फिर सुर्खियों में कटक के डी प्रकाश राव, पीएम मोदी कर चुके हैं राव की तारीफ
डिजिटल डेस्क, कटक। कुछ लोग अपने काम, अपनी मेहनत और लगन से बदलाव लाने की दिशा में आगे बढ़ते हैं और उसे हकीकत का रूप देते हैं। ऐसी ही कहानी है ओडिशा के कटक शहर में रहने वाले डी प्रकाश राव की। इस समय डी प्रकाश राव की अपने सेवाभाव की वजह से सुर्खियों में बने हैं। दरअसल राव पिछले पांच दशकों से कटक शहर में चाय बेच रहे हैं। वो न सिर्फ चाय बेचते हैं बल्कि उन्होंने शहर के करीब 70 से अधिक गरीब बच्चों के जीवन में शिक्षा देने का काम भी कर रहे हैं। झुग्गी-बस्तियों में रहने वाले इन बच्चों की शिक्षा के लिए राव अपनी आमदनी का आधा हिस्सा देते हैं। प्रधानमंत्री ने अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में 27 मई को राव के इस कार्य की सराहना भी थी।
मन की बात में हुआ राव का जिक्र
प्रधानमंत्री अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में अक्सर कोई न कोई शख्स का जिक्र जरूर करते है। 27 मई 2018 को कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने ओडिशा के कटक में रहने वाले डी प्रकाश राव का जिक्र किया था। पीएम ने कहा था कि राव का चाय का धंधा है और वह इससे होने वाली आय से बच्चों के हित में काम करते हैं। उनका जीवन सबको प्रेरित करने वाला है। मैं प्रकाश राव जी की कड़ी मेहनत, लगन और गरीब बच्चों को नई दिशा देने के लिए बहुत बहुत बधाई देता हूं।
D Prakash Rao, from Odisha"s Cuttack has been selling tea for the past 50 years. He spends 50% of his income on the education of more than 70 poor children. His life is an inspiration to all: PM Narendra Modi #MannKiBaat pic.twitter.com/QIbU4tuQs0
— ANI (@ANI) May 27, 2018
सन 1976 से चला रहे हैं चाय की दुकान
डी.प्रकाश राव कटक के बख्शीबाजार में एक स्लम में रहते हैं। वो सन 1976 से इस चाय की दुकान को चला रहे हैं। प्रकाश बचपन में पढ़ाई करना चाहते थे, लेकिन जब वो ग्यारहवीं क्लास में थे तो उनके पिता को गंभीर बीमारी हो गई। इसके कारण पढ़ाई छोड़कर वो दुकान चलाने लगे। डी प्रकाश राव पिछले 50 साल से चाय का बिजनेस कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने देखा कि यहां झुग्गी में रहने वाले लोग अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजते। ऐसे में प्रकाश ने अपने पैसे से साल 2000 में स्कूल खोल दिया।
बच्चों को लिए खोला आशा-आश्वासन स्कूल
प्रकाश राव में कड़ी मेहनत और लगन से गरीब बच्चों को नई दिशा दे रहे हैं। वे स्कूल में आने वाले सभी बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य और भोजन की पूरी व्यवस्था करते हैं। उन्होंने झुग्गी-बस्तियों में रहने वाले बच्चों के लिए आशा-आश्वासन नाम का एक स्कूल खोला है। यह स्कूल बस तीसरी क्लास तक ही है। तीसरी क्लास पास करने वाले बच्चों को प्रकाश सरकारी स्कूल में दाखिल करा देते हैं। उनके स्कूल के बच्चे पढ़ाई के अलावा खेलों की दुनिया में भी नाम कमा रहे हैं। दिसम्बर 2015 में मानवाधिकार दिवस पर ओडिशा ह्यूमन राइट कमीशन ने प्रकाश को सम्मानित किया था। उनके इस स्कूल के बारे में कुछ डॉक्यूमेंट्री भी बन चुकी हैं।
प्रकाश राव पिछले 40 साल से रक्तदान करते आ रहे हैं। स्कूल चलाने के अलावा प्रकाश पास के एससीबी अस्पताल में सरकार की मदद से एक सहायता केंद्र भी चलाते हैं। वो मरीजों को दूध, गर्म पानी, आइस क्यूब और अन्य जरूरत की चीजें उपलब्ध करवाते हैं। प्रकाश राव ट्रू लीजेंड अवॉर्ड्स 2016 के अवार्ड से भी सम्मानित हो चुके हैं।
Created On :   30 May 2018 12:10 PM IST