आगरा मेट्रो परियोजना को सशर्त मंजूरी

Agra metro project conditionally approved
आगरा मेट्रो परियोजना को सशर्त मंजूरी
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हाईलाइट
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आगरा, 24 जुलाई (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट द्वारा आगरा मेट्रो परियोजना को हरी झंडी दिखाए जाने के बाद राज्य की चौथी सबसे बड़ी कंपनी उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉपोर्रेशन लिमिटेड (यूपीएमआरसीएल) ने कमर कस ली है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार, सबसे बड़ा काम 18,230 पौधे लगाने का है।

बता दें कि आगरा मेट्रो परियोजना की लागत 8,379.62 करोड़ रुपये है। इसमें दो कॉरिडोर हैं - सिकंदरा से ताजमहल तक 14 किलोमीटर का मार्ग और आगरा कैंट से कालिंदी विहार तक 15.4 किमी का मार्ग। कॉरिडोर 1 में 13 मेट्रो स्टेशन हैं जिनमें से छह एलिवेटेड और सात भूमिगत हैं।

इस प्रोजेक्ट से करीब 20 लाख लोगों को लाभ होगा।

आगरा मेट्रो परियोजना के लिए फिजिबिलिटी स्टडी 2016 में की गई थी, जिसे 28 फरवरी, 2019 को मंत्रिमंडल ने अनुमोदित किया था।

फिर 8 मार्च, 2019 को प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस परियोजना की आधारशिला रखी। लेकिन भारत के सर्वोच्च न्यायालय के प्रतिबंधों और हस्तक्षेप के कारण इसके निर्माण कार्य को रोक दिया गया था। दो दिन पहले ही शीर्ष अदालत ने इसे मंजूरी दी।

शीर्ष अदालत ने सेंट्रल एम्पॉवर्ड कमेटी (सीईसी) की सिफारिशों के अनुसार आगरा मेट्रो परियोजना के कार्यान्वयन के लिए कुछ दिशानिर्देशों और शर्तों के साथ अपनी मंजूरी दी है।

शीर्ष अदालत ने कहा है कि सीईसी की सिफारिशों के अनुसार, यूपीएमआरसी को इस प्रोजेक्ट के लिए प्रस्तावित संख्या से 10 गुना अधिक यानि कि 18,230 पौधे लगाने होंगे।

यूपीएमआरसीएल के एमडी कुमार केशव ने कहा, यह यूपीएमआरसी की पूरी टीम के लिए बहुत खुशी की बात है कि सर्वोच्च न्यायालय ने आखिरकार आगरा मेट्रो परियोजना के निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी है। हमने इसके लिए पहले से ही टेंडर मंगाए हुए हैं।

Created On :   24 July 2020 7:00 AM GMT

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