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मध्य प्रदेश की राजधानी: भोपाल गैस कांड से प्रभावित 500 विधवाओं को पेंशन का इंतजार

हाईलाइट
- भोपाल गैस कांड से प्रभावित 500 विधवाओं को पेंशन का इंतजार
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 37 साल पहले हुए यूनियन कार्बाइड गैस हादसे को अब तक लोग भुला नही पाए हैं। इस हादसे के चलते विधवा हुई लगभग 500 महिलाएं अपनी जिंदगी की गाड़ी को मुश्किल से चला पा रही है, उन्हें सरकार की ओर से घोषित पेंशन भी नहीं मिल पा रही है।
भोपाल गैस हादसे के प्रभावित स्वास्थ्य से लेकर आर्थिक संकट से अब भी जूझ रहे हैं। सबसे बुरा हाल उन महिलाओं का है जिनकी मांग का सिंदूर इस हादसे के दुष्परिणामों के चलते मिट गया।
राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हादसे की 36वीं बरसी के मौके पर गैस पीड़ित विधवाओं को 1000 रुपए मासिक पेंशन देने का ऐलान किया था। मुख्यमंत्री की इस घोषणा पर अमल हुआ और 4426 विधवाओं को पेंशन का लाभ मिलने भी लगा, मगर 470 विधवाओं को अब तक पेंशन नहीं मिल पाई है। गैस पीड़ितों की समस्याओं को लेकर संघर्ष करने वाले चार प्रमुख संगठन भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ, भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा, भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एंड एक्शन और डाउ केमिकल के खिलाफ बच्चे नामक संगठनों की माने तो बुजुर्ग महिलाएं अपने जिंदगी के बुरे दौर से गुजर रही हैं।
भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एंड एक्शन की रचना ढींगरा का कहना है कि सरकार की घोषणा के बाद 470 गैस पीड़ित विधवा ऐसी हैं जिन्हें अब तक पेंशन का लाभ नहीं मिल पाया है, ऐसा प्रशासनिक लापरवाही के चलते हो रहा है।
बताया गया है कि पेंशन की हकदार गैस पीड़ित कलेक्टर कार्यालय के लगातार चक्कर लगा रही हैं मगर उन्हें पेंशन मिलना तो दूर कोई भी अधिकारी बात करने को तैयार नहीं है। इतना ही नहीं इन महिलाओं को आखिर पेंशन क्यों नहीं दी जा रही अथवा कब मिलेगी इसकी भी जानकारी किसी के पास नहीं है।
आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही विधवाओं के लिए यह पेंशन किसी संजीवनी से कम नहीं है और यही कारण है कि वे लगातार पेंशन पाने के लिए दफ्तरों के चक्कर लगा रही हैं। विधवाओं का कहना है कि मुख्यमंत्री ने तो पेंशन देने की घोषणा कर दी थी मगर उनके अधिकारी इस मामले में लापरवाही बरत रहे हैं।
गैस पीड़ित विधवाओं को पेंशन न मिलने के मामले में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी को भी संघर्षरत संगठनों की ओर से पत्र लिखा गया है और उन्हें स्थिति से भी अवगत कराया गया है।
गैस संगठनों की ओर से लिखे गए पत्र में कहा गया है कि 470 विधवाओं में से 394 ऐसी विधवाएं हैं जो पिछले सात साल से भी ज्यादा से अपनी पेंशन का इंतजार कर रही हैं।
आईएएनएस
स्वतंत्रता दिवस: रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने हर्षोल्लास से मनाया 75वां स्वतंत्रता दिवस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में 75 वां आजादी का अमृत महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। आजादी का यह महोत्सव विश्वविद्यालय ने आजादी के अमर नायकों को समर्पित करते हुए आयोजित किया। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री संतोष चौबे जी ने ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. ब्रह्म प्रकाश पेठिया और कुलसचिव डाॅ. विजय सिंह विषेष रूप से उपस्थित थे। इस मौके पर एनसीसी नेवल विंग के कैडेट्स ने फ्लैग मार्च करते हुए राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी। साथ ही परेड में स्पोर्ट्स क्लब, एनएसएस और स्टूडेंट एक्टिविटी काउंसिल (सैक) भी शामिल हुए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आरएनटीयू के कुलाधिपति श्री संतोष चौबे जी ने इस अवसर पर कहा कि ये उत्साह और उमंग की वापसी एक ऐसे आह्वान के ऊपर हो रही है जो इस समय पूरे देश में है। हमारे देश ने जिस तरह की प्रगति पिछले कुछ वर्षों में की है जिस आधार पर यह प्रगति की गई है वो निश्चित ही गर्व के योग्य है। कोविड के दौरान हमने विश्व मानवता हेतु दवाएं एक्सपोर्ट कीं। कोविड में हमने लोगों को बताया कि यदि जीवन शैली है तो वो भारतीय जीवन शैली है जिसके माध्यम से विष्व बचा रह सकता है। हमारी परंपरा ही हमारी रीढ़. की हड्डी है जो हमें बचाए रहती है। हमारा विश्वविद्यालय सदैव यही प्रयत्न करता है कि एकता, अखंडता और सद्भाव का हम यहां उदाहरण प्रस्तुत करें। कुलपति डाॅ. ब्रह्म प्रकाश पेठिया जी ने विद्यार्थियों से कहा कि यह समय सकारात्मक ऊर्जा का है। सभी को अपने कार्यक्षेत्रों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहिए ताकि हम राष्ट्र की प्रगति में अपना योगदान दे सकें। वहीं कुलसचिव डाॅ. विजय सिंह जी ने कहा कि इस समय विद्यार्थियों के सामने अनंत संभावनाएं हैं। विद्यार्थियों को देश को आगे ले जाने का संकल्प लेना चाहिये।
विश्वविद्यालय के स्टूडेंट एक्टिविटी काउंसिल के छात्र रिषी रघुवंषी और एनसीसी नेवल विंग के कैडेट्स चिराग और ग्रुप ने देशभक्ति गीत गाकर देशभक्ति का समां बांध दिया। एनएसएस के स्वयंसेवक अविनाष और ग्रुप एवं सैक के टीना और नेहा ने ग्रुप डांस की मनमोहक प्रस्तुति दी। वहीं छात्र विवेक भास्कर ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने विचार प्रस्तुत किये। इसी क्रम में टैगोर राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के छात्र छात्राओं द्वारा रबीन्द्रनाथ टैगोर की जीवनी पर आधारित नाटक ‘एकला चलो रे’ की मनमोहक प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर आजादी के 75वें वर्ष तथा देश में पहली बार आयोजित ‘हर-घर तिरंगा’ कार्यक्रम के भावी स्मरणार्थ राष्ट्रीय कैडेट कोर के नेवल विंग और राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के बैनर तले कुलाधिपति श्री संतोष चौबे, कुलपति डॉ. ब्रम्ह प्रकाश पेठिया, कुलसचिव डॉ विजय सिंह, एनसीसी आफिसर सब लेफ्टिनेंट मनोज मनराल, कार्यक्रम अधिकारी डॉ रेखा गुप्ता एवं श्री गब्बर सिंह सहित समस्त अधिकारियों और कर्मचारियों की उपस्थिति में पौधारोपण भी किया गया। आजादी के 100वें वर्ष में प्रवेश करने पर इन पौधों के सम्मुख विद्यार्थियों को ले जाकर आजादी की कहानियां सुनाने का प्रण भी लिया गया। कार्यक्रम का संचालन विवेक भास्कर एवं संस्कृति द्वारा किया गया।
CSS Founder: A Web Design Company डिजिटलाइजेशन को आगे बढ़ाने और मेड इन इंडिया का सपना पूरा करने में अपना योगदान दे रहा है।
डिजिटल डेस्क, नोएडा। CSS Founder एक वेबसाइट डिजाइनिंग कंपनी है जो कि मेक इन इंडिया के विजन को आगे बढ़ाने का लक्ष्य रखती है। हजारों वेबसाइट बनाने के पश्चात CSS Founder ने अपनी छाप भारत के साथ-साथ भारत के बाहर विविध ग्राहकों के साथ जुड़ी हैं जिनमें यूएई, यूएएस और यूके जैसे देश शामिल है। इस कंपनी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह किसी भी क्षेत्र एवं पृष्ठभूमि तथा वित्तीय क्षमता के व्यवसायियों के लिए बहुत सुंदर वेबसाइट डिजाइनिंग को पूरा करते हैं। Css Founder एक Website Designing Company in Delhi है जो की दिल्ली एनसीआर में बहुत प्रचलित है ये कंपनी एक ही लक्ष्य पर काम कर रही है वो है हर किसी स्टार्टअप या बिज़नेस का अपना खुद का वेबसाइट हो और वो डिजिटल इंडिया में अपना योगदान दे सक।
'मेड इन इंडिया' अभियान में हिस्सा
इमरान खान कंपनी के संस्थापक हैं और इनके मार्गदर्शन में कार्य करते हुए फॉर्म अपनी सभी विश्वासनीय सस्ती एवं विश्वसनीय व्यवसाय डिजाइनिंग के सेवाओं के लिए खास तौर पर जानी जाती हैं, क्योंकि सारे जगह सालों को डिजिटल मैप पर लाएंगे। 2016 में कंपनी की स्थापना के पश्चात सी एस एस फाउंडर 'मेड इन इंडिया' वेबसाइटों के साथ अपना व्यापारिक समुदाय को पूरा करने के लिए कार्य किया है और जरूरतमंद बच्चों के लिए एवं गरीबों को मुफ्त भोजन और राशन प्रदान करने का लक्ष्य रखा है।
CSS Founder के संस्थापक इमरान खान जी का कहना है कि "इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस उद्योग से आ रहे हैं। हम आपको एक वेबसाइट बनाने में सक्षम रूप से मदद करेंगे एवं प्रेरित करेंगे। जिससे कि आप की व्यवस्थाएं को उड़ान भरने में मदद प्रदान हो पाएगी" और आज के युग में एक व्यवसाय के लिए एक वेबसाइट होना अति आवश्यक है वैश्विक स्तर पर 'मेड इन इंडिया' के सपने को पूरा करने का लक्ष्य रखते हैं और 'मेक इन इंडिया' के अभियान को भी प्रतिक्रियाओं के साथ आगे बढ़ा रहे हैं।
भलाई के लिए आगे कदम बढ़ाए
केवल इतना ही नहीं यह टीम गरीबों की भलाई के लिए भी आगे आई है जिसके अंतर्गत उन्होंने गरीब बच्चों को खाना बांटा एवं जरूरतमंदों को राशन प्रदान भी करने का लक्ष्य रखा है भोजन में राजमा, चावल, अचार, रायता, चिप्स, पारले जी बिस्किट, छोले, पूरी और उसके साथ मिठाई भी रखी है। यदि हम राशन की बात करें तो दाल, चावल, आटा, चीनी, तेल, नमक, मटर, चने, सोयाबीन और कुछ जरूरी मसाले भी बांटने के लिए लिस्ट में रखे हैं और यह राशन मुफ्त में बांटा जाता है और भोजन भी मुफ्त में कराया जाता है। पूरे वर्ष में 80,000 बच्चों को भोजन कराने का लक्ष्य CSS Founder द्वारा रखा गया है।
चाहते हैं डिजिटलाइजेशन को बढ़ाना
भारत के साथ-साथ यह कंपनी अमेरिका में भी अपने कदम जमाने के लिए प्रतिबंध है एवं पहले से ही यह कंपनी पर कई सारे परियोजनाओं को शुरू कर चुकी है और इसकी सटीकता बहुत गहराइयों तक पहुंच चुकी है। उसी के साथ या कंपनी कोलंबिया, रियाद, शिकागो, दुबई, अबू धाबी, जेद्दा, नॉर्वे, डेनवर, बोईस, टोरंटो, टोक्यो, शारजाह और अटलांटा जैसे आधी टॉप विदेशों में भी अपनी छाप छोड़ रही है।
कंपनी द्वारा अपने उपयोगकर्ताओं के लिए वेबसाइट बनाने का कार्य जटिलता के साथ किया जा रहा है और यह भारत में डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देने के लिए पूर्ण रूप से कोशिश कर रही है उसी के साथ-साथ विदेशों से भी संबंध बना रहे हैं। CSS Founder कया कहना है कि स्टार्टअप, व्यवसाय को आगे बढ़ने के साथ साथ हमें अपने योगदान देश के लिए भी देना चाहिए।
लॉ समाधान: कानूनी और लेखा समस्याओं के समाधान का एकमात्र स्थान
डिजिटल डेस्क, भोपाल। कोर्ट-कचहरी के चक्कर कोई नहीं काटना चाहता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जहां जनता को सही सलाह न मिलने का डर सताता है, वहीं, कानून के पचड़े में पड़ना घर बार बिकने के सामान समझा जाता है। इसी डर से आज भी ऐसा देखा जाता है की बहुत से केस रिपोर्ट ही नहीं हो पाते हैं। लेकिन, यदि जनता के पास ऐसा कुछ हो जिस पर वह विश्वास कर सके और ठगा सा महसूस न करे, तो कैसा होगा? ऐसा होने पर न सिर्फ जनता को सही कानूनी सलाह मिलेगी, सलाह उनकी जेब पर भारी भी नहीं पड़ेगी और आसानी से मिलेगी। ऐसा ही है लॉ समाधान पोर्टल। कानूनी और लेखा सेवा प्रदान करने की क्षमता रखने वाले इस पोर्टल पर जनता विश्वास कर सकती है क्योंकि इसके साथ जुड़ें होंगे देश के बेहतरीन और जाने माने वकील और लेखा सेवाओं से जुड़े प्रोफेशनल।
जनता, नए कारोबारियों, अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट के लिए उत्तम मंच
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