फ्लोर टेस्ट पर फैसला विधानसभा अध्यक्ष लेंगे : सिब्बल

Assembly Speaker will decide on floor test: Sibal
फ्लोर टेस्ट पर फैसला विधानसभा अध्यक्ष लेंगे : सिब्बल
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हाईलाइट
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नई दिल्ली, 16 मार्च (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश में चल रहे सियासी ड्रामे के बीच कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि फ्लोर टेस्ट पर फैसला लेना विधानसभा अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र में है। सूबे में कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार गंभीर संकट का सामना कर रही है।

कपिल सिब्बल ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले का हवाला दिया, जिसने हरीश रावत सरकार को सदन के पटल पर बहुमत साबित करने की अनुमति दी थी।

कांग्रेस के 16 से अधिक विधायक बेंगलुरु में हैं। राज्य में विधायकों की खरीद-फरोख्त करने को लेकर उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को जमकर लताड़ लगाई।

यह पूछे जाने पर की क्या सरकार बचेगी, इसके जवाब में उन्होंने कहा, यह सदन के पटल पर साबित होगा। मुख्यमंत्री ही सही स्थिति बता पाएंगे।

कपिल सिब्बल ने कहा कि यदि सरकार अच्छी और स्वच्छ राजनीति में विश्वास करती है तो उसे चाहिए कि वह 10 वीं अनुसूची में संशोधन करे। उन्होंने सुझाव दिया कि पार्टी के व्हिप के खिलाफ जाने वाले विधायकों को लंबे समय तक चुनाव लड़ने से वंचित किया जाना चाहिए और अयोग्य घोषित किए जाने के छह साल तक उन्हें किसी भी पद पर नहीं बने रहने देना चाहिए।

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने सूबे की कांग्रेस सरकार को सदन के पटल पर बहुमत साबित करने को कहा है। हालांकि, सोमवार को होने वाली विधानसभा की कार्यवाही की सूची में इसका जिक्र नहीं था।

वहीं, मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र सोमवार को हंगामे की भेंट चढ़ गया। विधानसभा की कार्यवाही को 26 मार्च तक के लिए स्थगित करना पड़ा है।

प्रदेश में जारी सियासी उठापटक के बीच बजट सत्र सोमवार को राज्यपाल लालजी टंडन के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ था, लेकिन वे सिर्फ एक पैरा ही पढ़ सके और उन्होंने इसे सिर्फ लगभग डेढ़ मिनट में पूरा कर दिया। इसे राज्यपाल की नाराजगी के तौर पर देखा जा रहा है।

राज्यपाल ने सभी सदस्यों को उनके दायित्व कर्तव्यों के निर्वहन की सलाह दी है।

Created On :   16 March 2020 12:30 PM IST

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