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शारदा चिटफंड: राजीव कुमार को हाईकोर्ट से राहत, मिली अग्रिम जमानत

हाईलाइट
- कलकत्ता हाईकोर्ट ने पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को अग्रिम जमानत दे दी
- कोर्ट ने पचास हजार रुपये के निजी मुचलके पर कुमार को अग्रिम जमानत दी है
- कोर्ट ने यह माना कि कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की कोई जरूरत नहीं है
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को अग्रिम जमानत दे दी। कोर्ट ने पचास हजार रुपये के निजी मुचलके पर कुमार को अग्रिम जमानत दी है। कोर्ट ने यह माना कि कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की कोई जरूरत नहीं है। कोर्ट ने अग्रिम जमानत देने से पहले पांच दिनों तक मामले की सुनवाई की।
कलकत्ता हाईकोर्ट में राजीव कुमार की यह तीसरी अग्रिम जमानत याचिका थी। 13 सितंबर के बाद से सीबीआई कुमार की तलाश कर रही है। हालांकि यह दावा किया जा रहा है कि राजीव कुमार छुट्टी पर थे। राजीव कुमार वर्तमान में बंगाल पुलिस के क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट में एडशिनल डायरेक्टर जनरल के पद पर पदस्थ है। सूत्रों के मुताबिक कुमार सितंबर के पहले सप्ताह से ऑफिस नहीं आ रहे हैं।
इससे पहले, कुमार ने नॉर्थ 24 परगना की जिला अदालत में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन दिया था। हालांकि कोर्ट ने कहा था कि ये मामला उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। इसके बाद अलीपुर में जजेज कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
बता दें कि राजीव कुमार पर शारदा चिट फंड घोटाले से जुड़े सबूतों को नष्ट करने का आरोप है। वह चिट फंड घोटाले की जांच कर रही पश्चिम बंगाल पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) के प्रमुख थे। सीबीआई ने यह भी आरोप लगाया है कि राजीव कुमार ने कुछ आरोपियों के कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स (CDRs) सीबीआई को हैंडओवर नहीं किए और बाद में जो रिकॉर्ड्स हैंडओवर किए उनसे छेड़छाड़ की गई थी।
सीबीआई का दावा है कि राजीव कुमार की ओर से सौंपे गए सीडीआर को जब मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर द्वारा उपलब्ध कराए गए सीडीआर से मैच कराया गया तो वे मैच नहीं हुए। इन्हीं सब कारमों को लेकर CBI राजीव कुमार से पूछताछ करना चाहती है। इस केस में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिंदबरम पर भी आरोप लगे है। नलिनी पर आरोप है कि उन्हें शारदा ग्रुप से 1.4 करोड़ रुपए मिले थे।
शारदा चिटफंड पश्चिम बंगाल का एक बड़ा घोटाला है। शारदा ग्रुप कंपनी की स्थापना 2008 में हुई थी। चार साल में इस कंपनी ने बंगाल, असम और ओडिशा में करीब 300 ऑफिस खोल लिए थे। इस दौरान ग्रुप ने करीब 4 बिलियन डॉलर (40 हजार करोड़) रुपए की कमाई की थी।
यह ग्रुप अप्रैल 2013 में बंद हो गया। शारदा ग्रुप पर आरोप है कि उसने करीब 1.7 मिलियन निवेशकों से पैसे लिए और उन्हें ऑफर दिया कि उनके दिए गए पैसों को 34 गुना कर वापस दिया जाएगा।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।