किसी को शाकाहारी या मांसाहारी होने के लिए नहीं कह सकते : सुप्रीम कोर्ट

Cannot ask anyone to be vegetarian or non-vegetarian: Supreme Court
किसी को शाकाहारी या मांसाहारी होने के लिए नहीं कह सकते : सुप्रीम कोर्ट
किसी को शाकाहारी या मांसाहारी होने के लिए नहीं कह सकते : सुप्रीम कोर्ट
हाईलाइट
  • किसी को शाकाहारी या मांसाहारी होने के लिए नहीं कह सकते : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने खाने के लिए जानवरों को मारे जाने की हलाल विधि को चुनौती देने वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि कोर्ट यह निर्णय नहीं कर सकता कि किसको शाकाहारी होना चाहिए और किसको नहीं।

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने कहा कि जानवरों को मारने के लिए हलाल महज एक प्रक्रिया है। कोई झटका विधि अपनाता है तो कोई हलाल।

अखंड भारत मोर्चा के याचिकाकर्ता के वकील से पीठ ने पूछा, यह कैसे समस्या हो सकता है?

पीठ ने पाया कि कुछ लोग हलाल मीट खाना चाहते हैं, कुछ लोग झटका मीट। याचिकाकर्ता ने इसपर बहस करते हुए कहा कि यहां तक कि यूरोपियन कोर्ट ऑफ जस्टिस ने हलाल को काफी कष्टदायक बताया है और जानवरों को पास अपनी कोई आवाज नहीं होती और वह कोर्ट नहीं आ सकते।

पीठ ने कहा, कोर्ट यह निर्णय नहीं कर सकता कि कौन शाकाहारी होगा, कौन मांसाहारी होगा।

न्यायमूर्ति कौल ने याचिका को पूरी तरह से गलत बताया और कहा कि जो हलाल मीट खाना चाहते हैं वो खाएं और जो झटका मीट खाना चाहते हैं वो खाएं।

आरएचए/एएनएम

Created On :   12 Oct 2020 3:30 PM GMT

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