HAL को सपोर्ट करके IAF की लड़ाकू क्षमता को हुआ काफी नुकसान- एयर चीफ धनोआ
- धनोआ ने कहा कि HAL ने हमें 20 में से केवल 10 तेजस जेट ही बनाकर दिए हैं।
- धनोआ ने कहा कि इंडियन एयरफोर्स HAL को रियायतें दे सकती है
- लेकिन क्या हमारे दुश्मन हमें छूट देंगे।
- बीएस धनोओ ने HAL की जमकर आलोचना की है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के एयर चीफ मार्शल बीएस धनोओ ने तेजस एयरक्राफ्ट की डिलीवरी में हो रही देरी के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की जमकर आलोचना की है। धनोआ ने कहा कि इंडियन एयरफोर्स ने 1985 में 20 लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस की मांग रखी थी, लेकिन अब तक HAL ने हमें केवल 10 तेजस ही बनाकर दिए हैं। धनोआ ने कहा कि इंडियन एयरफोर्स HAL को समय दे सकती है, लेकिन क्या हमारे दुश्मन हमें समय देंगे। बता दें कि HAL के अधिकारी ने एक बयान में कहा था कि क्या IAF विदेशी वेंडरों को छूट देती है? अधिकारी ने कहा था कि इंडियन एयरोफोर्स HAL के साथ भेदभाव कर रही है।
Air Chief Marshal BS Dhanoa at a seminar in New Delhi yesterday: The IAF had sought first 20 LCA Tejas aircraft as per requirements issued in 1985. Even then, the HAL has been able to manufacture only 10 fighters of these 20 (file pic) pic.twitter.com/lyc7lmSowg
— ANI (@ANI) February 1, 2019
धनोआ ने कहा, "IAF पर आरोप लगे कि हमने अपना लक्ष्य बदल लिया। हमने किसी और के साथ डील की, लेकिम मैं यह कहना चाहता हूं कि हमने कुछ चेंज नहीं किया है। टेक्नोलॉजी के विकास में इतना समय लग रहा है कि जिस चीज की मांग की गई, वह धीरे-धीरे अप्रचलित होती जा रही है। मैं सर्विस चीफ के रूप में HAL को रियायतें दे सकता हूं। क्या देश के दुश्मन हमें इतना समय देंगे और हमें बख्शेंगे?" धनोआ 10वें जंबो मजूमदार इंटरनेशनल लेक्चर को संबोधित कर रहे थे।
धनोआ ने कहा, "जगुआर डीप स्ट्राइक बॉम्बर्स के एक स्क्वॉड्रन, भारत का सबसे शक्तिशाली एयरक्राफ्ट सुखोई-30MKi के दो स्क्वॉड्रन और मल्टी रोल फाइटर मिराज-2000 के एक स्क्वॉड्रन को अपग्रेड किया जाना बाकी है। यह काम HAL को ही दिया गया है। हालांकि इसको अभी तक अपग्रेड नहीं किया जा सका है और इसका काम अभी काफी पीछे है। वहीं सुखोई-30 को बनाने का काम भी दो साल पीछे है। इसके अलावा लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट्स के निर्माण में छह साल का समय लग सकता है। इस वक्त IAF 40 LCA MK-I की डिलीवरी का इंतजार कर रही है। इसके अलावा 83 LCA MK-IA वेरिएंट के लिए हमने रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (RFP) जारी किया है। हम और कितना रियायत दें। धनोआ ने कहा कि HAL को सपोर्ट करने से IAF के लड़ने की क्षमता को काफी नुकसान हुआ है।
एयरफोर्स चीफ ने फाइटर जेट के परीक्षण में हुई मौत का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, "हमने मारुत, किरण, अजीत और सरस जैसे जेट के परीक्षण में करीब 17 पायलट और इंजीनयर्स खोए हैं। धनोआ ने कहा कि अपने पैसों के भुगतान के लिए हम वर्कफोर्स को नहीं कम कर सकते। उन्होंने कहा, "इंडियन एयरफोर्स की पूरी सैलरी बिल 1,2121 करोड़ रुपये है, जबकि हमारा कैपिटल एक्सपैंडिचर 35,407 करोड़ रुपये है। हमें ईंधन और रखरखाव के लिए 8870 करोड़ रुपये की आवश्यकता पड़ती है। ऐसा कोई तरीका ही नहीं है कि हम अपनी कैपिटल एक्वीजीशन के लिए अपनी श्रमशक्ति में कटौती कर दें।"
इसके साथ ही धनोआ ने राफेल की तारीफ भी की। धनोआ ने कहा कि राफेल और S-400 डिफेंस सिस्टम के आने से भारतीय वायुसेना को मजबूती मिलेगी। बता दें कि धनोआ की टिप्पणी हालिया PAC रिपोर्टों के मद्देनजर आई है। PAC की रिपोर्ट में में दावा किया गया था कि देश में लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) यानि हल्के लड़ाकू विमानों की कमी है। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा, "केंद्र सरकार को एयरफोर्स की जरूरतों पर गौर करना चाहिए। इसके लिए सबसे पहले सरकार को विदेश से जेट एयरक्राफ्ट के आयात को रोकना होगा और इसके बदले देश में ही एयरक्राफ्ट के निर्माणों को शुरू करना होगा।"
Created On :   1 Feb 2019 6:25 PM IST