सेना ने अरुणाचल में 1962 के भारत-चीन युद्ध नायकों की प्रतिमा का किया अनावरण

Army unveils 1962 Indo-China war heroes statue in Arunachal
सेना ने अरुणाचल में 1962 के भारत-चीन युद्ध नायकों की प्रतिमा का किया अनावरण
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ईटानगर, 5 दिसंबर (आईएएनएस)। सेना ने 1962 में भारत-चीन युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के बलिदान और वीरता को याद करने के लिए अरुणाचल प्रदेश के किबिथु और वालोंग वार मेमोरियल में कुमाऊंनी सैनिकों की प्रतिमाएं स्थापित की हैं। एक रक्षा प्रवक्ता ने शनिवार को यह जानकारी दी।

जनरल ऑफिसर कमांडिंग स्पीयर कॉर्प्स, कुमाऊं और नागा रेजिमेंट्स के कर्नल एवं कुमाऊं स्काउट्स लेफ्टिनेंट जनरल आर. पी. कालिता ने शुक्रवार को कुमाउनी सोल्जर की प्रतिमाओं का अनावरण किया।

रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल पी. खोंगसई ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश की सबसे पूर्व में पड़ने वाली घाटी वालोंग को 1962 के युद्ध के दौरान हुए रक्तपात के लिए विशेष तौर पर जाना जाता है। इसे वालोंग की लड़ाई के रूप में भी जाना जाता है। उन्होंने कहा, इस लड़ाई को कई चुनौतियों के बावजूद भारतीय सेना के सैनिकों द्वारा प्रदर्शित फौलादी संकल्प, वीरता और अद्वितीय बहादुरी के लिए याद किया जाता है।

79 वर्षीय सूबेदार (मानद कप्तान) के. एस. ताकुली (सेवानिवृत्त) की उपस्थिति ने शुक्रवार के इस कार्यक्रम को यादगार बना दिया। ताकुली 6-कुमाऊं रेजिमेंट के उन बहादुर सैनिकों में से थे, जिन्होंने 58 साल पहले इसी स्थान पर वीरतापूर्वक लड़ाई लड़ी थी।

लेफ्टिनेंट कर्नल खोंगसई ने कहा कि नागरिक प्रशासन के प्रतिष्ठित लोगों के साथ युद्ध के दिग्गजों, मेयोर और मिश्मी गांवों के स्थानीय मुखिया, कुमाऊं रेजिमेंट के दिग्गज और कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी एवं जवानों की की मौजूदगी में 6-कुमाऊं रेजिमेंट के बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई।

लेफ्टिनेंट जनरल कालिता ने मीडिया से बातचीत करते हुए इस आयोजन के महत्व के बारे में बताया और कहा कि 6-कुमाऊं रेजिमेंट उन पांच इन्फैन्ट्री बटालियनों में से एक है, जिन्होंने उस लड़ाई के दौरान प्रमुख भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि ये प्रतिमाएं 6-कुमाऊं के बहादुरों की साहसीता का प्रतीक हैं, जिन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी दुश्मन का सामना करते हुए वीरता का परिचय दिया।

एकेके/एसजीके

Created On :   5 Dec 2020 2:01 PM GMT

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