जमानत के बावजूद रिहा नहीं हुए कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी, जेल प्रशासन ने बताई ये वजह

Comic Munawar Faruqui to remain in jail
जमानत के बावजूद रिहा नहीं हुए कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी, जेल प्रशासन ने बताई ये वजह
जमानत के बावजूद रिहा नहीं हुए कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी, जेल प्रशासन ने बताई ये वजह
हाईलाइट
  • इंदौर के जेल में बंद मुनव्वर फारुकी को फिलहाल जेल में ही रहना होगा
  • जेल अधिकारियों को अभी तक ऑफिशियल कम्यूनिकेशन नहीं मिला

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में इंदौर के जेल में बंद कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी को फिलहाल जेल में ही रहना होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि अधिकारियों को अभी भी सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनके प्रोडक्शन वारंट पर लगाए स्टे पर उत्तर प्रदेश की अदालत से ऑफिशियल कम्यूनिकेशन नहीं हुआ है। जेल अधिकारियों ने कहा कि वे मुनव्वर की रिहाई की प्रक्रिया के लिए यूपी की अदालत से कम्यूनिकेट करने की कोशिश कर रहे हैं।

जेल मैनुअल के अनुसार, प्रोडक्शन वारंट पर स्टे के लिए जेल अधिकारियों को उसी अदालत से संपर्क करना होगा, जिसने पहले प्रोडक्शन वारंट जारी किया था, जो मुनव्वर के मामले में होना बाकी है। जेल अधिकारियों के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट को फारुकी के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट पर स्टे के बारे में प्रयागराज में चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट को सूचित करना होगा। CJM, प्रयागराज इंदौर जेल अधीक्षक को ऑफिशियल कम्यूनिकेशन भेजेंगे। जिसके बाद ही फारुकी की रिहाई होगी।

बता दें कि इंदौर के कैफे मोनरो में 1 जनवरी को मुनव्वर फारुकी का कार्यक्रम था। आरोप है कि इस कार्यक्रम में मुनव्वर ने हिंदू देवी-देवताओं और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ कथित तौर पर अभद्र टिप्पणी की। इंदौर से बीजेपी विधायक और पूर्व मेयर मालिनी गौड़ के बेटे एकलव्य सिंह गौड़ ने इसकी शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद मुनव्वर और उनके चार साथियों को 2 जनवरी को धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने पांच आरोपियों के खिलाफ धारा -299-ए और धारा 269 भारतीय दंड संहिता (IPC) के प्रावधान के तहत मामला दर्ज किया है। 

5 जनवरी को, इंदौर के एक सत्र न्यायालय ने फारुकी की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। इसके बाद फारुकी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट ने 28 जनवरी को दिए अपने आदेश में मुनव्वर को यह कहते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया कि भाईचारे और सद्भावना का प्रचार करना हर नागरिक का संवैधानिक कर्तव्य है। हाईकोर्ट ने ये भी कहा था कि आप अन्य लोगों की धार्मिक भावनाओं का अनुचित लाभ क्यों उठाते हैं। आपकी मानसिकता में क्या गलत है? आप अपने व्यवसाय के उद्देश्य के लिए यह कैसे कर सकते हैं? इसके बाद मुनव्वर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे जहां से शुक्रवार को उन्हें जमानत दे दी गई। कोर्ट ने  मध्य प्रदेश पुलिस को नोटिस भी जारी किया।

Created On :   6 Feb 2021 4:48 PM GMT

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