उम्रकैद के 24 घंटे बाद सज्जन कुमार ने छोड़ी कांग्रेस, राहुल गांधी को सौंपा त्यागपत्र
- अकाली दल ने कांग्रेस पर साधा निशाना
- कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को सौंपा इस्तीफा
- दिल्ली हाईकोर्ट ने सज्जन को उम्रकैद की सजा सुनाई है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सिख दंगा केस में उम्र कैद की सजा मिलने के बाद सज्जन कुमार ने कांग्रेस की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है। सज्जन ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अपना इस्तीफा दे दिया है। पत्र में सज्जन ने लिखा है कि माननीय उच्च न्यायालय ने मेरे खिलाफ सजा का आदेश दिया है, जिसके बाद में कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं। सज्जन के इस्तीफे के बाद अकाली दल ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। अकाली दलके विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि सज्जन का इस्तीफा ये साबित करता है कि वो 34 साल से कांग्रेस में था।
सज्जन कुमार को दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। उन पर पांच लाख रुपए का जुर्मान भी लगाया गया था। कोर्ट ने सज्जन को 31 दिसंबर के पहले सरेंडर करने का आदेश दिया है। दरअसल, इंदिरा गांधी की मौत के बाद देशभर में सिख विरोधी दंगे फैल गए थे। दिल्ली कैंट में 1 और 2 नवंबर को भीड़ ने 5 सिखों की बेरहमी से हत्या कर दी थी। भीड़ की भेंट चढ़ने वालों में रघुविंदर सिंह, केहर सिंह, गुरप्रीत सिंह, कुलदीप सिंह और नरेंद्र पाल सिंह शामिल थे। वहां मौजूद लोगों ने सज्जन कुमार पर भीड़ को उकसाने का आरोप लगाया था। भीड़ के हाथों मरने वाले केहर सिंह की पत्नी और गुरप्रीत सिंह की मां जगदीश कौर ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। दंगे में मारे गए एक सिख के भाई जगशेर सिंह ने भी कोर्ट में गवाही दी थी।
सज्जन कुमार पर डकैती, आपराधिक साजिश के साथ ही मर्डर की शिकायत की गई थी। 2005 में नानावटी कमीशिन ने सज्जन के खिलाफ केस दर्ज करने की सिफारिश की थी, जिसे मान लिया गया। सज्जन के खिलाफ सीबीआई (सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन) ने 2 चार्जशीट फाइल की थीं। उनके अलावा कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर पर भी दंगा भड़काने के आरोप लगे थे। सज्जन ने 2009 में लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था।
न्यायमूर्ति जीटी नानावटी आयोग और जगदीश कौर की शिकायत को आधार बनाकर सीबीआई ने 2005 में सज्जन कुमार, पूर्व विधायक महेंद्र यादव, पूर्व पार्षद बलवंत खोखर, कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल और कृष्ण खोखर के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसके बाद सीबीआई ने 13 जनवरी 2010 को सभी 6 आरोपियों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था। पांच लोगों को दोषी ठहराकर कोर्ट ने सज्जन कुमार को बरी कर दिया था, जिसके बाद दंगा पीड़ितों और सीबीआई ने उच्च अदालत में याचिका लगाई थी।
बता दें कि सज्जन कुमार को कभी दिल्ली की राजनीति में कांग्रेस का बड़ा चेहरा माना जाता था। दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री चौधरी ब्रम्ह प्रकाश को 1980 में लोकसभा चुनाव हराने वाले सज्जन कुमार कभी देश की राजधानी में चाय की दुकान चलाया करते थे। संजय गांधी की नजर उन पर 1970 में पड़ी थी, जिसके बाद सज्जन ने दिल्ली के मादीपुर क्षेत्र से नगर पालिका का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।
Created On :   18 Dec 2018 1:05 PM IST