- Dainik Bhaskar Hindi
- National
- Ayodhya Ram temple dispute live update, Janmabhoomi dispute supreme court live update, Ayodhya hearing live updates
दैनिक भास्कर हिंदी: अयोध्या विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर फैसला रखा सुरक्षित
हाईलाइट
- अयोध्या विवाद पर आज पूरी हो जाएगी अंतिम सुनवाई !
- फैसले से पहले अयोध्या में हलचल तेज
- अयोध्या राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर 39 दिनों की सुनवाई पूरी
डिजिटल डेस्क, दिल्ली। अयोध्या में राम जन्मभूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में पिछले 40 दिन से चल रही सुनवाई आज पूरी हो गई है। इसमें सर्वोच्च न्यायालय ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। सूत्रों के अनुसार कोर्ट 17 नवंबर से पहले इस विवादित मामले में फैसला दे सकता है। वहीं सुरक्षा की दृष्टि से क्षेत्र में धारा 144 लगी हुई है।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने बयान जारी कर कहा कि इस मामले बहस का अंत हो गया है। सभी पक्षों से उनकी तहरीरें हमने सुन ली गई हैं और हमने फेसला सुरक्षित रख लिया है। हमें फैसला लिखने के लिए समय चाहिए।
जानकारी अनुसार बुधवार को दोनों पक्षकारों के लिए टाइम स्लॉट मंगलवार को ही तय कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई पूरी करने के लिए 17 अक्टूबर का शेड्यूल तय कर रखा है। अब तक हुई सुनवाई में हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों की ओर से संवैधानिक बेंच के सामने अपने-अपने दावे और दलीलें पेश की गईं। अब दोनों ही पक्ष अपने-अपने हक में फैसला आने की उम्मीद कर रहे हैं।
बता दें कि पिछले करीब 70 साल से देश की अदालतों में चल रहे अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद की आखिरी दलील की तारीख सामने है। राम जन्मभूमि विवाद के कारण देश की राजनीति ने कई उतार चढ़ाव देखे हैं, लेकिन अब कई दशकों के बाद उम्मीद है कि फैसला जल्द होगा। आज सुप्रीम कोर्ट में हिंदू पक्षकार 45 मिनट में अपनी अंतिम दलीलें रखीं। इसके बाद मुस्लिम पक्ष के वकील को जवाब देने के लिए एक घंटे का समय दिया गया। बुधवार को हिंदू पक्ष के वकील सीएस वैद्यनाथन को बहस के लिए 45 मिनट मिले, इसके अलावा हिंदू पक्षकारों के अन्य वकीलों को भी इतना ही समय मिला। बाद में मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन को जवाब देने के लिए 1 घंटे का समय मिला।
नक्शा फाड़ने की बात वायरल हो गई...
मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कहा कि ये वायरल हो गया है कि मैंने कोर्ट में नक्शा फाड़ा, लेकिन मैंने ये कोर्ट के आदेश पर किया। मैंने कहा था कि मैं इसे फेंकना चाहता हूं, तब चीफ जस्टिस ने कहा कि तुम इसे फाड़ सकते हो। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि हमने कहा था कि अगर आप फाड़ना चाहें तो फाड़ दें।
सुप्रीम कोर्ट में आज ही सुनवाई से जुड़ी अहम बातें
- चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने साफ कर दिया है कि सुनवाई बुधवार शाम पांच बजे खत्म हो जाएगी।
- हिंदू महासभा के वकील विकास ने अदालत में डॉक्यूमेंट के आधार पर कब्जे की बात कही गई।
- वकील विकास ने कहा जिस जमीन पर बहस हुई वहां पर जन्मस्थान है। उन्होंने इस दौरान अन्य मंदिरों का भी हवाला दिया।
- निर्मोही अखाड़ा की तरफ से सुशील जैन ने अपनी दलील में कहा- मुस्लिम पक्ष अपना दावा स्थापित करने में फेल रहा है, साबित उन्हें करना है हमें नहीं।
- चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सुनवाई के दौरान कहा कि हमारी तरफ से दोनों ओर से बहस पूरी हो चुकी है।
- चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा, हम सिर्फ इस इसलिए सुन रहे हैं कि कोई कुछ कहना चाहता है तो कह दे। हम अभी उठ कर जा भी सकते हैं।
- ऑल इंडिया हिन्दू महासभा की ओर से विकास सिंह ने एडिशनल डॉक्यूमेंट के तौर पर पूर्व आईपीएस किशोर कुणाल की किताब बेंच को दी गई।
- इस पर मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने किताब पर ज़ोरदार आपत्ति जताई। राजीव धवन ने कहा कि इसे ऑन रिकॉर्ड ना लिया जाए, ये बिल्कुल नई चीज है।
- सुप्रीम कोर्ट की ओर से कहा गया कि ये किताब वो बाद में पढ़ेंगे। इसी के साथ किताब वापस दे दी गई है।
- निर्वाणी अखाड़ा की ओर से कहा गया है कि रामलला जन्मस्थान की सेवा का अधिकार उनका है।
- इस पर जस्टिस भूषण ने कहा कि लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्मोही अखाड़ा को सेवायायी माना है।
- इस पर जयदीप गुप्ता ने कहा कि वो दावा गलत है।
- धर्मदास की ओर से वकील जयदीप गुप्ता ने कहा कि टाइटल पर हमारा विवाद नहीं है। हिंदुओं को जो रामलला का अधिकार मिलेगा उससे हम ही सेवायत होंगे। सेवायत का दावा निर्मोही अखाड़े का भी है, हमने सूट फाइल नहीं किया है हम तो डिफेंडेन्ट हैं।
- धर्मदास की ओर से कहा गया कि अभी तो हम ही इकलौते सेवायत दावेदार हैं। जब वहां रिसीवर नियुक्त किए गए तब भी हमारा अखाड़ा ही सेवा, शोभायात्रा और उत्सव का आयोजन और देखरेख करता था, लेकिन बाद में हमें बाहर कर दिया।
- निर्वाणी अखाड़ा और महंत धर्मदास की ओर से दलील रखी गई। निर्वाणी अखाड़ा की ओर से वकील जयदीप गुप्ता ने दलील पेश की।
- गोपाल सिंह विशारद की ओर से रंजीत कुमार ने कहा कि हिंदुओं की ओर से पूजा का अधिकार पहले मांगा गया था।
- मुस्लिम रूल में हिंदुओं को पूजा के अधिकार मिलने में दिक्कत आई थी।
- चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने रामलला के वकील सीएस वैद्यनाथन को कहा कि अब आपका समय पूरा हो गया है, बैठ जाइए।
- रामलला विराजमान के वकील सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि जबतक जमीन पर हक ना हो तो मस्जिद नहीं बनाई सकती है।
- इसी के साथ ही रामलला विराजमान की दलीलों का समय खत्म हो गया है। अब गोपाल सिंह विशारद की ओर से रंजीत कुमार बहस कर रहे हैं. उन्हें सिर्फ दो मिनट का समय मिलेगा।
- सुप्रीम कोर्ट में रामलला विराजमान के वकील सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि उन्होंने (मुस्लिम पक्ष) हम पर कब्जा करने की बात कही है, लेकिन हमने ऐसा नहीं किया. हम जो मांग रहे हैं वह बाबर के द्वारा जो अवैध निर्माण हुआ था उसकी जमीन मांग रहे हैं।
- इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि वक्फ बोर्ड के जमीन पर हक के दावा पर आप क्या कहेंगे? इसपर वैद्यनाथन ने कहा कि ये लोग मंदिर के दावे को खारिज कर रहे हैं लेकिन जब वहां पर पहले से ही मंदिर था तो ऐसा कैसे कह सकते हैं?
- रामलला विराजमान की तरफ से सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि मुस्लिम पक्ष के पास ऐसे कोई सबूत नहीं हैं कि वो साबित कर सके कि जमीन पर उनका हक है।
- मुस्लिम पक्ष की तरफ से ये दावा किया गया कि वहां 22-23 दिसंबर तक नमाज हो रही थी, लेकिन 1934 तक शुक्रवार की नमाज होती थी।
- हिंदू पक्षकार सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि इस बात के प्रमाण हैं कि 16 दिसंबर 1949 के बाद विवादित स्थल पर कोई नमाज़ अदा नहीं की गई।
- 22/23 दिसंबर की रात से रामलला वहां विराजमान थे। 23 दिसंबर 1949 को शुक्रवार था, लेकिन मूर्ति होने की वजह से नहां पर नमाज़ नहीं हो सकी थी।
- सुप्रीम कोर्ट में हिंदू पक्षकार के वकील सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि 1885 तक हिंदू-मुस्लिम उस जमीन पर पूजा का दावा करते थे, लेकिन बाद में ब्रिटिश सरकार ने वहां पर रेलिंग करवा दी। अब मुस्लिम पक्ष बाहरी और आंतरिक आहते पर विवाद कर रहा है, वो छोटी-सी जगह को बांटना चाहते हैं।
- इस दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आपका 1885 के बाद पूजा का क्या आधार है ?
- वकील वैद्यनाथन ने कहा कि ब्रिटिशों की रेलिंग के बाद भी हिंदू लगातार पूजा करते रहे थे। लेकिन बाद में मुगलों ने जबरन मस्जिद बना दी थी। इसपर जस्टिस चंद्रचूड़ ने पूछा कि रेलिंग को लेकर आपकी क्या स्थिति है।
- सभी पक्षकारों ने अपनी ओर से लिखित बयान अदालत में पेश किए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान किसी भी टोका-टाकी पर मनाही की है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा है कि अब बहुत हुआ, शाम 5 बजे तक इस मामले में पूरी सुनवाई पूरी होगी और यही बहस का अंत होगा।
- इस मामले में पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट इस केस में जो भी फैसला करेगा, वो मानेंगे। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि फैसला जिसके भी पक्ष में आए, उसे मानना चाहिए।
- सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या के रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर आखिरी सुनवाई से पहले मुस्लिम पक्ष की ओर से इस मामले में मध्यस्थता की खबरों का खंडन किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट में कुछ इस तरह पेश की गई दलीलें
- मुस्लिम पक्ष- मस्जिद खाली जमीन पर बनाई गई थी।
- हिंदू पक्ष- नहीं विष्णु मंदिर को गिराकर मस्जिद बनाई गई।
- मुस्लिम पक्ष- 1886 में फैजाबाद के जिला जज ने मंदिर बनाने की इजाजत नहीं दी।
- हिंदू पक्ष- जिला जज ने सांप्रदायिक तनाव की आशंका से ऐसा किया।
- मुस्लिम पक्ष- हिंदुओं ने बाद में मस्जिद को जन्मस्थान कहना शुरू किया।
- हिंदू पक्ष- 1858 में निहंग सिखों ने इमारत में जगह-जगह राम लिखा।
- मुस्लिम पक्ष- मस्जिद अल्लाह का घर, किसी को सौंप नहीं सकते।
- हिंदू पक्ष- शरीयत के हिसाब से वो इमारत मस्जिद नहीं है।
- मुस्लिम पक्ष- इमारत मस्जिद थी, किसी और का कब्जा नहीं था।
- हिंदू पक्ष- इमारत मस्जिद कैसे, वहां वजू की जगह तक नहीं थी।
रामायण और बाबरनामा पर हुई बहस
- हिंदू पक्ष- बाबर की आत्मकथा 'बाबरनामा' में भी मस्जिद का जिक्र नहीं।
- मुस्लिम पक्ष- बाबरनामा के 2 गैर-मौजूद पन्नों में मस्जिद का जिक्र था।
- हिंदू पक्ष- विवादित ढांचे पर शिव, हनुमान, कमल, शेर की आकृतियां।
- मुस्लिम पक्ष- कमल जैसी बहुत सी आकृतियां इस्लाम में भी हैं।
- हिंदू पक्ष- एएसआई की रिपोर्ट में लिखा है विवादित जगह पर मंदिर था।
- मुस्लिम पक्ष- आर्कियोलॉजी कोई विज्ञान नहीं है।
- हिंदू पक्ष- वाल्मीकि रामायण में अयोध्या श्रीराम का जन्म स्थान।
- मुस्लिम पक्ष- धार्मिक ग्रंथों के आधार पर मुकदमा नहीं लड़ना चाहिए।
- हिंदू पक्ष- अटूट आस्था कि विवादित इमारत की जगह जन्मस्थान है।
- मुस्लिम पक्ष- ये साबित नहीं हुआ कि मस्जिद की गुंबद के नीचे जन्मस्थान।
क्लोजिंग बेल: सेंसेक्स 433 अंक चढ़कर बंद हुआ, निफ्टी 15,800 के पार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। नए व्यापारिक सप्ताह के प्रथम दिन सोमवार को भारतीय शेयर बाजार तेजी के साथ खुले तथा ऊपर की चाल बनाये रखी। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा के अनुसार मुद्रास्फिति के विरुद्ध लड़ाई लंबी खिंच सकती है। शुक्रवार को उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक के द्वारा उठाये गए कदमों से खुदरा महंगाई रिजर्व बैंक के मध्य अवधि के लक्ष्य 2 से 6 प्रतिशत आने में 2 वर्षो का समय लग सकता है।
सेंसेक्स आज 433.30 अंक यानी कि 0.82 प्रतिशत बढ़ 53161.28 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी में 132.80 अंक यानी कि 0.85 प्रतिशत की वृद्धि रही एवं 15832.05 पर बंद हुआ।
जबकि बैंक निफ्टी ने 0.55 प्रतिशत के लाभ के साथ 33811.25 पर समाप्ति दी। निफ्टी के भारी भरकम शेयरों ने तेजी में सर्वाधिक योगदान दिया जिसने निफ्टी के 15800 से ऊपर बंद होने में सहायता की।काफी समय के बाद सभी क्षेत्र विशेष सूचकांक हरे रंग में रहे। तेजी में सर्वाधिक योगदान निफ्टी सीपीएसई तथा आईटी का रहा जहां क्रमशः 2 प्रतिशत की बढ़त रही।
निफ्टी के शेयरों में अपोलो हॉस्पिटल, आयशर मोटर तथा एचडीएफसी लाइफ सबसे अधिक बढ़े। निफ्टी के ओपन इंटरेस्ट डेटा में, कॉल में सर्वाधिक ओपन इंटरेस्ट 16000 निफ्टी पर, उसके पश्चात 16200 पर है। पुट में सर्वाधिक ओपन इंटरेस्ट 15500, फिर 15700 पर है।बाजार की दिशा लघु अवधि में तेजी की रह सकती है, साथ ही ऊंचे स्तरों पर लाभ ले लेने की प्रवृति भी दिख सकती है क्योंकि फ्यूचर ऑप्शन के सौदों का मासिक कटान निकट आ रहा है।
तकनीकी रूप से निफ्टी इस सप्ताह 16000 से ऊपर टिक जाता है तो तेजी में तीव्रता आ सकती है। गिरावट में 15500 निफ्टी का न टूटना तेजी के क्रम को बनाये रखने के लिये आवश्यक है। यदि निफ्टी 15350 का स्तर तोड़ देगा तो तेजी की अवधारणा परिवर्तित हो जाएगी। बैंक निफ्टी का सपोर्ट 33000 पर है तथा अवरोध 34500 है। आने वाले दिनों में क्रूड, यूएस डॉलर, सोना के भाव भारतीय शेयर बाजारों के उतार चढ़ाव को प्रभावित करेंगे, बाजार की दिशा निर्धारित करेंगे।
ओम मेहरा
रिसर्च एसोसिएट
चॉइस ब्रोकिंग (Choice Broking)
Source: Choice India
संभागीय युवा संवाद: रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कृषि विभाग द्वारा संभागीय युवा संवाद का आयोजन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कृषि संकाय एवं समर्थ आत्मनिर्भर भारत केन्द्र तथा पशुपालन एवं डेयरी विकास विभाग, म.प्र. शासन के संयुक्त तत्वावधान में संभागीय युवा संवाद का आयोजन किया गया। इस मौके पर पशु चिकित्सा विभाग के संयुक्त संचालक डॉ. एस. के. परनाम विशेष रूप से उपस्थित थे। उन्होंने संभागीय युवा संवाद कार्यक्रम आयोजन के महत्वों पर प्रकाश डाला और विद्यार्थियों से आव्हान किया कि वे पशु चिकित्सा एवं डेयरी विकास विभाग की समस्त योजनाओं में से स्वरोजगार हेतु योजना चुने और विभाग के एक्सपर्ट अधिकारियों का मार्गदर्शन लेकर अपनी इकाई स्थापित करें। वहीं दुग्ध संघ भोपाल से डॉ. अंजली खरे द्वारा छात्रों एवं फैकल्टी सदस्यों को दुग्ध संकलन एवं दुग्ध वितरण गतिविधियों में उपलब्ध स्वरोजगार की संभावनाओं की विस्तृत जानकारी दी तथा उन्हे आगे बढ़ने हेतु प्रोत्साहित किया।
इस अवसर पर डाॅ. परनाम ने विश्वविद्यालय परिसर में विद्यार्थियों हेतु कड़कनाथ मुर्गी की डिमान्स्ट्रेशन इकाई स्थापित करने की इच्छा जताई। अंत में विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने मुख्य वक्ताओं से अनेक प्रश्न किए और संकाओं का समाधान किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में विश्वविद्यालय के कृषि संकाय के डीन डॉ. अनिल कुरचानिया द्वारा स्वागत उद्बोधन दिया गया। वहीं अंत में डॉ. अशोक वर्मा, विभागाध्यक्ष ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। कार्यक्रम का समन्वय और मंच संचालन श्री एम.ई. खान द्वारा किया गया।
मूवर्स और पैकर्स: कैसे एश्योरशिफ्ट ने भारत में स्थानांतरण के अनुभव को बेहतर बनाया है
डिजिटल डेस्क, भोपाल। देश में बढ़ती जनसंख्या, शैक्षिक प्रगति और मूल तोर से नौकरी के अवसर के कारण, देश के अंदर और विदेश के कई शहरों में, प्रवास करने वाले अन्य शहरों के लोगों की संख्या उल्लेखनीय मत्रा से वृद्धि पाई है।
इस कारण से स्थानांतरण सेवा के मांग में तेजी से वृद्धि हुई। कई पैकर्स एंड मूवर्स कंपनियों की स्थापना भी हुई है जो घर, कार्यालयों के सामना, कार, बाइक, आदि को स्थानांतरित करने के लिए आवश्यक सेवाएं प्रदान करती हैं। हालांकि, किसी भी नए उत्पाद के साथ, कई नकली और गैर-पेशेवर चलती कंपनि स्थापित होते हैं। धीरे-धीरे भारतीय स्थानांतरण बाजार में इस तरह के कंपनि आकर बेहद कम लागत वाली कोटेशन की पेशकश करके निर्दोष ग्राहकों का शिकार करना शुरू कर दिया। वे गुणवत्ता सेवाओं, अतिरिक्त सहायता आदि जैसे कई वादे करते हैं, लेकिन अंत में अक्सर ग्राहकों के पैसे और सामान लूट लेते हैं।
स्व-चलन के साथ आने वाली कठिनाइयों और जोखिमों को ध्यान में रखते हुए, पेशेवर स्थानांतरण सेवा प्रदाताओं को नियुक्त करने की सलाह दी जाती है लेकिन कंपनी के इतिहास और पृष्ठभूमि की जांच कर लेने के बाद। आपको एक पैकर्स मूवर्स कंपनी के पंजीकरण दस्तावेजों और पहले के ग्राहकों की कई समीक्षाएं पढ़ कर, उनका व्यापक शोध करना चाहिेए। लेकिन सामान्य ज्ञान के अनुसार, दस्तावेज़ीकरण, कंपनी विवरण, कार्यालय स्थान आदि की पुष्टि करना आसान काम नहीं है और पहली बार जांच करने वाले के लिए अत्यधिक समय लग सकता है।
प्रत्येक ग्राहक पहली कोशिश में अपने निकट के ईमानदार पैकर्स एंड मूवर्स कंपनी से संपर्क कर रहा है और बाजार में धोखाधड़ी सेवा प्रदाताओं का खात्मा हो रहा है, यह सुनिश्चित करने के लिए एश्योरशिफ्ट की स्थापना की गई थी।
AssureShift Packers and Movers एक मानक बन गया है यह भारत का सबसे अच्छी ऑनलाइन पैकर्स और मूवर्स निर्देशिका है, जिसमें 25 से अधिक शहरों के शीर्ष पैकर्स और मूवर्स की सूची है। 2017 की शुरुआत में लॉन्च होने के बाद से, एश्योरशिफ्ट ने देश भर में 50,000 से अधिक परिवारों और व्यक्तियों को सफलतापूर्वक स्थानांतरित किया है। हमारे पार्टनर पैकर्स और मूवर्स के पास पर्याप्त अनुभव है और वे घरेलू सामान पैकिंग और मूविंग, कार ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज, बाइक शिफ्टिंग सर्विसेज, ऑफिस शिफ्टिंग आदि जैसे सभी प्रकार के सामानों को स्थानांतरित करने के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित हैं। हम सुनिश्चित करते हैं इस दौरान हमारी पार्टनर कंपनियां उच्च गुणवत्ता वाली सेवाओं, किफायती शुल्क, समय पर घर से पिकअप और डिलीवरी, पेशेवर व्यवहार जैसे पूर्ण ग्राहक सहायता का आश्वासन दे रही हैं।
एक बार जब ग्राहक पूछताछ फॉर्म भरते हैं, तो मुश्किल से 10 क्लिक के भीतर, एश्योरशिफ्ट निर्दिष्ट स्थानांतरण आवश्यकताओं के अनुसार ग्राहक के निकटतम 3 शीर्ष पैकर्स एंड मूवर्स कंपनियों को संदर्भित करता है। ग्राहक सटीक स्थानांतरण शुल्क प्राप्त करने के लिए प्री-मूव सर्वेक्षण कर सकते हैं और दरों, प्रोफाइल, समीक्षाओं और रेटिंग की तुलना करके सबसे उपयुक्त पैकर्स और मूवर्स कंपनी के साथ सौदा कर रहे हैं।
एश्योरशिफ्ट का 4-चरणीय तरीका एक सुनिश्चित स्थानांतरण के लिए
#1 पूर्ण तरह से बैकग्राउंड की जांच
एक पैकर्स और मूवर्स कंपनी की विश्वसनीयता साबित करने वाले मुख्य कागज-पत्र में से एक यह है कि उनके पास सरकार द्वारा दिए गए आवश्यक पंजीकरण दस्तावेज होना चाहिए। एश्योरशिफ्ट निम्न प्रकार से जाँच करके स्थानांतरण सेवा प्रदाताओं की पूरी गहराई से पृष्ठभूमि का सत्यापन करता है:
- कंपनी जीएसटी पंजीकरण,
- कार्यालय सेटअप, स्थान और प्रमाण,
- ओनर आईडी प्रूफ,
- संपर्क विवरण,
- ग्राहक प्रतिक्रिया के साथ पूर्व कार्य अनुभव,
- Google रेटिंग और समीक्षाएं।
एश्योरशिफ्ट ग्राहकों को परेशानी मुक्त और विश्वसनीय पैकिंग मूविंग सेवाएं प्रदान करने और उनके स्थानांतरण के अंत में 100% संतुष्टि की सुनिश्चित करता है।
#2 बजट के अनुकूल दरों पर सर्वोत्तम मिलान वाली सेवाएं
हमारे पार्टनर पैकर्स एंड मूवर्स के पास रिलोकेशन सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शन करने का अच्छा अनुभव है और ग्राहकों की आवश्यकता के अनुसार किसी भी आइटम को स्थानांतरित करने के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित हैं। वे शुरू से अंत तक पूरी प्रक्रिया को संभालने में सक्षम हैं, यानी, एक अच्छी तरह से नियोजित रणनीति तैयार करना, पैकिंग, लोडिंग, पूरी सुरक्षा के साथ वस्तुओं का परिवहन, और गंतव्य पर अनलोडिंग और अनपैकिंग करना।
युक्ति: भारत में सबसे सटीक पैकर्स और मूवर्स शुल्क प्राप्त करने के लिए (किसी भी आइटम को देश में किसी भी स्थान पर ले जाने के लिए), हमेशा एक भौतिक प्री-मूव सर्वेक्षण अनुरोध करें। जब मूवर्स व्यक्तिगत रूप से वस्तुओं का सर्वेक्षण करते हैं, तो उन्हें सटीक आवश्यकताओं का बेहतर विचार मिलता है और वे स्थानांतरण लागत की अधिक सटीक गणना करने में सक्षम होते हैं।
#3 लाइटनिंग-फास्ट रिस्पांस और एंड-टू-एंड सपोर्ट
एश्योरशिफ्ट ग्राहकों के किसी भी प्रश्न का तुरंत जवाब देकर आपके हर कदम को परेशान मुक्त बनाने के लिए निरंतर काम करता है।
- फॉर्म जमा करते ही ग्राहकों को तुरंत रेफर किए गए मूवर्स की पूरी जानकारी मिल जाएगी।
- हमारे मूवर्स भी जल्दी से स्थानांतरण लागत का अनुमान लगाते हैं या भौतिक पूर्व-चाल सर्वेक्षण के लिए घर भी आ सकते हैं।
- एश्योरशिफ्ट के उपयोग सेआसान इंटरफेस के साथ, कई मूवर्स के विवरणों की तुलना कम समय में आसानी से की जा सकती है (जैसे, चेकिंग शुल्क, सेवाओं की पेशकश, रेटिंग, समीक्षा, आदि)।
साथ ही, एश्योरशिफ्ट सुनिश्चित करता है कि ग्राहकों को पूरी स्थानांतरण प्रक्रिया के दौरान आवश्यक समर्थन मिले, यानी अनुरोध जमा करने के समय से लेकर सामान की अंतिम डोरस्टेप डिलीवरी तक।
# 4 नियमित प्रतिक्रिया और गुणवत्ता संरक्षण
एश्योरशिफ्ट ग्राहकों की पूर्ण संतुष्टि सुनिश्चित करने के लिए काम करता है। ग्राहकों से नियमित फीडबैक लेने से संभावित ग्राहकों को अच्छी तरह से सूचित निर्णय लेने में मदद मिलती है और साथ ही साथ हर दिन काम करने की प्रक्रिया में सुधार होता है। एश्योरशिफ्ट को ग्राहकों द्वारा सामना की स्थानांतरण के समय आने वाली विभिन्न समस्याओं जैसे कि अचानक मूल्य वृद्धि, सामान का नुकसान, स्थानांतरण के दौरान मूवर्स के अनैतिक व्यवहार पता चलता रहता है।
प्राप्त शिकायतों की गंभीरता के आधार पर, एश्योरशिफ्ट सेवा की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए आवश्यक कार्रवाई करता है, :जैसे
- गैर-पेशेवर मूवर्स और पैकर्स को अस्थायी रूप से निलंबित या वेबसाइट से उनके व्यावसायिक प्रोफाइल को स्थायी रूप से हटाकर दंडित करना, साथ ही साथ
- लिस्टिंग में उच्च रैंक मैं रख के शीर्ष प्रदर्शन करने वाली कंपनियों को पुरस्कृत करना ।
निष्कर्ष के तौर पर
एश्योरशिफ्ट समझती है कि कई सारे सामान ले जाना जोखिम भरा हो सकता है और वित्तीय, मानसिक और शारीरिक दबाव पैदा कर सकता है, खासकर बिना किसी पूर्व अनुभव से किया गया हो तो। इसके अलावा, बहुत से ग्राहक वास्तव में भरोसेमंद स्थानांतरण सेवा प्रदाताओं को किराए पर लेने का सही तरीका भी नहीं जानते हैं। और तो और क्योंकि वर्तमान समय में कई धोखाधड़ी करने वाली कंपनियां भी बाजार में स्थापित हैं।
धोखेबाज पैकर्स और मूवर्स को खत्म करने के मिशन के साथ, एश्योरशिफ्ट ने स्थानांतरण कंपनियों के काम काज़ की प्रक्रिया में सुधार लाई हे, और इसके परिणामस्वरूप, भारत में पैकिंग और स्थानांतरित करने की प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव आया है। एश्योरशिफ्ट के माध्यम से जाने का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि भरोसेमंद पैकर्स और मूवर्स ढूंढना आसान हो जाता है, और बजट के अनुसार सही कंपनी मिनटों के अंदर मिल जाता है।
खबरें और भी हैं...
दैनिक भास्कर हिंदी: जन्मभूमि विवाद: सुप्रीम कोर्ट में आज से अंतिम दौर की सुनवाई, अयोध्या में धारा 144 लागू
दैनिक भास्कर हिंदी: अयोध्या में धारा 144 लागू , राम जन्मभूमि विवाद पर 17 नवंबर को फैसले की उम्मीद
दैनिक भास्कर हिंदी: अयोध्या मामले में फैसला मुसलमानों के पक्ष में आएगा : मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
दैनिक भास्कर हिंदी: अयोध्या विवाद: कोर्ट ने एक दिन घटाई डेडलाइन, अब 17 को अंतिम सुनवाई
दैनिक भास्कर हिंदी: SC में अयोध्या केस की सुनवाई, जिलानी बोले- मंदिर तोड़कर नहीं, खाली जगह पर बनाई गई थी मस्जिद