शामिल हैं। मैं निवेदन करता हूं कि जल्द से जल्द एक बेंच गठित की जाए। सीजेआई ने जवाब में कहा कि इस मामले को लेना उनके लिए उचित नहीं होगा। इसके बाद उन्होंने कहा, हम इस पर विचार करेंगे और एक उपयुक्त पीठ बनाएंगे। विशेष बेंच के गठन के बाद इस केस की सुनवाई की तारीख जल्द तय की जाएगी। सीजेआई बी. आर. गवई इस मामले के लिए ऐसी बेंच का गठन करेंगे, जिसमें वह खुद नहीं होंगे।
विभिन्न विपक्षी दलों के 63 राज्यसभा सांसदों ने सोमवार को जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने के लिए सभापति को प्रस्ताव का नोटिस सौंपा। कैश कांड में घिरे जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ यह नोटिस सौंपा गया था। राज्यसभा सांसद और कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोमवार को इसकी जानकारी दी थी। इससे पहले संसद के मानसून सत्र का आगाज होते ही 145 लोकसभा सांसदों ने जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव के लिए लोकसभा स्पीकर को ज्ञापन सौंपा। सांसदों ने संविधान के अनुच्छेद 124, 217 और 218 के तहत यह कदम उठाया है। संसद मामले की गंभीरता को देखते हुए इन आरोपों की जांच करेगी। महाभियोग प्रस्ताव के तहत आगे की प्रक्रिया संसद में विचार-विमर्श और जांच के बाद तय की जाएगी। जस्टिस शेखर यादव को हटाने के लिए इसी तरह का प्रस्ताव 13 दिसंबर, 2024 को राज्यसभा के सभापति को सौंपा गया था।
Created On :   23 July 2025 4:44 PM IST