भारत बंद में 9 की मौत, हालात तनावपूर्ण, क्या थी दलितों की मांग ?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सोमवार को दलित संगठनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद के दौरान भड़की हिंसा में 9 लोगों की मौत हो गई। इनमें से मध्य प्रदेश में 6, उत्तर प्रदेश में 2 और राजस्थान में 1 व्यक्ति के मारे जाने की खबर है। बंद के दौरान उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, मध्य प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड और झारखंड के कई जिलों में भारी हिंसा हुई। उपद्रवियों ने सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया साथ ही आम लोगों के वाहनों में भी तोड़फोड़ की। झड़प में कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गए हैं। देशभर में हजारों लोगों को हिरासत में लिया गया है।
RAF जवान भेजे गए
प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम किया, ट्रेनें रोकीं। झड़प के दौरान कई लोग घायल हो गए। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में बिगड़े हालात को देखते हुए केंद्र सरकार ने दंगा रोकने के लिए विशेषतौर पर प्रशिक्षित रैपिड ऐक्शन फोर्स (RAF) को भेजा है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि वह राज्यों के संपर्क में है और हालात से निपटने के लिए पूरी मदद की जा रही है। मपी में RAF के 800 जवानों को भेजा गया है। RAF की दो कंपनियां मेरठ और 1-1 कंपनियां आगरा व हापुड़ के लिए रवाना की गई हैं। RAF की 2 कंपनियां मध्य प्रदेश में भोपाल और ग्वालियर के लिए भेजी गई हैं।
भारत सरकार द्वारा आज सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन फ़ाइल कर दी गयी है। जनता से अनुरोध है कि वो कृपया शान्ति बनाए रखें। हमारी सरकार अनुसूचित जाती और अनुसूचित जनजाति के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) April 2, 2018
यहां तनाव का माहौल
- एमपी के मुरैना, ग्वालियर और भिंड जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है
- उत्तर प्रदेश में आजमगढ़ समेत कई जिलों में हिंसा हुई है
- आजमगढ़ में प्रदर्शनकारियों ने 2 सरकारी बसों में आग लगा दी, जिससे कई यात्री भी घायल हो गए
- UP के DIG (लॉ ऑर्डर) के मुताबिक भारत बंद के दौरान हिंसा में 1 व्यक्ति की मौत हो गई और 3 गंभीर रूप से घायल हुए हैं
- करीब 35 लोगों को मामूली चोट आई है
- 448 लोगों को हिरासत में लिया गया है
- मेरठ में 200 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है
- झारखंड के रांची में 763 लोगों को हिरासत में लिया गया है
- फरीदाबाद में मेट्रो स्टेशन की पार्किंग में भी उपद्रवियों ने तोड़फोड़ की
- गाजियाबाद में हंगामे को देखते हुए सभी स्कूलों में मंगलवार (3 अप्रैल) को छुट्टी कर दी गई है
- इलाहाबाद में रेलवे स्टेशन पर सैकड़ों दलितों ने ट्रैक जाम कर डाला
- पंजाब में भी भारत बंद का व्यापक असर देखने को मिला। पंजाब पुलिस ने एहतियातन लुधियाना में 4000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया है
- महाराष्ट्र में नंदुरबार में भीम सेना के कार्यकर्ताओं ने शहर की दुकानों को जबरदस्ती बंद करवाया
- प्रदर्शनकारियों ने सोलापुर-पंढरपुर हाईवे जाम कर दिया। हिंसा के डर से सोलापुर में दुकानें बंद रहीं
- उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में प्रदर्शनकारियों ने जबरदस्ती दुकानों को बंद कराया
- रुड़की और हरिद्वार में प्रदर्शनकारियों के हंगामे के दौरान पुलिस पर पत्थराव किया गया, जिसमें एक पत्रकार और पुलिसकर्मी घायल हो गए
- फरीदाबाद में प्रदर्शनकारियों ने कोटा जनश्ताब्दी ट्रेन पर जमकर पथराव किया, फरीदाबाद चौकी इंचार्ज पर हुए हमले में तीन लोग घायल हो गए
दलितों को भारतीय समाज के सबसे निचले पायदान पर रखना RSS/BJP के DNA में है। जो इस सोच को चुनौती देता है उसे वे हिंसा से दबाते हैं।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 2, 2018
हजारों दलित भाई-बहन आज सड़कों पर उतरकर मोदी सरकार से अपने अधिकारों की रक्षा की माँग कर रहे हैं।
हम उनको सलाम करते हैं।#BharatBandh
क्यों बुलाया गया बंद
बता दें कि यह बंद अनुसूचित जाति एवं जनजाति ऐक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के विरोध में बुलाया गया था, जिसके तहत कोर्ट ने तत्काल गिरफ्तारी न किए जाने का आदेश दिया है।
इसके अलावा कोर्ट ने एससी/एसटी ऐक्ट के तहत दर्ज होने वाले मामलों में अग्रिम जमानत को भी मंजूरी दे दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस कानून के तहत दर्ज मामलों में ऑटोमेटिक गिरफ्तारी की बजाय पुलिस को 7 दिनों के भीतर जांच करनी चाहिए और फिर ऐक्शन लेना चाहिए।
अदालत ने कहा है कि सरकारी अधिकारी की गिरफ्तारी अपॉइंटिंग अथॉरिटी की मंजूरी के बिना नहीं की जा सकती है।
गैरसरकारी कर्मी की गिरफ्तारी के लिए एसएसपी की मंजूरी जरूरी होगी।
इस बीच केंद्र सरकार ने पुनर्विचार याचिका भी दाखिल की, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया।
Created On :   2 April 2018 11:02 PM IST