ब्रह्मपुत्र नदी में उफान के कारण असम में बाढ़ का खतरा, चीन ने भारत सरकार को चेताया
- इस सूचना के बाद असम के डिब्रूगढ़ में अधिकारियों को जिला मुख्यालय न छोड़ने की सलाह दी गई है।
- चीन ने एक सूचना जारी करते हुए कहा कि भारी बारिश की वजह से वह ब्रह्मपुत्र नदी में पानी छोड़ सकता है।
- चीन ने भारत को असम और अरुणाचल प्रदेश में बाढ़ के खतरे को लेकर सचेत किया है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीन ने भारत को असम और अरुणाचल प्रदश में बाढ़ के खतरे को लेकर सचेत किया है। गुरुवार को अरुणाचल प्रदेश के सांसद निनोंग एरिंग ने इस खबर की पुष्टि की। चीन ने एक सूचना जारी करते हुए कहा है कि अपने इलाकों में भारी बारिश की वजह से वह ब्रह्मपुत्र नदी में और पानी छोड़ सकता है। इस सूचना के बाद असम के डिब्रूगढ़ में अधिकारियों को जिला मुख्यालय न छोड़ने की सलाह दी गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों को कहा गया है कि चीन से पानी छोड़े जाने पर ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे बसे असम और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्य बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं। एरिंग ने बताया कि चीन में भारी बारिश के चलते सांगपो नदी में उफान के बाद बीजिंग ने भारत सरकार को अलर्ट जारी किया है।
#Assam: Officers of Dibrugarh district have been asked not to leave the district headquarters in the view of release of excess water by Chinese govt, that may cause unprecedented rise in the water level in the river Brahmaputra, there by causing severe flood.
— ANI (@ANI) August 30, 2018
चीन की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन की सांगपो नदी इन दिनों उफान पर है और इसने 50 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सांगपो/ब्रह्मपुत्र नदी में 9020 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इसके बाद चीन ने बाढ़ को लेकर भारत सरकार को चेतावनी दी है। चीन की ओर से कहा गया है कि वह आगे और भी पानी छोड़ सकता है। सांगपो नदी को भारत में ब्रह्मपुत्र नदी के नाम से जाना जाता है। यह तिब्बत से होकर अरुणाचल प्रदेश के रास्ते भारत में आती है और बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
बता दें कि चीन ने करीब एक साल बाद भारत के साथ नदी का ब्योरा साझा करना शुरू किया है। चीन और भारत में हुए एक समझौता के अनुसार दोनों पक्षों ने ब्रह्मपुत्र नदी के जलस्तर से जुड़ी सूचनाएं 15 मई से 15 अक्टूबर के बीच साझा करने को लेकर हामी भरी थी। लेकिन पिछले एक साल से चीन ने यह बंद कर दिया था। चीन ने कहा था कि ब्योरा इकट्ठा करने वाले साइट्स बाढ़ के कारण ध्वस्त हो गए थे। वहीं उसी दौरान भारत और चीन के बीच डोकलाम विवाद भी शुरू हुआ था, जो कि लगभग 73 दिनों तक चला था। इसके बाद मार्च में चीन ने फिर से इसे शुरू करने को लेकर भारत सरकार को इसकी जानकारी दी थी। वहीं दोनों देशों के बीच सतलुज नदी से संबंधित ब्योरा देने को लेकर भी बात हुई थी, जिसे चीन ने एक जून से साझा करना शुरू कर दिया था।
Created On :   30 Aug 2018 11:57 PM IST