2019 चुनाव से पहले बिहार कांग्रेस ने खेला जाति कार्ड, राहुल गांधी को बताया ब्राह्मण
- बिहार की राजधानी पटना में कांग्रेस ने एक पोस्टर लगाया है।
- इस पोस्टर में कांग्रेस नेताओं के नाम की जगह उनके जातिगत समीकरण को बताया गया है।
- बिहार में कांग्रेस ने जाति के नाम पर प्रचार करना शुरू कर दिया है।
डिजिटल डेस्क, पटना। 2019 चुनाव आने में अब कम समय बाकी रह गया है। ऐसे में बिहार में कांग्रेस ने जाति के नाम पर प्रचार करना शुरू कर दिया है। बिहार की राजधानी पटना में कांग्रेस ने एक पोस्टर लगाया है। इस पोस्टर में कांग्रेस नेताओं के नाम की जगह उनकी जाति का बताया गया है। इस पोस्टर में राहुल गांधी की फोटो के ऊपर ब्राह्मण समुदाय लिखा हुआ है। कांग्रेस ने इससे पहले भी राहुल गांधी को कई बार ऊंची जाति का बताने की कोशिश कर चुकी है। हाल ही में अमेठी दौरे पर गए राहुल के स्वागत में बनाए गए पोस्टर में कांग्रेस ने उन्हें शिव भक्त बताया था।
पटना के इनकम टैक्स चौराहे पर लगे इस पोस्टर में राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस के बाकी पदाधिकारियों की फोटो भी दी गई है। इसमें उनके फोटो के साथ-साथ उनकी जाति भी लिखी गई है। इस फोटो में गुजरात कांग्रेस के विधायक अल्पेश ठाकोर को पिछड़ा समुदाय का बताया गया है। वहीं गुजरात कांग्रेस के दिग्गज नेता शक्ति सिंह गोहिल को राजपूत समुदाय का बताया गया है। कांग्रेस का यह पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इस पोस्टर पर कांग्रेस की खूब आलोचना हो रही है।
इस पोस्टर में सबसे ऊपर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व लोक सभा स्पीकर मीरा कुमार की फोटो है। वहीं राहुल गांधी की दाईं तरफ बैठे बिहार कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष मदन मोहन झा को भी ब्राह्मण समुदाय का बताया गया है। वहीं राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह के फोटो पर भूमिहार समुदाय लिखा गया है। बिहार में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे कौकब कादरी के आगे मुस्लिम समुदाय लिखा गया है। अशोक राम को दलित समुदाय का बताया गया है।
इस पोस्टर में सबसे नीचे बिहार कांग्रेस कार्य समिति में सामाजिक एकता बनाए रखने के लिए राहुल गांधी और शक्ति सिंह गोहिल का आभार जताया गया है। कांग्रेस ने इस पोस्टर के माध्यम से यह बताने की कोशिश की है कि उनकी पार्टी में ऊंची जाति से लेकर दलित और अल्पसंख्यक सभी को शामिल किया गया है। इस पोस्टर के सामने आने पर यह बात तो बिलकुल जाहिर है कि कांग्रेस पार्टी बिहार में जाति, धर्म और समुदाय पर राजनीति करने पर उतर आई है। जबकि जनवरी,2017 में सुप्रीम कोर्ट ने चुनावों के दौरान धर्म और जाति के नाम पर वोट मांगने पर प्रतिबंध लगा दिया था। कोर्ट ने कहा था कि अगर कोई भी पार्टी ऐसा करती है तो उसे भ्रष्ट आचरण माना जाएगा। इसके बावजूद अभी तक राजनीतिक पार्टियों ने ऐसा करने पर लगाम नहीं लगाया है।
Created On :   26 Sept 2018 8:54 PM IST