भीमा कोरेगांव मामला : सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत से तीन महीने में आरोप तय करने को कहा

Bhima Koregaon case: Supreme Court asks trial court to frame charges in three months
भीमा कोरेगांव मामला : सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत से तीन महीने में आरोप तय करने को कहा
दिल्ली भीमा कोरेगांव मामला : सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत से तीन महीने में आरोप तय करने को कहा
हाईलाइट
  • राव को हाल ही में चिकित्सा आधार पर जमानत दी गई थी।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को ट्रायल कोर्ट को 2018 भीमा कोरेगांव मामले में आरोप तय करने के लिए तीन महीने की समय सीमा तय की। न्यायमूर्ति यू.यू. ललित और एस. रवींद्र भट ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की याचिका पर गौर किया कि इस मामले में अब तक चार आरोपी गिरफ्तार नहीं हुए हैं।

इसने एनआईए को भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ्तार किए गए 15 आरोपियों के खिलाफ मुकदमे को अभी भी लापता आरोपियों से अलग करने के लिए विशेष अदालत का रुख करने को कहा ताकि भीमा कोरेगांव मामले में सुनवाई शुरू हो सके। पीठ ने एजेंसी से अन्य चार आरोपियों को भगोड़ा घोषित करने को कहा।

मामले में आरोपी सामाजिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा आगे नहीं बढ़ रहा है और आरोप तय नहीं हो पाया है और आरोपी पिछले चार साल से हिरासत में हैं।पीठ ने कहा कि चूंकि कुछ आरोपियों ने बरी करने के आवेदनों को प्राथमिकता दी है, उन पर भी साथ-साथ सुनवाई होनी चाहिए।

पीठ ने कहा, पूरी कवायद तीन महीने में करने दीजिए।शीर्ष अदालत ने आरोपियों में से एक वर्नोन गोंजाल्विस की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए निर्देश पारित किया, जिसने इस आधार पर जमानत मांगी थी कि वह अगस्त 2018 से जेल में है और मुकदमा अभी शुरू नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि कुछ अन्य आरोपी पहले ही जमानत पर रिहा हो चुके हैं।

पीठ ने पाया कि उसका मामला अन्य आरोपियों के समान नहीं था, क्योंकि उसे 2011 के एक मामले में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत दोषी ठहराया गया था।पीठ ने गोंजाल्विस को तीन महीने तक इंतजार करने को कहा, क्योंकि उसने निचली अदालत को यह तय करने का निर्देश दिया था कि क्या उसके खिलाफ आरोप तय किए जा सकते हैं।

एनआईए का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने गोंजाल्विस की जमानत याचिका का विरोध किया।एल्गर परिषद-भीमा कोरेगांव मामले में कुल 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था और उनमें से एक आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी की हिरासत में मौत हो गई थी।दो अन्य आरोपियों - कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज और तेलुगु कवि वरवर राव को जमानत दे दी गई है। राव को हाल ही में चिकित्सा आधार पर जमानत दी गई थी।

 

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Created On :   19 Aug 2022 12:30 AM IST

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