- भारत में पिछले 24 घंटे में #COVID19 के 13,823 नए मामले सामने आए। 162 नई मौतों के बाद कुल मौतों की संख्या 1,52,718 हो गई है।
- J-K: अख्नूर सेक्टर पर पाकिस्तान ने तोड़ा सीजफायर, फायरिंग में 4 भारतीय जवान जख्मी
- तांडव विवाद: मुंबई पहुंची UP पुलिस, आज वेब सीरीज के डायरेक्टर-प्रोड्यूसर से होगी पूछताछ
- गुरु गोबिंद सिंह का प्रकाश पर्व आज, PM मोदी ने उनके साहस और बलिदान को किया याद
- मुस्लिम संगठनों की ओर से 22 जनवरी को बुलाया गया बेंगलुरु बंद कैंसिल
दिल्ली : भाजपा का धरना, केजरीवाल सरकार से मांगा विज्ञापनों पर खर्च का हिसाब

हाईलाइट
- दिल्ली : भाजपा का धरना, केजरीवाल सरकार से मांगा विज्ञापनों पर खर्च का हिसाब
नई दिल्ली, 1 जून (आईएएनएस)। आर्थिक संकट का हवाला देते हुए दिल्ली सरकार की ओर से केंद्र सरकार से 5 हजार करोड़ रुपये मांगे जाने पर दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने निशाना साधा है। उन्होंने सोमवार को राजघाट पर धरना-प्रदर्शन के दौरान तंज कसते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार के पास विज्ञापनों के लिए पैसे हैं, लेकिन कर्मचारियों के वेतन के लिए पैसे नहीं।
कोरोना के संकट के बीच धरना-प्रदर्शन कर रहे भाजपा नेताओं को दिल्ली पुलिस ने बाद में हिरासत में ले लिया।
भाजपा नेता कुलजीत सिंह चहल ने कहा, दिल्ली में तेजी से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के बावजूद सीएम अरविंद केजरीवाल अभी तक निद्रा में हैं।
प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए दिल्ली भाजपा के नेताओं ने प्रदर्शन के बाद गिरफ्तारी दी।
धरना-प्रदर्शन के दौरान तिवारी ने कहा, केजरीवाल सरकार जनता से झूठ बोलना बंद करे। सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है। क्या केजरीवाल सरकार को विज्ञापनों पर खर्च के लिए 5000 करोड़ रुपये चाहिए? मुख्यमंत्री जवाब दें।
उन्होंने इस दौरान केजरीवाल सरकार की ओर से अब तक मीडिया को दिए विज्ञापनों के पैसे का हिसाब मांगा। उन्होंने कहा, 22 मार्च के जनता कर्फ्यू से लेकर आज तक टीवी, प्रिंट और इंटरनेट पर दिए विज्ञापनों पर कितने करोड़ खर्च किया और अस्पतालों के बेड व वेंटिलेटर पर कितना खर्च किया, मुख्यमंत्री जनता को जवाब दें।
तिवारी ने कहा कि दिल्ली की जनता जब प्राइवेट हॉस्पिटल में 5 लाख देकर इलाज कराएगी, होम आइसोलेशन में रहेगी। होटल में भी 3100 रुपये प्रतिदिन की दर से क्वारंटाइन हो रही है, तब तो सरकार का एक रुपया भी खर्च नहीं होना है। फिर पांच हजार करोड़ रुपये किस लिए? आम आदमी पार्टी को जवाब देना चाहिए कि 22 मार्च से 29 मई तक बेड और वेंटिलेट पर कितना खर्च किया।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व वित्तमंत्री मनीष सिसोदिया ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रें स कर केंद्र सरकार से दिल्ली की आर्थिक मदद करने की अपील की थी। उन्होंने कहा था, मैंने केंद्रीय वित्तमंत्री को चिट्ठी लिखकर दिल्ली के लिए 5 हजार करोड़ रुपये की मांग की है। इसके बाद से भाजपा दिल्ली सरकार पर निशाना साधने में जुटी है।
कमेंट करें
ये भी पढ़े
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।