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Coronavirus in Delhi: जांच के नियमों का उल्लंघन करने पर गंगाराम अस्पताल पर एफआईआर दर्ज

हाईलाइट
- दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ दिल्ली वालों के इलाज पर केजरीवाल कैबिनेट रविवार को फैसला लेगी
- कोरोना के बढ़ते मामलों पर बढ़ी सरकार की चिंता
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के निजी अस्पतालों को चेतावनी देने के कुछ ही घंटे बाद राज्य सरकार की शिकायत के बाद कोरोनो वायरस जांच को लेकर आईसीएमआर के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने के आरोप में यहां सर गंगाराम अस्पताल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। निजी अस्पताल को इस संबंध में 3 जून को दिल्ली सरकार द्वारा एक निर्देश जारी किया गया था। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक के खिलाफ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के उप सचिव अमित कुमार पमासी द्वारा दायर शिकायत में कहा गया कि अस्पताल कोरोना के नमूने एकत्र करते समय आरटी-पीसीआर एप का इस्तेमाल नहीं कर रहा था, जो कि अनिवार्य है। परीक्षण दिशानिर्देशों को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा तय किया गया है।
सीडीएमओ-कम-मिशन डायरेक्टर (सेंट्रल) ने उल्लेख किया है कि सर गंगाराम अस्पताल अभी भी 3 जून तक आरटी-पीसीआर एप का इस्तेमाल नहीं कर रहा था, जो कि महामारी रोग कोविड-19 विनियम 2020 के तहत जारी निर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन है। एफआईआर में यह कहा गया है। इससे पहले, केजरीवाल ने कोरोनोवायरस रोगियों को भर्ती करने से इनकार करने पर निजी अस्पतालों को कड़ी चेतावनी दी थी और कहा था कि दिल्ली सरकार ऐसे अस्पतालों में स्वास्थ्य अधिकारियों को तैनात करेगी जो प्रत्येक कोरोना रोगी को बेड की उपलब्धता सुनिश्चित करें। केजरीवाल ने ऐसे मरीजों का इलाज करने से इनकार करने वाले अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी।
केजरीवाल ने कहा, मरीज़ को भर्ती करना ही होगा
कोविड-19 संक्रमण के संदिग्ध मरीजों के लिए भी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक नया आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि अगर कोई मरीज गंभीर स्थिति में है और उसे सांस लेने में तकलीफ़ हो रही है तो कुछ अस्पताल उसे भर्ती करने से इनकार कर देते हैं। आज मैं आदेश देता हूं कि किसी संदिग्ध मरीज को कोई अस्पताल भर्ती करने से इनकार नहीं कर सकता। केजरीवाल ने ये भी कहा कि दिल्ली में टेस्टिंग बंद नहीं हुई है और शनिवार सुबह तक 5300 सैंपल्स की टेस्टिंग हुई है।
दिल्ली में सरकारी और निजी मिलाकर 42 लैब में हो रही टेस्टिंग
सीएम केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में सरकारी और निजी मिलाकर कुल 42 लैब में टेस्टिंग होती हैं उनमें से छह लैब में गड़बड़ी हो रही थी। हमने सिर्फ उन छह के खिलाफ एक्शन लिया है, 36 अब भी काम कर रही हैं। दिल्ली में सरकार के 17 कोविड टेस्टिंग सेंटर हैं। इसके साथ ही हर सरकारी और निजी अस्पताल में फ्लू क्लीनिक हैं, जहां टेस्ट होता है। इसके अलावा आप किसी प्राइवेट लैब से भी संपर्क कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री केजरीवाल की चेतावनी
दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने सभी अस्पतालों को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर कोई भी शख्स इलाज के लिए आता है तो उसका इलाज करना होगा। किसी व्यक्ति को अस्पताल में इलाज करवाने में दिक्कत न हो यह सुनिश्चित करवाने के लिए अब से सभी कोविड अस्पतालों में दिल्ली सरकार एक प्रोफेशनल नियुक्त करेगी। अस्पताल के अंदर मौजूद प्रोफेशनल जानकारी देगा कि अस्पताल में बेड मौजूद है या नहीं। जो बाद में ऐप पर भी डाला जाएगा, जिससे लोगों तक अस्पताल के अंदर बेड की सही जानकारी पहुंच सके।
दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ दिल्ली वालों के इलाज पर फैसला आज
वहीं दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार रविवार को एक अहम फैसला लेने जा रही है कि क्या स्थानीय अस्पतालों में दिल्ली के लोगों का ही इलाज होगा या बाहरी लोगों को भी यह सुविधा मिल सकती है। बता दें, दिल्ली में चिकित्सा व्यवस्था को लेकर शनिवार को डॉ. महेश वर्मा कमेटी ने दिल्ली सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली का हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर केवल दिल्ली के लोगों के लिए इस्तेमाल हो। अगर बाहर वालों के लिए दिल्ली का हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर खोला गया तो 3 दिन के अंदर सारे बेड भर जाएंगे। डॉ. महेश वर्मा कमेटी की इस रिपोर्ट पर रविवार 11.30 बजे दिल्ली कैबिनेट की बैठक होने वाली है। इस बैठक के बाद तय होगा कि दिल्ली के हेल्थकेयर इन्फ्रास्ट्रक्चर दूसरे राज्यों के लिए खोले जाएं या नहीं।
कोरोना के बढ़ते मामलों पर बढ़ी सरकार की चिंता
कोरोना के बढ़ते मामलों पर सरकार में चिंता है। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि राजधानी से जिस तरह से कोरोना के मामले आ रहे हैं वो चिंताजनक है। दिल्ली सरकार ने 8500 बेड का इंतजाम किया है। इनमें से 45 फीसदी बेड पर मरीज हैं और आगे बेड बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा, लॉकडाउन से पता चला कि कोरोना इतनी जल्दी जाने वाला नहीं है। अब इससे बचने के बारे में सीखना होगा। मास्क पहनना, हाथ धोना और सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है। इससे ही वायरस को बढ़ने से रोक सकते हैं।
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