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पाक की साजिश बेनकाब, BSF ने J&K में इंटरनेशनल बॉर्डर पर 150 मीटर लंबी सुरंग का पता लगाया
हाईलाइट
- हीरानगर सेक्टर में इंटरनेशनल बॉर्डर पर एक 150 मीटर लंबी सुरंग मिली
- पाक इस सुरंग की मदद से जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ कराता था
- बीते छह महीनों में जम्मू क्षेत्र के सांबा और कठुआ जिलों में इंटरनेशनल बॉर्डर पर यह तीसरी सुरंग
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) ने कठुआ जिले के हीरानगर सेक्टर में इंटरनेशनल बॉर्डर पर एक 150 मीटर लंबी सुरंग का पता लगाया है। पाकिस्तान इस सुरंग की मदद से जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ कराने की कोशिश करता था। बीते छह महीनों में जम्मू क्षेत्र के सांबा और कठुआ जिलों में इंटरनेशनल बॉर्डर पर यह तीसरी सुरंग है जिसका पता अलर्ट बॉर्डर गार्ड्स ने लगाया है। जबकि पिछले एक दशक में ये नौवीं सुरंग है।
बीएसएफ के इंस्पेक्टर जनरल एन एस जामवाल ने कहा, 'आज सुबह हीरानगर सेक्टर के बोबियान गांव में एक एंटी-टनलिंग ऑपरेशन के दौरान बीएसएफ के एक गश्ती दल ने लगभग 150 मीटर लंबी सुरंग का पता लगाया है। सुरंग की जानकारी लगने के बाद जामवाल समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी बोबियान पहुंचे। इस इलाके के विपरीत पाकिस्तान का शकरगढ़ है जो आतंकवादियों के लॉन्च पैड और ठिकानों के लिए कुख्यात है। बीएसएफ अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तानी की इन चालों का मुकाबला करने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी मार्किंग की रेत की थैलियों का मिलना इस बात का प्रमाण है कि इस सुरंग के निर्माण में पाकिस्तानी प्रतिष्ठानों का हाथ है। ये सुरंग भी पहले डिटेक्ट की गई सुरंग की ही तरह है जिसकी डेप्थ 25-30 मीटर और डायामीटर दो से तीन फीट के करीब है। बीएसएफ अधिकारी से जब पूछा गया कि क्या इस सुरंग को हाल ही में खोदा गया या यह पुरानी है? इस पर बीएसएफ अधिकारी ने कहा कि यह जांच का विषय है। हालांकि, उन्होंने कहा कि सुरंग से बरामद रेत के कुछ बैग में 2016-17 की मैन्युफैक्चरिंग डेट है, जो बताता है कि यह एक पुरानी सुरंग है।
अधिकारी ने कहा, हम लंबे समय से इस सुरंग की खोज कर रहे थे और इसका पता लगाने के लिए एंटी-टनलिंग ऑपरेशन लॉन्च किया था। अतीत में इस सुरंग के माध्यम से कोई घुसपैठ हुई थी या नहीं, यह जांच पूरी होने के बाद ही कहा जा सकता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।