चमोली त्रासदी: तपोवन टनल में पानी और कीचड़ के कारण बचाव कार्य धीमा, अब तक कुल 58 शव बरामद

Chamoli tragedy: rescue work slowed due to water and mud in Tapovan tunnel
चमोली त्रासदी: तपोवन टनल में पानी और कीचड़ के कारण बचाव कार्य धीमा, अब तक कुल 58 शव बरामद
चमोली त्रासदी: तपोवन टनल में पानी और कीचड़ के कारण बचाव कार्य धीमा, अब तक कुल 58 शव बरामद
हाईलाइट
  • टनल में अब तक 11 शव मिले
  • मंगलवार तड़के टनल में दो शव मिले
  • रैणी गांव के पास बचाव कार्य में स्निफर कुत्तों का भी इस्तेमाल

डिजिटल डेस्क, देहरादून। उत्तराखंड के चमोली जिले में आपदा प्रभावित तपोवन परियोजना की एक सुरंग के अंदर पानी और कीचड़ के कारण बचाव दल को आगे बढ़ने में मुश्किल हो रही है। चमोली में सैलाब आने के बाद अब तक कुल 58 शव बरामद किए गए हैं। 

राज्य के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि सुरंग के अंदर पानी और कीचड़ मौजूद होने के कारण खुदाई का काम बाधित हो रहा है। हालांकि, उन्होंने कहा कि सुरंग में तलाशी अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक अंतिम व्यक्ति या उसका शरीर सुरंग के अंदर नहीं मिल जाता।

मंगलवार तड़के टनल में दो शव मिले 
मंगलवार तड़के टनल के अंदर दो शव मिले थे। एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने कहा, बचाव अभियान धीमी गति से चल रहा है। काफी कीचड़ होने के कारण काम की गति धीमी है। एनटीपीसी के एक अधिकारी ने कहा कि सुरंग को पहले ही 160 मीटर अंदर तक खोदा गया है।

टनल में अब तक 11 शव मिले
टनल के अंदर खुदाई के काम के दौरान अब तक 11 शव मिले हैं। अधिकारी ने स्वीकार किया, हम और अधिक बॉडी (पार्थिव शरीर) की उम्मीद कर रहे हैं, क्योंकि हम अब जीवित बचे लोगों के लिए उम्मीद नहीं कर रहे हैं। अभी भी अंदर फंसे बाकी लोगों से कोई संपर्क नहीं है।

रैणी गांव के पास बचाव कार्य में स्निफर कुत्तों का भी इस्तेमाल
बचावकर्मी दो स्थानों पर काम कर रहे हैं। एक दल सुरंग के अंदर बचाव अभियान में जुटा है तो दूसरा दल रैणी गांव में ऋषिगंगा परियोजना के अवशेषों पर अभियान में लगा है। रैणी गांव के पास बचाव अभियान में स्निफर कुत्तों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।

विपरीत परिस्थितियों के बीच कई दिन खुदाई करने के बाद बचाव कार्य में लगी सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों ने सुरंग का एक हिस्सा खोलने में कामयाबी पाई है।

Created On :   17 Feb 2021 7:03 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story