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'आप' से नाता तोड़ने के बाद अब अलका लांबा ने थामा कांग्रेस का हाथ
हाईलाइट
- अलका लांबा ने ग्रहण की कांग्रेस की सदस्यता
- 6 सितंबर को 'AAP" छोड़ने के बाद ही किया था ऐलान
- साल 2015 में कांग्रेस से तोड़ा था अपना 20 साल का नाता
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (AAP) की पूर्व विधायक अलका लांबा आज (शनिवार) कांग्रेस पार्टी में शामिल हुईं। अलका लांबा ने दिल्ली प्रदेश के पार्टी प्रभारी पी सी चाको की उपस्थिति में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। उन्होंने करीब एक महीने पहले ही आम आदमी पार्टी का दामन छोड़ दिया था। वह कल (शुक्रवार) ही कांग्रेस पार्टी में शामिल होने जा रही थी लेकिन किन्हीं कारणों के चलते ऐसा नहीं हो सका। कांग्रेस में शामिल होने के बाद उन्होंने गर्व महसूस करने की बात कही थी।
Delhi: Alka Lamba, MLA from Chandni Chowk joins Congress in presence of party leader, PC Chacko. pic.twitter.com/prlC5InsF3
— ANI (@ANI) October 12, 2019
बता दें कि चांदनी चौक से विधानसभा चुनाव लड़ने से पहले साल 2015 में आम आदमी पार्टी में शामिल होकर अलका ने कांग्रेस से अपने 20 साल के रिश्ते को विराम दिया था, लेकिन आज अलका ने एक बार फिर कांग्रेस का दामन थाम लिया है। उन्होंने 6 सितंबर को 'आप' छोड़ने के कुछ ही घंटों बाद कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा कर दी थी। अकबर रोड स्थित पार्टी मुख्यालय में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने के बाद अलका ने ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने बताया कि वह कांग्रेस की सदस्य बनने पर गर्व महसूस कर रही हैं।
आज #काँग्रेस मुख्यालय 24 अकबर रोड पहूँच कर #दिल्ली काँग्रेस के प्रभारी श्री पी सी चाको जी, ज़िला चांदनी चौक अध्यक्ष उस्मान जी, जिला आदर्श नगर अध्यक्ष जिंदल जी व अन्य नेताओं की उपस्थिति में काँग्रेस की सदस्यता ग्रहण की.
— Alka Lamba - अलका लाम्बा
कॉंग्रेस सदस्य बनने पर गर्व मेहसूस कर रही हूँ. @INCIndiapic.twitter.com/gbuUTZqT84
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।