हताहत चीनी सैनिकों की संख्या अभी तक एक अंक में

Casualty Chinese soldiers still in single digits
हताहत चीनी सैनिकों की संख्या अभी तक एक अंक में
हताहत चीनी सैनिकों की संख्या अभी तक एक अंक में

नई दिल्ली, 17 जून (आईएएनएस)। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गलवान घाटी में भारतीय सेना के जवानों पर किए गए क्रूर हमले के दौरान चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिक एक अंक (10 से कम) में हताहत हुए हैं। वहीं उनके हमले में अब तक 20 भारतीय सैनिक शहीद हो चुके हैं। यह जानकारी बुधवार को सूत्रों ने दी।

सूत्रों ने आईएएनएस को बताया, उनके हताहतों की संख्या कम है और अभी तक यह संख्या एक अंक में है।

पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गलवान घाटी में पैट्रोलिंग पॉइंट नंबर-14 पर जब चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों ने भारतीय सेना के जवानों पर हमला किया, तब इनकी संख्या पीएलए की अपेक्षा महज 1: 5 के अनुपात में थी।

छह से सात घंटे तक गलवान नदी के पास चली झड़प के बारे में भारतीय सेना के एक अधिकारी ने कहा, हमारी संख्या कम थी।

भारतीय सेना ने चीनी सेना के हताहतों की संख्या पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। सेना के अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, इस तरह के हिंसक हमलों के दौरान विपक्षी शिविर में हताहतों का विश्लेषण करने में समय लगता है। इसमें बहुत सारे कारक शामिल होते हैं।

एक शीर्ष खुफिया एजेंसी के सूत्र ने कहा, अब तक किए गए विश्लेषण के अनुसार दूसरी तरफ (चीनी) हताहतों की संख्या इकाई के अंक में ही है।

पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर लद्दाख में पैट्रोलिंग पॉइंट (गश्त बिंदु) संख्या-14 पर जब झड़प हुई तो भारतीय सेना के जवान चीनी सैनिकों की अपेक्षा कम थे। इनका अनुपात महज 1: 5 था। यानी पीएलए के पांच सैनिकों के मुकाबले भारतीय सेना का केवल एक जवान ही उस मौके पर मौजूद था।

दोनों पक्षों के बीच सोमवार रात हुई झड़पों के बारे में सरकार के सूत्रों का कहना है कि चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों पर बुरी तरह से हमला किया।

सूत्रों ने बुधवार को कहा, भारतीय सैनिकों के खिलाफ संख्या बढ़ाई गई थी। फिर भी, भारतीय पक्ष ने पीएलए से लड़ने का फैसला किया। भारतीय सैनिकों की संख्या चीनी सैनिकों की अपेक्षा 1: 5 के अनुपात में थी।

यह भी बताया जा रहा है कि चीन ने भारतीय सैनिकों का पता लगाने के लिए थर्मल इमेजिंग ड्रोन का भी इस्तेमाल किया था।

सरकारी सूत्रों ने कहा, हमारी याद में यह चीनी सेना द्वारा भारतीय सेना के जवानों पर किया गया सबसे घातक हमला था।

सूत्रों ने बताया कि हमले में शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू यह देखने के लिए गए थे कि चीनी सैनिक स्टैंड-ऑफ स्थिति से हट गए हैं या नहीं। क्योंकि ऐसा करने का उनकी ओर से वादा किया गया था। मगर संतोष बाबू उक्त स्थान पर पहुंचे तो वह वहां मौजूद शिविर देखकर आश्चर्यचकित थे। जबकि पीएलए के सैनिक उग्र हो उठे।

चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों पर बेरहमी से हमला कर दिया।

भारतीय सेना ने कहा कि भारतीय सैनिक उस स्थान पर गए थे, जहां तनाव हुआ था। भारतीय जवान वहां बिना किसी दुश्मनी के चीनी पक्ष के साथ मैत्रीपूर्ण व्यवहार के साथ केवल यह जांचने के लिए गए थे कि क्या वे वादे के अनुसार तनाव कम करने के समझौते का पालन कर रहे हैं या नहीं।

भारतीय सेना के अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, लेकिन वे फंस गए और उन पर विशुद्ध रूप से बर्बर हमला किया गया। उन्होंने भारतीय सैनिकों पर हमला करने के लिए सभी तरह के कंटीले तारों और पत्थरों का इस्तेमाल किया।

सरकारी सूत्रों ने कहा कि कई भारतीय सेना के जवान गंभीर रूप से घायल हैं और उनका इलाज चल रहा है।

सूत्रों ने कहा कि शहीद भारतीय जवानों की संख्या में और इजाफा हो सकता है, क्योंकि गंभीर रूप से घायल सैनिकों की संख्या 10 से अधिक है।

भारतीय सेना के अधिकारी ने हालांकि संख्या बताने से इनकार कर दिया और सिर्फ इतना कहा कि कई जवान घायल हैं।

सरकारी सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को भारतीय हेलीकॉप्टरों ने गलवान घाटी में हमले के स्थल से जवानों के पार्थिव शरीर और घायल भारतीय जवानों को लाने के लिए करीब 16 बार उड़ानें भरी।

भारतीय सेना के जवानों के चार शव बुधवार सुबह गलवान घाटी से लेह लाए गए। भारतीय सेना ने मंगलवार को कहा था कि भारतीय सेना के 20 जवान (जिनमें अधिकारी भी शामिल हैं) सोमवार रात गलवान घाटी में पीएलए के सैनिकों के साथ एक अभूतपूर्व हिंसक झड़प में शहीद हो गए हैं।

सेना ने यह भी कहा कि शहीद होने वालों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि कई सैनिक गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।

Created On :   17 Jun 2020 4:00 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story