Kargil Vijay Diwas: कारगिल दिवस पर आर्मी चीफ ने दी प्रतिक्रिया, कहा- 'हमने पराक्रम से जवाब दिया', ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कही ये बड़ी बात

कारगिल दिवस पर आर्मी चीफ ने दी प्रतिक्रिया, कहा- हमने पराक्रम से जवाब दिया, ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कही ये बड़ी बात
  • कारगिल दिवस पर जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने दी प्रतिक्रिया
  • आर्मी चीफ ने शहीदों को किया याद
  • ऑपरेशन सिंदूर पर दिया बयान

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कारगिल विजय दिवस के खास दिन पर द्रास में इंडियन आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने लोगों को संबोधित किया है। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि, 'हमने कायरता का जवाब पराक्रम से दिया है। ऑपरेशन सिंदूर हमारा संकल्प है, संदेश भी और उत्तर भी है।' पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को दहला दिया है और वो पूरे देश के लिए एक गहरी चोट है। लेकिन इस बार भारत ने सिर्फ और सिर्फ शोक नहीं जताया है, बल्कि ये भी ठाना है कि अब जवाब निर्णायक ही होगा।

जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने क्या कहा?

उपेंद्र द्विवेदी ने कहा है कि, 'भारतीय सेना ने 6-7 मई की रात को पाकिस्तान और पीओके में 9 हाई वेल्यूड आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया है। बिना किसी मासूम नागरिक को नुकसान पहुंचाए हुए। ये सिर्फ जवाब नहीं था बल्कि ये एक स्पष्ट संदेश था कि आतंकवाद को सहारा देने वाले अब नहीं बचेंगे।' साथ ही पाकिस्तान की तरफ से की गई सैन्य कार्रवाई पर उन्होंने कहा है कि, भारतीय सेना उससे भी नहीं डरी है और नपा-तुला जवाब दिया है।

एयर डिफेंस बनी थी अजेय दीवार- आर्मी चीफ

उन्होंने आगे बताया कि, एयर डिफेंस एक अजेय दीवार बनकर सामने खड़ी हुई थी। जिसने किसी भी ड्रोन या मिसाइल को नुकसान पहुंचाने नहीं दिया था। ये सब होल-ऑफ-नेशन अप्रोच के अंतर्गत ही हुआ है। जहां से वायुसेना, नौसेना और अन्य सरकारी विभाग मिलकर साथ खड़े थे। जोभी शक्तियां भारत की संप्रभुता, अखंडता या जनता को नुकसान पहुंचाने की योजना बना रही हैं, उन्हें करारा जवाब दिया गया है। ऐसे ही आगे भी दिया जाएगा।

100वीं स्वतंत्रता वर्षगांठ तक बनेगा विकसित भारत

उन्होंने आगे बताया कि, हम पूरी तरह से तैयार हैं कि भारत की 100वीं एनिवर्सरी तक विकसित भारत का सपना पूरा हो जाएगा। साथ ही इस राष्ट्र निर्माण में हमारी सबसे बड़ी ताकत है। हमारा विशाल सेना परिवार जो करीब 1.3 करोड़ लोगों का समुदाय है, जिसमें सेवारत सैनिक, उनके परिवार, वेटरंस और वीरगति को पाने वाले सैनिकों के परिजन शामिल हैं। सेना सिर्फ सीमा पर रक्षा नहीं कर रही है, वो साथ में राष्ट्र निर्माण में भी भूमिका निभा रही है।

Created On :   26 July 2025 2:04 PM IST

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