नीतीश ने किया दावा, अपराध हुए कम, परिवारों में बढ़ी खुशहाली
डिजिटल डेस्क, पटना। जबसे बिहार में शराब बैन हुई है, तभी से इसकी कामयाबी और नाकामी को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। ड्राय स्टेट बने बिहार में शराबबंदी के बाद से महिलाओं के खिलाफ अपराध में भारी कमी आई है। पहले मानसिक हिंसा 79 फीसद थी, वो अब घटकर महज 11 फीसद रह गई। इसी तरह अन्य तरह के अपराध भी कम हुए हैं। इससे पता चलता है कि शराबबंदी का किस तरह का पॉजिटिव प्रभाव समाज में पड़ रहा है। ये जानकारी खुद सीएम नीतीश कुमार ने रविवार को पटना में नशा मुक्ति दिवस पर आयोजित समारोह में दी। उन्होंने कहा-इन आंकड़ों से पता चलता है कि शराबबंदी का किस तरह का सकारात्मक प्रभाव समाज में पड़ रहा है। जो लोग शराबबंदी अभियान का मजाक उड़ाते थे या उड़ाते हैं, उन्हें ये आंकड़े देखने चाहिए। सांप्रदायिक सद्भाव में शराबबंदी का अद्भुत योगदान है।
अपराधों में कमी को लेकर खुद सीएम नीतीश ने बताया कि "राज्य में पूर्ण शराबबंदी के प्रभाव के अध्ययन से साफ हुआ है कि इससे परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार आया है। अपराध, घरेलू हिंसा एवं सड़क हादसों में कमी आई है।"
नीतीश ने कहा कि मद्य निषेध विभाग ने अपने 17 कर्मियों पर प्रशासनिक कार्रवाई शुरू की है। 8 कर्मियों को बर्खास्त किया। पुलिस विभाग ने 242 कर्मियों पर कार्रवाई की। 29 को सेवा से बर्खास्त किया। 80 पुलिसकर्मियों को जेल भेजा गया है। 15 पुलिस अधिकारियों को 10 साल तक थाने की पोस्टिंग से वंचित रखा गया है। कई स्तरों पर मॉनिटरिंग की जा रही है। इस धंधे में जो भी लोग लगे हुए हैं, वह बचेंगे नहीं।
घर खर्च भी हुआ संतुलित
इतना ही नहीं नीतीश ने ये भी कहा कि "शराबबंदी से पहले लोग भोजन पर हर हफ्ते महज 1005 रुपए खर्च करते थे, जबकि शराबबंदी के बाद 1331 रुपए खर्च कर रहे हैं। शराबबंदी के बाद 43 फीसदी पुरुष खेती पर ज्यादा समय देने लगे हैं। 84 फीसदी महिलाओं को ज्यादा बचत हो रही है और उनकी आय में बढ़ोतरी हुई है। राज्य सरकार के पांच हजार करोड़ रुपए के राजस्व नुकसान के बदले लोगों को 10 हजार करोड़ रुपए की बचत होने लगी। अमीरों पर इसका असर नहीं पड़ता था लेकिन आमजन परेशान थे। 200 रुपए रोज कमाने वाला डेढ़ सौ रुपए शराब में गंवा देता था।
Created On :   27 Nov 2017 4:05 AM GMT