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दैनिक भास्कर हिंदी: निर्भया गैंगरेप केस : अब दोषी विनय ने लगाई राष्ट्रपति के पास दया याचिका

हाईलाइट
- 2012 के दिल्ली गैंगरेप का मामले के एक दोषी विनय ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका लगाई
- इससे पहले दिन में सुप्रीम कोर्ट ने दोषी मुकेश की याचिका खारिज कर दी
- मुकेश ने राष्ट्रपति के दया याचिका खारिज किए जाने की ज्यूडिशियल रिव्यू की मांग की थी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 2012 के दिल्ली गैंगरेप का मामले के एक दोषी विनय ने फांसी की सजा से बचने के लिए बुधवार को राष्ट्रपति के पास दया याचिका लगाई। इससे पहले दिन में सुप्रीम कोर्ट ने दोषी मुकेश की याचिका खारिज कर दी। मुकेश ने राष्ट्रपति के दया याचिका खारिज किए जाने की ज्यूडिशियल रिव्यू की मांग की थी। 17 जनवरी को राष्ट्रपति ने मुकेश की दया याचिका खारिज कर दी थी। वहीं निर्भया के दोषी अक्षय की क्यूरेटिव पिटीशन पर सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को सुनवाई करेगा।
अक्षय की याचिका पर दोपहर 1 बजे सुनवाई करेगी। जस्टिस एन वी रमना, जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस रोहिंगटन फली नरीमन, जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच क्यूरेटिव पिटीशन पर सुनवाई करेंगे। मुकेश और विनय की क्यूरेटिव पिटीशन सुप्रीम कोर्ट से खारिज हो चुकी है. अक्षय तीसरा दोषी है जिसने इस विकल्प का इस्तेमाल करने के लिए अर्जी लगाई है।
मुकेश की याचिका पर सुनवाई के दौरान उसके वकील अंजना प्रकाश ने कहा कि मुकेश का जेल में शारीरिक शोषण हुआ है। उस समय प्रिजन अधिकारी वहां थे, लेकिन उन्होंने कोई मदद नहीं की। वकील ने कहा कि मुकेश के भाई राम सिंह की हत्या की गई है। जेल अधिकारी कह रहे हैं कि उसने फांसी लगाई है, जबकि उसका एक हाथ खराब था। वो फांसी कैसे लगा सकता है? वकील ने आरोप लगाया कि मुकेश को क्यूरेटिव पिटीशन खारिज होने से पहले एकांत कारावास में रखा गया था।
नहीं किया दुष्कर्म
मुकेश ने अदालत में पेश अपने हलफनामे में दावा किया कि उसने दुष्कर्म नहीं किया। हालांकि वह घटनास्थल पर मौजूद था। मुकेश के वकील अंजना ने कहा कि 14 जनवरी को दया याचिका दायर की गई और 17 फरवरी को फैसला आ गया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने दया याचिका का निपटारा करने में जल्दी दिखाई है। राष्ट्रपति के फैसले की न्यायिक समीक्षा होनी चाहिए।
SC ने खारिज कर दी थी क्यूरेटिव पिटिशन
बता दें कि मौत की सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई क्यूरेटिव पिटीशन के खारिज होने के बाद मुकेश ने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने मुकेश के अलावा अन्य दोषी अक्षय कुमार (31) की भी क्यूरेटिव पिटीशन को खारिज कर दिया था। अन्य दो दोषियों पवन गुप्ता (25) और विनय कुमार शर्मा ने अभी तक सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पीटिशन दाखिल नहीं की है।
पटियाला हाउस कोर्ट ने किया अर्जी का निपटारा
इससे पहले दिन में दोषी अक्षय, विनय और पवन की अर्जी का पटियाला हाउस कोर्ट ने निपटारा कर दिया। शुक्रवार को इन तीनों दोषियों ने कोर्ट का रुख किया था और कहा था कि अब तक तिहाड़ जेल प्रशासन ने उनको दस्तावज मुहैया नहीं कराए हैं। कोर्ट ने कहा कि अब इस मामले में कोई निर्देश की जरूरत नहीं है। दोषयों की मांग पर तिहाड़ जेल प्रशासन ने वो सभी दस्तावेज मुहैया करा दिए हैं, जो दोषियों ने मांगे थे। दोषी विनय के वकील ने अब हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात कही है।
एक फरवरी को दी जानी है फांसी
चार दोषियों - मुकेश (31), पवन गुप्ता (24), विनय शर्मा (25) और अक्षय कुमार सिंह (33) को 1 फरवरी को फांसी दी जानी है। उन्हें दोषी ठहराते हुए सितंबर 2013 में मौत की सजा सुनाई गई थी। मार्च 2014 में हाईकोर्ट ने और मई 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने इसे बरकरार रखा था। इससे पहले 22 जनवरी को फांसी दी जानी थी, लेकिन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के समक्ष दोषियों की दया याचिका दायर करने के चलते देरी हुई। राष्ट्रपति की ओर से दया याचिका खारिज कर दी गई।
16 दिसंबर 2012 की घटना
बता दें कि दिल्ली की छात्रा निर्भया के साथ चलती बस के अंदर बर्बर तरीके से 16 दिसंबर 2012 को रेप किया गया था। इसके बाद वह उसे सड़क पर छोड़कर चले गए थे। गंभीर हालत में निर्भया को दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में उसे सिंगापुर इलाज के लिए भेजा गया था लेकिन उसने दम तोड़ दिया। इस मामले ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक जन आक्रोश उत्पन्न किया था।
भोपाल: स्कोप कॉलेज में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग ने अपने छात्र -छात्राओं के भविष्य को संवारने के लिये भारत के आटोमोबाइल क्षेत्र में अग्रणी कम्पनी हीरो मोटोकार्प के साथ एक करार किया जिसमें ऑटोमोबाइल क्षेत्र में स्किल डेवलपमेंट के लिये एक विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना संस्था के प्रांगण में की गई है। ये अपने आप में एक अद्वतीय पहल है तथा सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। इसमें सभी नवीनतम कम्प्यूटराइज्ड मशीन के द्वारा टू-व्हीलर ऑटोमोबाइल कार्यशाला प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस वर्कशाप में उद्घाटन के अवसर पर कम्पनी के जनरल मैनेजर सर्विसेज श्री राकेश नागपाल, श्री मनीष मिश्रा जोनल सर्विस हेड - सेंट्रल जोन, श्री देवकुमार दास गुप्ता - डी जी एम सर्विस, एरिया मैनेजर श्री राम सभी उपस्थिति थे। साथ ही संस्था के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. अजय भूषण, डॉ. देवेंद्र सिंह, डॉ. मोनिका सिंह, अभिषेक गुप्ता आदि उपस्थित थे। संस्था के सभी शिक्षकगण तथा छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना से की गई , डॉ. मोनिका सिंह ने अतिथियों का संक्षिप्त परिचय दिया। डॉ. अजय भूषण ने सभी का स्वागत किया और बताया कि आने वाला समय कौशल विकास आधारित शिक्षा का है। कर्यक्रम में आईसेक्ट ग्रुप के कौशल विकास के नेशनल हेड अभिषेक गुप्ता ने ग्रुप के बारे मे विस्तार से बताया कि किस तरह हमेशा से आईसेक्ट ग्रुप ने कौशल विकास को हमेशा प्राथमिकता से लिया है। कार्यक्रम में एएसडीसी के सीईओ श्री अरिंदम लहिरी ऑनलाइन आकर सभी को बधाई दी तथा छात्र - छात्राओं को उनके उज्जवल भविष्य के लिये शुभाषीस भी दी।
कार्यक्रम में डॉ. देवेंद्र सिंह ने बताया कि कौशल विकास आधारित शिक्षा सनातन काल से भारतवर्ष में चली आ रही है मध्यकालीन समय में कौशल विकास पर ध्यान नही दिया गया परंतु आज के तेजी से बदलते हुए परिवेश में विश्व भर में इसकी आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसी आवश्यकता को देखते हुये स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में कुछ ही समय में विभिन्न क्षेत्रों के सात सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई है जो की विभिन्न क्षेत्रों मे छात्र- छात्राओं के कौशाल विकास मे महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।
भोपाल: सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों की बुलेट यात्रा का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में हुआ आगमन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। इंडिया गेट से जगदलपुर के लिए 1848 किमी की लंबी बुलेट यात्रा पर निकलीं सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने विश्वविद्यालय परिसर में आगमन पर भव्य स्वागत किया। लगभग 300 स्वयंसेवकों तथा स्टाफ सदस्यों ने गुलाब की पंखुड़ियों से पुष्प वर्षा करते हुए स्वागत किया। वहीं उनके स्वागत में एन एस एस की करतल ध्वनि से पूरा विश्वविद्यालय परिसर गुंजायमान हो उठा। इस ऐतिहासिक बाइक रैली में शामिल सभी सैन्यकर्मियों का स्वागत विश्वविद्यालय के डीन ऑफ एकेडमिक डॉ संजीव गुप्ता, डिप्टी रजिस्ट्रार श्री ऋत्विक चौबे, कार्यक्रम अधिकारी श्री गब्बर सिंह व डॉ रेखा गुप्ता तथा एएनओ श्री मनोज ने विश्वविद्यालय की तरफ से उपहार व स्मृतिचिन्ह भेंट कर किया। कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए डिप्टी कमांडेंट श्री रवीन्द्र धारीवाल व यात्रा प्रभारी श्री उमाकांत ने विश्वविद्यालय परिवार का आभार किया। इस अवसर पर लगभग 200 छात्र छात्राएं, स्वयंसेवक व एनसीसी कैडेट्स समस्त स्टाफ के साथ स्वागत में रहे मौजूद।
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