CBI डायरेक्टर को हटाने पर कांग्रेस का सवाल, इतनी जल्दबाजी की क्या है वजह?
- CBI डायरेक्टर आलोक वर्मा को उनके पद से हटाए जाने पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं।
- आनंद शर्मा ने मोदी सरकार से पूछा कि आखिर इतनी जल्दबाजी में CBI डायरेक्टर को क्यों हटाया गया?
- पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने सेलेक्ट कमेटी के इस फैसले के तुरंत बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। CBI डायरेक्टर आलोक वर्मा को उनके पद से हटाए जाने पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं और इस घटनाक्रम को चौंकाने वाला बताया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने सेलेक्ट कमेटी के इस फैसले के तुरंत बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की और मोदी सरकार से पूछा कि आखिर इतनी जल्दबाजी में CBI डायरेक्टर को क्यों हटाया गया? क्या कुछ ऐसा है जिसे सरकार छिपाना चाहती है? क्या CVC पीएम के इशारे पर काम कर रहा था? कांग्रेस ने मांग की है कि आलोक वर्मा को उनका कार्यकाल पूरा करने दिया जाए।
आनंद शर्मा ने कहा कि CVC ने आलोक वर्मा पर जो आरोप लगाए थे उनमें कोई सच्चाई नहीं है। जांच में छह आरोप गलत पाए गए और चार आरोप निराधार मिले है। आनंद शर्मा ने 23 अक्टूबर की उस रात के घटनाक्रम का जिक्र किया CBI के डायरेक्टर को छुट्टी पर भेजे जाने का फैसला लिया गया था। उन्होंने कहा, रात में अधिकारियों को बुलाना, रात में ही दिल्ली पुलिस द्वारा CISF की जगह CBI कार्यालय का कब्जा लेना शंका पैदा करता है।
Former Union Minister @AnandSharmaINC briefs the press on the panicked removal of the Director CBI by the panel led by PM Modi. https://t.co/vB0IEvz1WI
— Congress (@INCIndia) January 10, 2019
उन्होंने कहा इस मामले में सेलेक्ट कमेटी से जो न्याय की अपेक्षा की जा रही थी उसमें वो नाकामयाब रही है। आनंद शर्मा ने कहा कि सेलेक्ट कमेटी की मीटिंग में मल्लिकार्जुन खड़गे ने जो बाते रखी उसे नहीं सुना गया। खड़गे ने मीटिंग में कहा था कि CBI डायरेक्टर को उनका पूरा कार्यकाल खत्म करने का मौका दिया जाए। उन्होंने कहा कि आखिर ऐसी क्या घबराहट है जो पीएम अपने मनपसंद अधिकारी को CBI डायरेक्टर बनाना चाहते हैं। शर्मा ने कहा कि ऐसी कुछ चीजें है जिन पर प्रधानमंत्री परदा डालने की कोशिश कर रहे हैं। आनंद शर्मा ने यह भी कहा कि CVC के साथ CBI ने भी अपनी विश्वसनीयता खो दी है। अब इस संस्था में विश्वास कैसे बहाल होगा।
बता दें कि CBI चीफ आलोक वर्मा को गुरुवार को उनके पद से हटा दिया गया है। दिल्ली में करीब दो घंटे तक चली हाई-पावर्ड सेलेक्शन कमेटी की बैठक के बाद ये फैसला लिया गया है। इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की। बैठक में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और जस्टिस एके सीकरी भी शामिल हुए, जिन्हें भारत के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने नोमिनेट किया था। बताया जा रहा है कि विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे आलोक वर्मा को हटाने के पक्ष में नहीं थे लेकिन 2-1 के बहुमत से आलोक वर्मा को पद से हटा दिया गया है।
Created On :   11 Jan 2019 12:29 AM IST