CJI ने दी सफाई: हमने आरोपी को दुष्कर्म पीड़िता से शादी का सुझाव कभी नहीं दिया, कोर्ट ने हमेशा महिलाओं को सम्मान दिया

CJI clarified: We never suggested marriage to the accused rape victim
CJI ने दी सफाई: हमने आरोपी को दुष्कर्म पीड़िता से शादी का सुझाव कभी नहीं दिया, कोर्ट ने हमेशा महिलाओं को सम्मान दिया
CJI ने दी सफाई: हमने आरोपी को दुष्कर्म पीड़िता से शादी का सुझाव कभी नहीं दिया, कोर्ट ने हमेशा महिलाओं को सम्मान दिया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) जस्टिस एसए बोबड़े की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने सोमवार को कहा कि आरोपी को रेप पीड़िता से शादी करने संबंधी कथित सुझाव को लेकर मीडिया में जो खबरें आईं या सामाजिक कार्यकर्ताओं के जो बयान सामने आए, वे सभी संदर्भ से परे हैं। पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि यह हमेशा महिलाओं को सर्वाधिक सम्मान और आदर देता है।

बोबड़े की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ में जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यन भी शामिल हैं। उन्होंने रेप के आरोपी को पीड़िता से शादी करने की बात कहने से भी इनकार किया। CJI की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि हमने कभी किसी आरोपी से पीड़िता से शादी करने को नहीं कहा। हमने कहा था, ‘क्या वह शिकायतकर्ता (पीड़िता) से शादी करेगा। कोर्ट ने उससे यह कभी भी नहीं कहा कि आप जाइए और उससे शादी कर लीजिए। इस मामले में हमने जो कहा था, उसकी पूरी तरह से गलत रिपोर्टिंग की गई।

CJI से इस्तीफे की मांग की थी
CJI की टिप्पणी के बाद खलबली मच गई थी। टिप्पणी के विरोध में 4,000 से ज्यादा महिला अधिकार कार्यकर्ताओं और प्रोग्रेसिव ग्रुप्स ने खुला खत लिखा था। खत में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट में एक रेपिस्ट से पीड़ित लड़की से शादी करने के लिए कहने और वैवाहिक बलात्कार को सही ठहराने के लिए CJI को इस्तीफा दे देना चाहिए।

तुषार मेहता ने किया CJI का समर्थन
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कोर्ट के बयानों को संदर्भ से बाहर कर दिया गया और उसे तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। अगर बयानों को घुमा फिराकर सामने रखा जाएगा, तो उसका मतलब कुछ और ही निकलेगा।

वहीं, मामले में पीड़ित के वकील ने कहा कि संस्था को कलंकित करने का प्रयास करने वाले लोगों के लिए कदम उठाने की जरूरत है। इस पर CJI ने कहा कि हमारी प्रतिष्ठा हमेशा बार के हाथों में होती है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 12 मार्च को होगी।

क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि पीठ ने 14-वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता द्वारा दायर एक याचिका की सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की थी। पीड़िता ने अधिवक्ता वीके बीजू के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और 26 माह के गर्भ को गिराने का अनुरोध किया था। पिछले हफ्ते, नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी 23-वर्षीय शख्स की जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान पीठ ने आरोपी से पूछा था, क्या तुम उससे शादी करोगे? 

आरोपी ने लगाई थी जमानत याचिका
मामले में आरोपी ने भी जमानत याचिका लगाई थी। पिछले हफ्ते ही सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आरोपी की गिरफ्तारी पर चार हफ्ते के लिए रोक लगा दी थी। आरोपी एक सरकारी कर्मचारी है, जो महाराष्ट्र राज्य बिजली उत्पादन कंपनी लिमिटेड में टेक्नीशियन है। आरोपी का तर्क था कि अगर उसे गिरफ्तार किया जाता है, तो उसकी नौकरी चली जाएगी।

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, ‘आपको लड़की के साथ छेड़खानी और बलात्कार से पहले ये बात सोचनी चाहिए थी। आपको पता था कि आप सरकारी कर्मचारी हैं, हम आपको शादी करने के लिए मजबूर नहीं कर रहे हैं, अगर आप करेंगे तो हमें बताएं, अन्यथा आप कहेंगे कि हम आपको उससे शादी करने के लिए मजबूर कर रहे हैं।’

Created On :   8 March 2021 6:13 PM GMT

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